पन्ना रत्न के सम्बंध में कहा जाता है कि जो कोई इसे पहनता हैं, उसे ये अत्यधिक लाभ देता हैं यह बात बहुत हद तक सही भी है, लेकिन यदि इसे वे लोग भी धारण करें, जिनकी कुंडली में निम्नलिखित बातें हों तो यह अति फलदायक सिद्ध होता देखा गया हैं -
1 बुध ग्रह का रत्न पन्ना है और बुध मिथुन व कन्या राशि का स्वामी है । अतः मिथुन व कन्या लग्न वालों के लिए पन्ना धारण करना सर्वोत्तम होता है । इससे चौतरफा लाभ होता है ।
2 यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध छठे व आठवें भाव में स्थित हो, तो उसके लिए पन्ना पहनना लाभकारी होता है ।
3 यदि कुंडली में बुध सूर्य एक ही राशि राशि में स्थित हो तो पन्ना धारण करना परम लाभप्रद होता है ।
4 यदि बुध धनेश होकर नवम भाव में स्थित हो तो पन्ना पहनना कल्याणकारी माना जाता है ।
5 अगर बुध सप्तमेश होकर द्वितीय भाव में, नवमेश होकर चौथे भाव में या भाग्येश होकर छठे भाव में स्थित हो तो पन्ना पहनना अत्यंत शुभ व परम लाभदायी होता है ।
6 अगर बुध शुभ व श्रेष्ठ भाव का स्वामी होकर, अपने भाव से अष्टम स्थान में स्थित हो, तो पन्ना अवश्य धारण करना चाहिए |
7 यदि बुध की महादशा या अंतर्दशा चल रही हो तो पन्ना पहनना लाभकारी होता है ।
8 यदि जन्मकुंडली में बुध 2, 3, 4, 5, 7, 9, 10 अथवा 11वे भाव का स्वामी होकर अपने भाव से छठे स्थान पर स्थित हो तो पन्ना पहनना अति उत्तम होता है ।
9 यदि बुध मंगल,शनि, राहु अथवा केतु के साथ स्थित हो, तो पन्ना पहनना शुभ माना जाता है ।
1 अगर बुध पर शत्रु ग्रहों की दृष्टि हो तो पन्ना अवश्य धारण करना चाहिए ।
11 व्यापार - वाणिज्य, गणित व एकाउंटेंसी सम्बंधी कार्य से जुड़े लोग पन्ना अवश्य धारण करना चाहिए । इससे उन्हे बहुत अच्छा फल प्राप्त होता है ।
12 जिन व्यक्तियों की स्मरण शक्ति कमजोर हो उन्हें पन्ना धारण करने से लाभ होता है ।
13 जिन बच्चों का पढ़ाई में मन ना लगता हो या फिर जो पढ़ते हो वह शीघ्र ही भूल जाते हैं, उनके लिए यह उनकी मानसिक विचारधारा और बुद्धि को सहयोग देता है |
14 जो व्यक्ति हकलाते या तुतलाते हो उनके लिये पन्ना औषधि का काम करता है |
15 जिन व्यक्तियों को तच्वा रोग होता हे उनके लिये भी पन्ना औषधि का काम करता है |
16 जो जातक व्यापार करते हे उनके लिये पन्ना अत्यंत लाभकारी सिद्ध होता हे ।
17 जो सभा मे भाषण या कालेजो मे पढाते हे उनकी वाणी मे आकर्षण के लिये वो व्यक्ति भी पन्ना धारण कर सकते हे |
राशि के लग्न के अनुसार पन्ने का व्यवहार - पन्ना प्रत्येक राशि मैं भिन्न फल देता है, जो निम्नलिखित है -
मेष लग्न में बुध दो अनिष्ट भावों तृतीय और षष्ठ का स्वामी होता है । अतः इस लग्न के व्यक्तियों के लिए पन्ना अत्यंत हानिप्रद होता है ।
वृष लग्न में बुध द्वितीय और पंचम त्रिकोण का स्वामी होकर एक योगकारक ग्रह बन जाता है | अतः इस लग्न के व्यक्तियों द्वारा पन्ना धारण करने पर पारिवारिक शांति, धन लाभ, बुद्धि-बल, संतान सुख, मान-सम्मान, यश तथा भाग्योदय प्राप्त होता है । बुध की महादशा में पन्ना धारण करना विशेष तौर पर लाभकारी होगा । अगर वृष लग्न के जातक पन्ना को हीरे के साथ पहनें तो जीवन में सुख-समृद्धि की कमी नहीं होगी ।
मिथुन लग्न में बुध लग्न व चतुर्थ भाव का स्वामी है । अतः इस लग्न के व्यक्तियों को पन्ना अवश्य पहनना चाहिए, क्योंकि यह हमेशा कष्ट व विपत्ति से रक्षा करता है । बुध की महादशा में पन्ना पहनना विशेष लाभकारी होगा ।
कर्क लग्न में बुध तृतीय तथा द्वादश भाव का स्वामी है ये दोनों भाव अशुभ होते हैं इसलिए ऐसे जातकों को पन्ना नहीं धारण करना चाहिए ।
सिंह लग्न में बुध द्वितीय और एकादश भाव का स्वामी होता है । अतः इस लग्न के व्यक्तियों द्वारा बुध की महादशा में पन्ना धारण करने पर आर्थिक लाभ,संतान,पारिवारिक सुख तथा यश - कीर्ति की प्राप्ति होती है ।
कन्या लग्न में बुध लग्न व दशम भाव का स्वामी है । अतः इस लग्न के व्यक्तियों को पन्ना पहनने से हमेशा लाभ होता है । यह जातक की शारीरिक, मानसिक एवं सामाजिक तौर पर रक्षा करता है । इससे आयु में वृद्धि तथा व्यवसाय में उन्नति राजकृपा एवं मान- सम्मान बढ़ता है ।
तुला लग्न में बुध नवम और द्वादश भाव का स्वामी होता है । द्वादश भाव में बुध की मूल त्रिकोण राशि पड़ती है लेकिन साथ ही नवम त्रिकोण का स्वामी होने के कारण बुध को तुला लग्न के लिए शुभ ग्रह माना गया है । अतः यदि तुला लग्न के जातक हीरा के साथ पन्ना धारण करें तो उन्हें परम लाभ एवं सुख प्राप्त होता है क्योंकि तुला लग्न के स्वामी शुक्र और बुध में परम मित्रता है ।
वृश्चिक लग्न वालों
के लिए बुध आठवे व ग्यारहवे भाव का स्वामी बनता हैं जिस कारण केवल बुध की दशा मे इसे
धारण आकस्मिक लाभ के लिए धारण किया जा सकता हैं |
धनु लग्न वालों के
लिए बुध सातवे व दसवे भाव का मालिक बनता हैं विवाह अथवा कैरियर के लिए इसे बुध की दशा
मे धारण कर सकते हैं |
मकर लग्न वालों के
लिए बुध छठे व नवे भाव का स्वामी बनता हैं जिस कारण इसे लग्नेश शनि के रत्न नीलम के
साथ धारण किया जाना लाभदायक रहता हैं |
कुम्भ लग्न वालों
के लिए बुध संतान व अष्टम भाव का स्वामी होता हैं जिस कारण इसे लग्नेश शनि
के रत्न नीलम के साथ धारण किया जाना लाभदायक रहता हैं |
मीन लग्न वालों के
लिए बुध चौथे व सातवे का स्वामी बनता हैं जिस कारण इसे बुध की दशा मे धारण करना विशेष
लाभदायक रहता हैं |
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