अनिष्ट ग्रहों
का उपाय
उपाय सूर्य
निकलने के बाद सूर्य छिपने तक दिन के समय करें, शनि को रात का
राजा माना जाता है, इसलिए रात के समय उपाय करना कई बार
अशुभ फल दे सकता है ।
उपाय शुरु
करने के लिए किसी खास दिन जैसे सोमवार,मंगलवार अथवा अमावस्या,पूर्णिमा आदि का कोई
विचार नहीं होगा ।
जातक का अपना कोई भाई, माता-पिता,दादा-दादी,पुत्र-पुत्री में से कोई भी खून का सम्बन्धी उपाय कर सकता है जो फलदायी होगा |
एक दिन में केवल
एक ही उपाय करें,दो उपाय इकट्ठे शुरु करने
से कई बार शुभ फल में खराबी हो सकती है ।
लाल किताब में कई स्थानों पर शराब न पियें, मांस-मछली न खाये, चाल-चलन
ठीक रखे (झूठ न बोलें, झूठी गवाही न दे, नीयत
में खोट न रखें) पर स्त्री-पुरुष से सम्बन्ध कायम न करें, आदि
बाते लिखी गई है, अनिष्ट ग्रह चाल वाला जातक उपरोक्त
बातों का शिकार हो जाता है अत: जन्म कुण्डली जातक को इनसे दूर रहना चाहिए ।
हर उपाय 40-43 दिन करना जरूरी है इसके बाद कभी-कभी उपाय करें । उपाय चलते समय एक दिन भूल हो जाए तो (चाहे 39 वां ही दिन क्यों न हो) किया निष्फल हो सकता है । इसलिए उपाय फिर से दुबारा करना चाहिए |
किसी कारण से
चलता उपाय किसी दिन बीच में बन्द करना पड़े तो उसी दिन थोडे से बासमती चावल दूध से
धोकर सफेद कपडे में बांध कर पास रख ले। फिर जिस दिन उपाय शुरु करना हो तो उन
चावलों को ऐसी जगह गिरा दे जहां उनका निरादर न हो और उपाय शुरु कर दे ऐसा
करने से उपाय का पूरा फल मिलेगा ।
जिस समय के लिए जो उपाय लिखा है, उस समय तक वह उपाय करें ।
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