आकाश में भ्रमण (गोचर) करते हुए जब कोई ग्रह राशि परिवर्तन करता है तो उसका प्रभाव किसी ना किसी रूप मे धरती पर पड़ता ही है अब यदि वह ग्रह अन्य किसी ग्रह से किसी भी प्रकार से सम्बंध बनाता है तो उन दोनों का मिश्रित प्रभाव हमे उनसे दृष्टिगत राशि,निमित राशि आदि पर दिखाई पड़ता है जिससे धरती पर अच्छे या बुरे प्रभाव प्राप्त होते है |
भूतकाल
में देखें तो गोचर में जब भी पाप ग्रह एक दूसरे को किसी भी रूप से प्रभावित करते
हैं तो धरती पर किसी ना किसी रूप में विनाशकारी प्रभाव अवश्य पड़े हैं | वर्तमान समय में शनि अपनी स्वराशि मकर में
भ्रमण कर रहे हैं तथा वृष राशि
स्थित राहू का उनसे दृस्टी संबंध बना हुआ हैं,कुछ ही समय बाद (2 जून 2021) को मंगल अपनी नीच राशि कर्क में प्रवेश करेंगे जिससे शनि
राहु व मंगल का दृष्टि सम्बंध बन जाएगा जो कि तीनों पाप ग्रहों सम्बंध बनेगा जिससे
धरती पर काफी दुपाभाव दृष्टिगोचर होंगे |
इसी
शनि राहू मंगल के
गोचरीय प्रभाव का अध्ययन हमने पिछले सौ वर्षों की घटनाओं में जानने का प्रयास किया
तो हमें कई चौंकाने वाले तथ्य मिले |
आइए
ज्योतिषीय दृस्टी से इस गोचरीय प्रभाव का अतीत की घटनाओ से अध्ययन करने का
प्रयास करते हैं |
1)13/4/1919
को इस प्रभाव के कारण जलियाँवाला बाग हत्याकांड
अमृतसर (भारत) में हुआ जिससे सैकड़ों निहत्थे
भारतवासी मारे गए इस घटना का विश्वव्यापी प्रभाव हुआ और भारत के स्वतन्त्रता
संग्राम ने और जोर पकड़ा परन्तु सैकड़ों, हजारों की संख्या में जनहानि हुई ।
(2) 01/09/1939 को विश्वयुद्ध आरम्भ हुआ जिसमें काफी जान-माल की हानि हुई व
पूरा विश्व युद्ध की चपेट में आया।
(3) 06/08/1945 को जापान में अमेरीका द्वारा एटम बम के गिराए जाने से
हजारों की संख्या में लोग मारे गए तथा हीरोशिमा नामक शहर आज तक उस त्रासदी से उबर
नहीं पाया |
4)17/09/1945 हीरोशिमा शहर में ही आए भयानक तूफान से ओर भी व्यापक तबाही
हुई थी तथा बाकी बचे अन्य लोग भी मारे गए |
5)15/08/1947 को भारत आजाद हुआ परन्तु विभाजन के कारण उस समय भी काफी
नुकसान व जनहानि हुई थी जिससे आज तक भारत उस विभाजन का दुःखद
परिणाम झेल रहा है पाकिस्तान का जन्म उसी विभाजन से हुआ था।
6)18/10/1962 को भारत पर चीन ने आक्रमण किया जिसमें
भारत की जबरदस्त हार
हुई भारत का काफी क्षेत्र चीन ने अपने कब्जे में ले लिया जिस कारण आज भी दोनों
देशों में तनाव रहता है इस युद्ध में भी हमार काफी सैनिक
मारे गए थे।
7)25/03/1925 अमेरीका के तीन राज्यों में समुंद्री तूफान के आनस भारी
तबाही हुई सैकड़ों लोग मारे गए व हजारो घायल हुए इससे पहले भी 07/05/1840, 15/02/1884 व 25/04/1908 को अमेरीका के विभिन्न शहरों में आए कई सारे संमुद्री
तूफानों ने भयंकर तबाही मचाई थी जिस कारण बहुत नुकसान हुआ व करोड़ों की संपत्ति की
हानि व हजारों की तादाद में जनहानि हुई थी।
8) 05/06/1984 अमृतसर
स्वर्ण मंदिर में इंदिरा गाँधी द्वारा ऑपरेशन ब्लू स्टार कराया गया जिससे पंजाब
में काफी आक्रोश पैदा हुआ व पंजाब प्रातः आतंक की गिरफ्त में आ गया जिसकी परिणती 31/10/1984 में इंदिरा गाँधी की हत्या के रूप में हुई जिसके बाद
पूरे भारत में साम्रदायिक दंगे आरंभ हुये
और लगभग 3000 लोग मारे गए तथा सिख समुदाय बुरी तरह से आहत व
प्रभावित हआ।
यह कुछ उदाहरण है जो शनि-मंगल-राहु के
गोचर में दृष्टि प्रभाव होने से धरती पर पड़े थे वर्तमान में भारत व विश्व परिवेश में देखें तो निम्न प्रभाव हमारे आंकलन द्वारा हो सकते हैं।
कर्क, तुला राशियों पर सबसे ज्यादा प्रभाव होने से इन राशियो से संबन्धित देशो मे प्राकृतिक व
अ प्राकृतिक
विनाशकारी प्रभाव जैसे आतंकी हमले,भूकंप,अग्निकांड,रेलवे व हवाई दुर्घटनाएं,बाढ़,तूफान आदि
हो सकते हैं विशेष तौर से कर्क राशि और तुला राशि वालों को कष्ट अथवा मृत्यु का
सामना करना पड़ सकता है मंगल राहु का प्रभाव विश्व में कहीं भी विशेषकर भारतवर्ष
में सांप्रदायिक दंगे करा
सकता है कारण भारत की राशि कर्क है जिस पर थोड़ा ज्यादा प्रभाव बढ़ जाएगा वही तुला राशि कर्क से चतुर्थ भाव
में पड़ेगी जो दोनों केंद्र को प्रभाव में ले लेगी जो कोई बड़ी अनहोनी करा सकती हैं |
दुर्घटना को जन्म दे शनि मंगल का अग्नि मारुति योग देश-विदेश में अस्थिरता का माहौल बनाएगा जिससे घटनाएं
व प्राकृतिक आपदाएं बढ़ेगी | भारतीय सरकार की मुश्किलें भी बढ़ती
जाएंगी क्योंकि लग्न अनुसार भारत
की कर्म राशि भी कुंभ पड़ती है जो शनि की राशि है इसके स्वामी शनि पर मंगल द्वादशेश व अष्टमेश का प्रभाव पड़ेगा कोई बड़ी घुस पैठ सीमा पर हो सकती है या आतंकी हमला भी हो
सकता है |
इस प्रकार कहा जा सकता है कि अगले कुछ
महीने अथवा 50 दिन धरती व भारत
हेतु विनाशकारी साबित हो सकते हैं |
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