1)सूर्य ग्रह - जिस जातक की जन्म कुण्डली में सूर्य अशुभ होकर शरीर को कष्ट देता होतो वह गेहं, गड़ और तांबा दान करें । यदि सूर्य संतान प्राप्ति में बाधक होतो हरिवंश पुराण की कथा करानी चाहिये ।
यदि सूर्य के कारण दाम्पत्य सुख में बाधा
होतो - रात्रि में खाना बनाने के बाद गैस - चूल्हा या स्टोव इत्यादि (जिस पर आप
खाना बनाते हों) दूध से बुझाये ।
व्यापार में सूर्य बाधक होतो चलते पानी
में तांबे का पैसा बहाना चाहिये ।
यदि धन की प्राप्ति में सूर्य बाधक होतो -
आक के पत्ते पर रोटी वटवृक्ष
के नीचे रखने से लाभ
मिलता है ।
नीच
सूर्य के उपाय - यदि किसी जातक का सूर्य नीच राशि (सातवे घर) में
होतो - रविवार के दिन गुड़ में बने चावल दूध मिलाकर खायें और गेहूं भूनकर गुड़
मिलाकर लडडू बनाकर स्कूल में बच्चों को बांटें । गेहूं, गुड़ और तांबा दान करना भी सूर्य को उच्च करने का
उत्तम उपाय है ।
2)अशुभ चन्द्रमा के लिये उपाय - यदि किसी
जातक की जन्म कुण्डली में चन्द्रमा अशुभ स्थिति के कारण पीड़ा दे रहा हो तो सवा दो
माशे/ग्राम चांदी का चन्द्रमा बनवाकर चलते पानी में बहा दें ।
यदि चन्द्र ग्रह के कारण मानसिक परेशानी
होतो रात को पानी का बर्तन सिरहाने रखकर
सोयें और सुबह वह पानी कीकर के पेड़ में डाल दें ।
चन्द्रमा के कारण अल्पायु योग होतो
श्मशान के कुयें या जल स्त्रोत का पानी लाकर जातक अपनी शैय्या के नीचे रखे और सुबह
वह पानी भगवान शंकर पर चढ़ावे ।
चन्द्र के दोष से यदि संतान सुख में कमी
होतो 43 दिन शिवलिंग
पर दूध चढायें ।
पति - पत्नि में अनबन होतो दूध और जल
खिरनी के पेड़ में डालें ।
नीच
चन्द्रमा के उपाय - यदि जातक का चन्द्रमा नीच राशि (अष्टम घर) में
होतो वह सोमवार को दूध-चावल (खीर) का भोजन करे, चांदी के वर्क खायें सफेद वस्त्र पहने । सोने में मोती धारण करे और चांदी -
चावल व मोती का दान भी करे ।
3)अशुभ मंगल के उपाय - यदि जातक की
जन्मकुण्डली में मंगल अनिष्टदायक हो और जातक पर कर्जा अधिक हो तो गुड़ की बनी रेवड़िया पानी में
बहायें । मंगल यंत्र की पूजा करें । सुंदरकाण्ड या हनुमान चालीसा का पाठ करें ।
मंगलवार के 21 व्रत करें और गाय को
गुड़ खिलायें।
मंगल ग्रह के कारण संतान प्राप्ति में
बाधा होतो मसूर की दाल मंगलवार के दिन सांण्ड को खिलायें ।
वैवाहिक जीवन में कलह होतो 1 किलो आटा मे 250 ग्राम गुड
मिलाकर तंदूर में मीठी रोटीयां बनाकर गाय को खिलायें ।
मंगल ग्रह व्यापार में हानिकारक होतो
मृगछाला बिछाकर बैठें ।
मंगल के कारण उन्माद अथवा गुस्सा अधिक आता होतो मंगलवार के दिन गेहूं और सिंदूर पानी में बहायें ।
नीच
मंगल के उपाय - यदि कुण्डली में मंगल नीच हो (चतुर्थ घर) या
जातक मंगलीक हो\तो - मंगलवार के दिन मल्का/मसूर की
दाल आदि (मंगल की वस्तुओं) का प्रयोग अपने लिये नहीं करें । गुड़ की रेवड़ियां
पानी में बहायें । मीठी रोटी बनाकर बालकों और वानरों को बाटें ।
मंगल
उच्च के उपाय - उच्च मंगल वाला जातक मंगल के दिन लड्डू हनुमान मंदिर में चढ़ाकर
स्वयं खाये । लाल रूमाल अपनी जेब में रखे और मसूर की दाल का प्रयोग अधिक करें ।
4)अशुभ बुध के उपाय -
जिस जातक की कुण्डली में तीसरे या छटे स्थान में चन्द्र से बुध पीडित होतो ऐसे जातक के परिवार में
विवाह के समय/जन्म के समय अचानक दुर्भाग्यपूर्ण घटनायें घटित होती हैं और जातक को शारीरिक कष्ट व व्यापार में हानि होती है । इस अनिष्ट से
बचने के लिये जातक पीले रंग की 51 कौडियाँ
जलाकर उसकी भस्म बुधवार के जल मे प्रवाह
कर दे ।
यदि
बुध के कारण वैवाहिक जीवन या संतान
सुख मे बाधा होतो – तांबे के पैसे में चार सुराख करके नदी मे जलप्रवाह करे |
यदि
बुध के कारण जातक की बुद्दि पर प्रतिकूल प्रभाव होतो - साबुत मूंग हरे वस्त्र मे बांधकर दुर्गा पूजन करके माँ दुर्गा को चढ़ाये ।
बुधग्रह
के कारण सूंघने की शक्ति कम हो गई हो या नपुंसकता होतो नित्य फिटकरी से दाँत साफ करे |
नीच बुध
के उपाय - जिस जातक की कुण्डली मे बुध नीच राशि (बारहवे घर) के होतो वह जातक बुधवार के दिन साबुत मूंग की दाल का
सेवन न करे । हरे रंग के वस्त्र ना पहने । अपने घर की छत हरे पौधे व
बुध की वस्तुए ना रखे | नाक छेदन
कराके 100 घंटे चांदी डालकर रखे | मंगलवार की रात मूंग साबुत
भिगोकर रखें और बुधवार प्रात: पक्षियो/जानवरों को खिलाये ।
5)अशुभ
बृहस्पति के उपाय - जिस
की कुण्डली में बृहस्पति अशुभ हेकर संतान पक्ष में कष्ट/शिक्षा में रुकावट देता हो अथवा उस पर झूठे
आरोप लगते होतो - वह जातक परिवार के प्रत्येक सदस्य से एक-एक रूपया लेकर धर्म स्थान में दान करे और इतने ही
रूपये और पांच लड्डू बृहस्पति वार के
दिन पीपल के नीचे रखे |
यदि
बृहस्पति के कारण वैवाहिक जीवन कष्टमय होतो गुड़ दूध व उसमें पीला फूल डालकर केले के वृक्ष का पूजन करके उस पर
चढ़ाएं |
नीच
बृहस्पति के उपाय - जिस जातक का बृहस्पति नीच राशि (दसम घर) का हो वह जातक किसी ब्राह्मण
को बृहस्पतिवार के दिन पीले वस्त्र दान करे | कढ़ी
चावल बांटे,हल्दी की 4 गांठ तथा
चने की दाल जल प्रवाह करें |
6)अशुभ
शुक्र के उपाय - जिस जातक की जन्म कुंडली में शुक्र ग्रह अशुभ प्रभाव देकर शारीरिक
व संतान कष्ट दे रहा होतो 11 शुक्रवार के दिन काने ब्राह्मण को अपने घर पर
भोजन कराएं |
यदि
शुक्र के कारण दांपत्य जीवन में कलह होतो सफेद चावल बना कर उस पर देसी खांड और घी रखकर
गाय को खिलाएं और अपने भोजन से गौ ग्रास निकाला करे |
शुक्र
ग्रह के कारण प्रमोशन रुका हुआ हो तो दूध चावल जायफल डालकर माँ लक्ष्मी का
पूजन करे |
यदि घर में बरकत न हो तो तुलसी में दूध चढावें ।
यदि शुक के कारण शूगर की बिमारी होतो दूध में चीनी डालकर आम
के पेड़ का सिंचन करें और पैर के दोनो अँगूठो मे सफ़ेद रेशमी
धागा बाधे ।
नीच
शुक्र के उपाय - जिस जातक की कुण्डली में शुक नीच राशि (छठे घर) का हो
वह कपिला गाय की सेवा करे । लाल ज्वार
धर्मस्थन मे चढ़ाये ।
सफेद रेशमी वस्त्र शुक्रवार को दान करें ।
ऊंच शुक्र के लिये - जिसकी कुण्डली में शुक्र उच्च हो वह बादाम
और शनि की वस्तुओ का सेवन करें । आलु उबालकर पीला करके कपिला गाय को खिलाये ।
7)अशुभ
शनि के उपाय - यदि शनि ग्रह जन्मकुण्डली में अशुभ स्थिति में हो और व्यापार व
दाम्पत्य जीवन में हानि कर रहा होतो - बूरा चीटियों को डाले | शमी वृक्ष में तेल चढ़ाए |
शनि
ग्रह के कारण लड़ाई - झगडे या दुर्घटना का कारण बनता होतो आटे की गोलियां
चलते पानी में बहाये ।
शनि
ग्रह के कारण मुकद्दमा या नौकरी में कष्ट होतो - अपने खाने में से कुछ भाग कौओं को
डालें ।
नीच शानि के उपाय - जिस जातक की कुण्डली में शनि नीच राशि (पहले घर) में
हो वह शनिवार के दिन तेल, शराब, उडद, मास, अण्डा इत्यादी का सेवन न करें । शनिवार को उडद तेल लोहा, काला वस्त्र व छाता आदि का दान करें । तेल में पकौड़े बनाकर
शनिवार के दिन कौओं और कुत्तों को खिलायें ।
8)अशुभ राहु
के उपाय - जिस जातक की कुण्डली में राहु अशुभ स्थिति में हो इस के कारण जातक
व्यापार बाधा,दाम्पत्य जीवन में क्लेश,आर्थिक तंगी व पागलपन, व ज्वर आदि से परेशान होतो वह एक हरा नारियल पानी में बहाये ।
यदि
राहु के कारण चिडचिडापन या बच्चों का पढाई में मन न लगता होतो – सिरहाने मूली पत्तों सहित रखकर सोये व अगली सुबह मंदिर में दान करें ।
राहु नीच के उपाय - जिस
जातक का राहु नीच का हो उसे ठीक करने के लिये जातक नीले या काले वस्त्र न धारण करे
। नीली या काली टोपी या पगड़ी भी न पहने । अपनी जेब में सदा चांदी का एक चौकोर टुकड़ा रखें ।
नारियल बादाम जल प्रवाह करें । सिक्का धातु (लैड) जल में प्रवाहित करें ।
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