बुधवार, 15 सितंबर 2021

आपका लग्न व दोष



प्रत्येक जातक अपने जीवन मे किसी ना किसी दोष से संबन्धित ज़रूर होता हैं जिस कारण उसके भावी जीवन मे परेशानियाँ लगी रहती हैं | आइए भारतीय ज्योतिष के आधार पर जानते हैं की किस प्रकार के दोष जातक विशेष को जीवन मे प्रभावित करते हैं | 

मेष लग्न होतो -- पितृ दोष।

वृष लग्न -- आकाशदेवी का दोष।

मिथुन लग्न -- महामाया दोष।

कर्क लग्न -- शाकिनी दोष।

सिंह लग्न -- प्रेत बाधा।

कन्या लग्न -- दुष्ट ग्रह दोष।

तुला लग्न -- क्षेत्रपाल दोष।

वृश्चिक लग्न -- सर्पभय दोष।

धनु लग्न -- देह दोष।

मकर लग्न -- चंडिका दोष।

कुम्भ लग्न -- प्रेत दोष।

मीन लग्न -- योगिनी दोष।

इसके अतिरिक्त कुछ अन्य दोषो को भी जाना जा सकता हैं जो की इस प्रकार से हैं |

सूर्य लग्न में,8 12 भाव में होतो क्षेत्रपाल दोष होता है। 

चन्द्र 1,6,812 भाव में होता है तो आकाश देवी का दोष होता है।

मंगल 10 12 भाव में होता है तो, डाकिनी दोष होता है। 

बुध 7 12 भाव मे हो तो, वन देवी दोष होता है। 

गुरु 712 भाव मे हो तो, देव दोष होता है। 

शुक्र 712 भाव में हो तो, जलस्थ देवी का दोष होता है। 

शनि7 12 भाव में होतो, आमवात दोष होता है।

राह 7 12 भाव में होतो स्वजाति दोष होता है। 

जैसा दोष हो वैसा ही उनका निवारण करना चाहिए। 

 

कोई टिप्पणी नहीं: