शनि का नक्षत्र अनुसार फल-
प्राय:शनि की साढ़ेसाती के समय जातक विशेष को
बहुत से कष्टो का सामना करना पड़ता हैं | शनि किस प्रकार से जातक
को परेशान करेंगे यह शनि के नक्षत्र गोचर से आसानी से जाना जा सकता हैं प्रस्तुत लेख मे हम
इसी विषय मे जानकारी प्रदान कर रहे हैं | शनि का गोचर जब जातक के
विभिन्न नक्षत्रो से होगा तब निम्न प्रभाव जातक को प्राप्त होते हैं |
प्रथम अथवा जन्म नक्षत्र-प्रभाव चेहरे पर- भय लगने लगेगा व हानी की संभावना बनेंगी |
2 से 5-बायाँ कंधा –सफलता प्राप्त होगी |
6 से 11-पैर-मानसिक रोग व चिंता परेशान करेंगी |
12 से 16-हृदय-धनलाभ होगा |
17 से 20 दायाँ कंधा-डर सा लगा रहेगा |
21 से 23-सिर-समाज मे रुतबा बढ़े |
24-25-आँखें-आराम व सुख प्राप्ति होवे |
26,27-गुदा-मृत्यु भय लगने लगे |
ऐसे मे जातक विशेष को
अपनी राशि के अनुसार निम्न उपाय करने से लाभ प्राप्त होता
हैं |
मेष-हर हफ्ते काली गाय को घास खिलाये |
वृष-रोज़ कुत्ते को रोटी खिलाये|
मिथुन-शनिवार को मंदिर मे बादाम दान करे |
कर्क-कव्वे को चावल खिलाये |
सिंह-कानो के कोनो मे हल्दी लगाए |
कन्या-सिर पर तेल ना लगाए |
तुला-बंदरो को केला व गुड खिलाये |
वृश्चिक-सूर्यास्त के समय चींटियों को चावल चीनी व तिल खिलाये |
धनु-शराब ना पिये |
मकर-अनावशयक रूप से यात्रा
ना करे |
कुम्भ-शनिवार शनि मंदिर मे तेल चढ़ाये |
मीन -800 ग्राम उड़द साबुत दाल बहते पानी मे जलप्रवाह करे |
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें