बुधवार, 4 अप्रैल 2018

वास्तु और प्रवेश द्वार


ज्योतिषीय ग्रंथ लाल किताब के अनुसार कुंडली मे गुरु जिस भाव अथवा जिस घर में होता हैं उसी के अनुसार घर का प्रवेशद्वार अथवा दरवाजा बनाना चाहिए | ऐसा करने से घर अथवा मकान जातक को बहुत ही शुभता प्रदान करता हैं | इसके लिए निम्न बाते अथवा दिशाएँ ध्यान मे रखनी चाहिए जैसे यदि

गुरु लग्न मे होतो दरवाजा उत्तर की ओर बनाना शुभता देता हैं |

दूसरे भाव में उत्तर से पश्चिम की ओर |

तीसरे भाव में दक्षिण से पश्चिम की ओर |

चतुर्थ भाव में उत्तर से पूर्व की ओर |

पंचम भाव में पूर्व की ओर |

छठे भाव में उत्तर की ओर |

सातवें भाव में पश्चिम से दक्षिण की ओर |

अष्टम भाव में दक्षिण की ओर |

नवम भाव में परिवार के अन्य सदस्य की कुंडली के गुरु द्वारा |

दशम भाव में पश्चिम से उत्तर की ओर |

ग्यारहवें भाव में पश्चिम की ओर |


बारहवें भाव में गुरु हो तो पूर्व से दक्षिण की ओर दरवाजा बनाना शुभ रहता हैं |

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