रविवार, 23 मई 2021

वक्री शनि (23/5/2021 -11/10/2021)की चाल का 12 राशियो पर असर







23 मई 2021 रात्रि शनि वक्री हो जाएंगे जो कि लगभग 141 दिन अर्थात 11 अक्टूबर 2021 तक वक्र अवस्था में ही रहेंगे | कोई भी ग्रह जब वक्री हो जाता है तो वह अत्यंत प्रभावशाली हो जाता है और यदि वह पाप ग्रह है तो वह और भी आकस्मिकता भरा प्रभाव देने योग्य हो जाता है | 

वक्री ग्रह का अर्थ होता है कि वह आपसे कोई छूटा हुआ काम अवश्य पूरा कराना चाहता है और आपको वह काम दोबारा करना पड़ सकता है | 


परिचय - संस्कृत मे शनि को शनैश्चर अर्थात मंद गति से चलने वाला कहा गया हैं यह एक राशि ढाई वर्ष मे तथा पूरा भचक्र 30 वर्षो मे पूरा करता हैं अपने इस ढीर्घकालीन प्रभाव के कारण इसे धरती पर सबसे भयानक ग्रह के रूप मे याद किया जाता हैं | 

मन्त्रेश्वर द्वारा रचित ग्रंथ फलदीपिका मे शनि को लंगड़ा कर चलने वाला,नसो से भरा व गहरी आँखों वाला,आलसी काले रंग का,वातजनित लंबे नाखून व दाँतवाला,रूखेबाल वाला गंदा व जिद्दी कहा गया हैं जिसको धरती पर आयु,भय,मृत्यु,शोक,बदनामी,गरीबी,बीमारी,बंधन,निम्नकार्य,मानसिक रोग,आलस,जेल कैद,का प्रतीक माना गया हैं जिसके अंतर्गत मानव शरीर मे गठिया,पैरो व हड्डियों मे दर्द,आलसपना,थकावट,स्नायु विकार,पक्षाघात,प्रेत बाधा जैसे रोग होते हैं | 

राशियो मे शनि को कर्म व लाभ भाव की लगातार दो राशियो का स्वामी कहा गया हैं जो कर्म द्वारा लाभ प्राप्ति की प्रेरणा प्रदान करते हैं यह कालपुरुष के लग्न मे नीच तथा सप्तम भाव मे ऊंच होते हैं | इन्हे दक्षिणायन (कर्क से धनु राशि तक),कृष्ण पक्ष,शनिवार,चन्द्र संग,सप्तम,अष्टम,एकादश भावो मे,तुला,मकर व कुम्भ राशि मे,वक्री अवस्था मे,सूर्य द्वारा प्रभावित ना होने पर बली माना जाता हैं बली अथवा शुभावस्था मे होने पर यह जातक को बहुत ऊंचाई व सफलता प्रदान करते हैं (उद्योगपतियों की पत्रिकाओ मे शनि की स्थिति देखी जा सकती हैं) विशेषकर बुध,शुक्र व स्वयं के लग्नों मे शनि ज़्यादा शुभफल प्रदान करते देखे गए हैं | 

आइए राशि अनुसार जानते हैं कि शनि का यह वकृत्व क्या परिणाम देगा | 

1)मेष लग्न वालों के लिए शनि दसवें भाव में ही वक्री होंगे जिससे काम समय पर पूरा करें,किसी से किया गया वादा ना तोडे,आपकी आमदनी बढ़ेगी,पढ़ाई अच्छी होगी परंतु घर में कोई तनाव रहेगा | 

2)वृषभ लग्न वालों के लिए शनि नवे भाव में वक्री होंगे जिस कारण धर्म-कर्म संबंधित चीजों को निश्चित समय पर करवाना पसंद करेंगे,मकान एवं संपत्ति हेतु यह अच्छा समय रहेगा | 

3)मिथुन लग्न की बात करें तो इसके अष्टम भाव से शनि का यह गोचर हो रहा है जिसमें सेहत का ध्यान रखना पड़ेगा खानपान पर नजर रखें,प्रत्येक काम में सलाह मशवरा अवश्य लें तथा खर्चे पर नजर रखें | 

4)कर्क लग्न वालों के सप्तम भाव से यह शनि का गोचर हो रहा है जो वैवाहिक जीवन में सब कुछ सही करने का समय है अन्यथा परेशानी आ सकती है,धन का आगमन बना रहेगा,पैतृक संपत्ति मिलने की संभावनाएं भी बनेगी | 
 
5)सिंह लग्न वालों के छठे भाव में शनि वक्री होंगे इससे जीवन साथी हावी होने का प्रयास करेगा,प्रतियोगिता इत्यादि में अपने प्रयास बढ़ाएं | 

6)कन्या लग्न वालों के पंचम भाव में पंचमेष शनि स्वयं वक्री होंगे जो प्रेम संबंधों में तनाव दे सकते हैं परंतु शिक्षा के लिए अच्छा समय रहेगा,अपने पेट का ध्यान रखें,खर्चे पर नियंत्रण करें | 

7)तुला लग्न वालों के चौथे भाव में शनि का गोचर लाभकारी रहेगा जिससे माता-पिता की सेहत प्रभावित हो सकती है परंतु स्वयं की सेहत एवं संपत्ति हेतु अच्छा समय रहेगा | 

8)वृश्चिक लग्न वालों के तीसरे भाव में शनि का गोचर संपत्ति एवं के कामों में फायदा होता दिख रहा है,सेहत का विशेष ध्यान रखें | 

9)धनु लग्न वालों के दूसरे भाव में शनि का गोचर होगा जो उन्हें दोस्तों द्वारा लाभ बताएगा परंतु किसी भी प्रकार का बदलाव ना करें,धन का आगमन बना रहेगा | 

10)मकर लग्न वालों की बात करें तो उनके लग्न में ही यह गोचर होगा जिस कारण उन्हें सेहत संबंधी नियमों का पालन करना पड़ेगा,अपने सारे काम नियत समय पर करने पड़ेंगे,नाम एवं दाम कमाने का यह बेहतरीन समय है परंतु वैवाहिक जीवन में तनाव हो सकते हैं | 

11)कुंभ लग्न वालों हेतु शनि का गोचर 12वे भाव में होने से अच्छा रहेगा ऐसे मे खूब दान पुण्य करे जिससे सेहत भी अच्छी होगी,काम अवश्य बढ़ेंगे परंतु कोई बदलाव भी हो सकता है | 

12)मीन लग्न वालों के लिए यह शनि का एकादश भाव से गोचर होगा जो यह बता रहा है कि आप अपने पैसे को सही जगह पर लगाएं,आपका प्रसिद्धि बढ़ने की योग है,संतान की शिक्षा का ध्यान रखें |

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