शुक्रवार, 25 दिसंबर 2009

गुरु ग्रह का राशी परिवर्तन

गुरु ग्रह का राशी परिवर्तन १९ दिसंबर को हो गया अब गुरु अपनी नीच राशी (मकर)से कुम्भ राशी में चले गए हैं गुरु ग्रह के राशी परिवर्तन को सभी बड़ी आशा से देखते हैं इनका गोचर उन सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता हैं जो अविवाहित हैं या जो संतान प्राप्ति के इच्छुक हैं या किसी ऋण से ग्रस्त हैं नौकरी व्यवसाय आदि में तरक्की व उन्नति चाहते हैं गुरु का यह परिवर्तन ५ माह तक कुम्भ राशी में रहेगा जो की भारत हेतु सुरक्षा व आर्थिक दृष्टी से शुभ नहीं होगा आईये विभिन्न राशियो हेतु गुरु के इस परिवर्तन का प्रभाव जानने का प्रयास करते हैं

मेष राशी -अत्यंत शुभ गोचर (एकादश भाव)जिससे धन व सम्मान की प्राप्ति,सुखो में वृद्दि,विवाह व संतान प्राप्ति के अवसर बनेंगे

वृष राशी-यह समय संघर्षमय रह सकता हैं कोई भी काम सोचविचार कर करे, वाणी पर नियंत्रण रखे अन्यथा मान सम्मान में कमी हो सकती हैं,कोई नया काम ना करे

मिथुन राशी- परेशानियो से मुक्ति,समस्त इच्छाए पूर्ण होगी,भाग्य वृद्दि,भाई व संतान से सहयोग मिलेगा

कर्क राशी-अशुभ गोचर(अष्टम भाव)होने से स्वास्थ्य हानि व सम्मान में कमी,भागदौड़ एवं नुक्सान,क्रोध से बचे

सिंह राशी -कार्य क्षेत्र में परेशानिया व मतभेद,धन की कमी होगी,कोई भी निर्णय सोच समझकर ही करे

कन्या राशी -पेट व त्वजा जनित रोग हो सकते हैं,प्रतियोगिता में सफलता मिलना मुश्किल होगा, परिश्रम व धैर्य से समय निकाले

तुला राशी-भाग्य से सहयोग,विवाह व संतान प्राप्ति के योग,नौकरी व्यवसाय में लाभ,निवेश हेतु अच्छा समय

वृश्चिक राशी-स्थान परिवर्तन,नौकरी व्यवसाय में बदलाव,मानसिक चिंता व वाद विवाद बढ़ सकते हैं,माता के स्वस्थ्य में कमी होगी

धनु राशी-भाई बहनों से झगडे,शारीरिक थकान,परिजनों से मतभेद,लम्बी यात्रा ना करे

मकर राशी-आर्थिक लाभ व धन प्राप्ति,विवाह योग,आत्मविश्वास में वृद्दि होगी,व्यव्हार में बदलाव आएगा

कुम्भ राशी-मान सम्मान में कमी,कार्यो में विलम्ब,असंतुष्टि,स्थानान्तरण व उन्नति न होना

मीन राशी-खर्चे बढेंगे,मांगलिक कार्य होंगे,जीवन साथी व संतान से मतभेद होंगे,कोई पुराना रोग उभरेगा तथा आरोप लग सकते हैं

जिन राशियो हेतु गुरु का यह गोचर प्रतिकूल प्रभाव देने वाला हैं उन्हें निम्न उपाय करने चाहिए-
१)भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करे
२)ॐ ब्रह्म ब्रह्स्पते नमः मंत्र का यथाशक्ति जाप करे व गुरूवार का व्रत करे
३)पीपल के पेड़ पर हल्दी मिला दूध चढ़ाकर घी का दीपक जलाये
४)गुरूवार के दिन पीले वस्त्र,पीली दाल,पीतल के बर्तन,केले आदि का दान ब्राह्मण को करे
५)गाय को गुड से बनी रोटी खिलाये
६)पुखराज,पीताम्बरी या सुनहला रत्न धारण करे
७)गुरुजनों व बड़े बुजुर्गो का सम्मान करे,सेवा करे तथा आशीर्वाद प्राप्त करे

3 टिप्‍पणियां:

राज भाटिय़ा ने कहा…

पडित जी धन्यवाद इस जानकारी के लिये. क्रूप्या इस Word Verification को हटा दे, कई बार हमे इसे देख कर भाग जाते है बिना टिपण्णी दिये, यह बहुत समय खराब करता है, ओर इस का कोई लाभ नही

kishore ghildiyal ने कहा…

Raj ji
is hauslaafjai ke liye shukriya

alka mishra ने कहा…

आपके कथनानुसार तो ये परिवर्तन मेरे लिए और मेरे पति के लिए शुभ है ,
अगर ऐसा होता है तो हमें ही नहीं एक बहुत बड़े समुदाय का भला होगा
तब हम आपको तकलीफ देंगे