ज्योतिषीय ग्रंथ लाल
किताब के अनुसार कुंडली मे गुरु जिस भाव अथवा जिस घर में होता हैं उसी के अनुसार घर का प्रवेशद्वार अथवा दरवाजा बनाना चाहिए | ऐसा करने से घर अथवा मकान जातक को बहुत ही शुभता प्रदान करता हैं | इसके लिए निम्न बाते अथवा दिशाएँ ध्यान मे रखनी चाहिए जैसे यदि
गुरु लग्न मे होतो
दरवाजा उत्तर की ओर बनाना शुभता देता हैं |
दूसरे भाव में उत्तर
से पश्चिम की ओर |
तीसरे भाव में
दक्षिण से पश्चिम की ओर |
चतुर्थ भाव में
उत्तर से पूर्व की ओर |
पंचम भाव में
पूर्व की ओर |
छठे भाव में उत्तर
की ओर |
सातवें भाव
में पश्चिम से दक्षिण की ओर |
अष्टम भाव
में दक्षिण की ओर |
नवम भाव में परिवार के अन्य सदस्य की
कुंडली के गुरु द्वारा |
दशम भाव में पश्चिम से उत्तर की ओर
|
ग्यारहवें
भाव में पश्चिम की ओर |
बारहवें भाव में
गुरु हो तो पूर्व से दक्षिण की ओर दरवाजा बनाना शुभ रहता हैं |
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