रविवार, 31 जनवरी 2016

आत्महत्या.......4

4)24/2/1978 17:30 छपरा ( बिहार) मे जन्मे इस सिंह लग्न के जातक ने वैवाहिक जीवन के तनाव के चलते गृह क्लेश के कारण 16/11/2015 को आत्महत्या करी जातक दिल्ली पुलिस मे ए॰सी॰ पी था | इस पत्रिका मे भी सूर्य चन्द्र बुध पीड़ित हैं मंगल व शनि दोनों वक्री अवस्था मे हैं दो जलतत्व राशियाँ प्रभावित हैं अष्टम भाव मे पाप प्रभाव हैं | जहां चतुर्थ भाव का स्वामी मंगल वक्री हैं वही दशमेश शुक्र अस्त अवस्था  मे हैं |

5)27/12/1974 11:33 कलकत्ता मे मीन लग्न मे जन्मे इस जातक ने अज्ञात कारणो से 19/10/1998 को कीटनाशक पीकर आत्महत्या करी इसकी पत्रिका मे सूर्य,चन्द्र,बुध सभी पीड़ित हैं शनि-मंगल का संबंध हैं दो जलतत्व राशिया प्रभावित हैं अष्टमेश पर पाप प्रभाव हैं चतुर्थ व दशम भाव भी पीड़ित अवस्था मे हैं |

6)27/4/1967 4:05 दिल्ली मे मीन लग्न मे जन्मे इस जातक ने अपने वैवाहिक जीवन मे क्लेश के चलते 19/10/1999 को आत्महत्या कर ली थी इसकी पत्रिका मे बुध व चन्द्र नीच राशि मे हैं सूर्य राहू से पीड़ित हैं मंगल-शनि का संबंध हैं अष्टम भाव व अष्टमेश पीड़ित हैं सभी जलीय राशि प्रभावित हैं |

7) 27/3/1909 17:51 पेरिस मे सिंह लग्न मे जन्मे अभिनेता व लेखक जीन मरकुरे की पत्रिका मे सूर्य-शनि-शुक्र (अष्टम भाव) व चन्द्र पर मंगल का प्रभाव हैं बुध नीचभिलाषी होकर वक्री गुरु से दृस्ट हैं लग्नेश सूर्य शनि संग हैं मंगल की शनि पर दृस्टी भी हैं चतुर्थ–दशम भाव भी पाप प्रभाव मे हैं सभी जलीय राशि पर भी पाप ग्रहो का प्रभाव हैं | इन्होने बीमारी के चलते 24/6/1998 को पत्नी समेत आत्महत्या कर ली थी |

8)21/7/1951 13:34 शिकागो मे तुला लग्न मे जन्मे विश्व प्रसिद्द हास्य कलाकार रॉबर्ट विलियम्स जिसने जुमानजी गुड मॉर्निंग विएतनाम जैसी फिल्मों मे काम कर पूरी दुनिया मे नाम कमाया था इन्होने पर्किंसन नामक बीमारी के चलते 11/8/2014 को अपने घर पर फांसी लगाकर आत्महत्या करी | इनकी पत्रिका मे सूर्य शनि नक्षत्र मे हैं बुध शत्रु राशि मे हैं चन्द्र राहू से पीड़ित हैं सभी जलीय राशि पर पाप प्रभाव हैं अष्टमेश लग्नेश शुक्र राहू केतू अक्ष मे हैं जिससे नियत सभी अवयव प्रभावित हुये हैं |


9)19/3/1896 5:48 गुना मध्य प्रदेश मे कुम्भ लग्न मे जन्मे श्रीधर बलवंत तिलक (बाल  गंगाधर तिलक के पुत्र) ने असफल जीवन के चलते 25/5/1928 को रेल के आगे कूदकर अपनी जान दे दी थी इनकी पत्रिका मे 3 ग्रह ऊंच के हैं परंतु सूर्य,चन्द्र,बुध व आत्महत्या हेतु हमारे द्वारा निश्चित किए गए अन्य सभी अवयव प्रभावित हुये हुये हैं |

शनिवार, 30 जनवरी 2016

आत्महत्या .......3

अष्टम भाव व अष्टमेश पर पाप प्रभाव होना जातक की आयु को खतरा बताता हैं अष्टम भाव चूंकि आयु का भाव होता हैं व अष्टमेश आयु प्रदान करने वाला ग्रह होता हैं इन पर पाप ग्रह विशेषकर शनि व राहू का प्रभाव भी जातक को जीवन समाप्त करने की और अथवा हिंसात्मक मृत्यु की और धकेलता हैं हिंसात्मक आत्महत्याओ की कुंडलियों मे यह लगभग सभी कुंडलियों मे पाया गया | इसके अतिरिक्त कुछ पत्रिकाओ मे चतुर्थ व दशम भाव मे पाप ग्रहो का प्रभाव होंना भी पाया गया जो की सुख सुविधाओ की कमी व कार्यक्षेत्र मे उचित तरक्की अथवा मान-सम्मान का ना मिल पाने के कारण भी आत्महत्या करना दर्शाता हैं |  

आइए अब कुछ कुंडलियों को देखते हैं |

1)20/4/1889 18:30 ब्रुनेई आस्ट्रिया मे तुला लग्न मे जन्मे हिटलर के विषय मे सभी जानते हैं इसने अपने तानाशाही रुतबे के चलते पकड़े जाने के भय से 30/4/1945 को स्वयं व अपनी पत्नी को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी | इसकी पत्रिका मे सूर्य,चन्द्र,बुध सभी पीड़ित हैं मंगल-शनि का संबंध हैं | दो जलीय राशिया पीड़ित हैं तथा तीसरी छठे भाव की राशि बनी हैं, अष्टम भाव पापकर्तरी मे हैं जिस कारण हिंसात्मक मृत्यु स्वयं को गोली मारकर हुई तथा चतुर्थ-दशम भाव भी पाप प्रभाव मे हैं |

2)21/7/1906 17:30 भावरा (मध्य प्रदेश) मे धनु लग्न मे जन्मे श्री चन्द्रशेखर आजाद ने स्वतंत्रता संग्राम के चलते चारो तरफ से अंग्रेज़ो द्वारा घिर जाने पर स्वयं को गोली मारक27/2/1931 को आत्महत्या कर ली थी | इनकी पत्रिका मे सूर्य,चन्द्र,बुध सभी पीड़ित हैं मंगल-शनि का संबंध हैं, दो जलीय राशिया पीड़ित हैं, अष्टम भाव बुरी तरह से पाप प्रभाव मे हैं जिस कारण हिंसात्मक मृत्यु स्वयं को गोली मारकर हुई जबकि चतुर्थ-दशम भाव मे कोई  पाप प्रभाव नहीं हैं |


3)5/9/1967 19:40 अल्मोड़ा मे मीन लग्न मे जन्मे इस दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर ने अपने असफल वैवाहिक जीवन के चलते नाजायज प्रेम मे पकर प्रेमिका द्वारा ब्लैकमेल करने पर प्रेमिका को उसके घर पर गोली मारकर स्वयं भी आत्महत्या करी | इस पत्रिका मे सूर्य बुध छठे भाव मे हैं तथा चन्द्र शनि(वक्री) से पीड़ित हैं मंगल शनि के नक्षत्र मे हैं सभी जल राशियाँ प्रभावित हैं अष्टम भाव पर पाप प्रभाव कारण हिंसात्मक मृत्यु हुई हैं वही चतुर्थ दशम भाव भी पाप दृस्ट हैं |

शुक्रवार, 29 जनवरी 2016

आत्महत्या ...........2

चन्द्र –मन,भावुकता,मानसिकता,कल्पनाओ व भावनाओ का कारक ग्रह चन्द्र भी सभी पत्रिकाओ अशुभ अवस्था मे पाया गया | यह चन्द्र कालपुरुष की पत्रिका मे चतुर्थ भाव का स्वामी बनता हैं जो हमारे सुख-सुविधा,मकान भू संपत्ति,वाहन,मानसिक शांति,मित्र आदि का भाव होता हैं |

बुध- यह ग्रह कारक के रूप मे हमारी बुद्दि,चपलता,ज्ञान व स्मरणशक्ति को दर्शाता हैं इसके दूषित अथवा अशुभ होने पर ही जातक कुछ बुरा करने की सोच सकता हैं यह बुध भी सभी कुंडलियों मे अशुभ पाया गया | कालपुरुष की पत्रिका मे यह बुध तीसरे व छठे भाव का प्रतिनिधित्व करता हैं जो की साहस,पराक्रम,सहोदर तथा रोग,शत्रु,विवाद,ऋण,आदि को बताते हैं | जो जातक द्वारा विवाद ऋण,रोग आदि मे पने पर अपनी ही हत्या करने की साहस की पुष्टि करता हैं |

2)मंगल-शनि का विशेष संबंध हमने लगभग सभी कुंडली मे पाया संभवत: इसका कारण कालपुरुष की कुंडली मे मंगल का लग्नेश (शरीर) व अष्टमेश (आयु) होना तथा शनि का कर्मेश (काम इत्यादि) व लाभेष (लाभ व फायदा) होना हो सकता हैं जो की जातक को अपने किए गए कर्म द्वारा उचित लाभ ना होने पर अपने शरीर की आयु को नष्ट करने की प्रवृति को दर्शाता हैं | अन्य प्रकार से देखे तो इन दोनों ग्रहो की दृस्टी भी कुंडली के 3-3 भावो पर पड़ती हैं जिससे कुंडली के आधे भाव अथवा जीवन का आधा भाग प्रभावित होता हैं स्पष्ट हैं की यह दोनों ग्रह जातक के जीवन के काफी बड़े हिस्से पर अपना नियंत्रण रखते हैं यदि इस हिस्से मे अशुभता अथवा असफलता ज़्यादा होतो जातक हताश व निराश होकर अपना जीवन समाप्त कर सकता हैं |

3)राशियाँ-कर्क,वृश्चिक व मीन (सभी जल राशियाँ )
अधिकतर सभी पत्रिकाओ मे दो अथवा दो से अधिक जल राशियाँ (कर्क,वृश्चिक व मीन) प्रभावित अथवा पीड़ित थी चूंकि यह राशियाँ कालपुरुष की पत्रिका मे चतुर्थ,अष्टम द्वादश भाव को दर्शाती हैं जो भावनाओ,मानसिकताओ व मोक्षता को दर्शाते हैं जिनसे जातक जल्दबाज़ी से भरा निर्णय लेने की और अग्रसर हो जाता हैं तथा अपने जीवन को समाप्त करने की सोचता हैं ( विज्ञान भी यह मानता हैं की पूर्ण चन्द्र के समय शरीर अथवा धरती पर जल तत्व बढ़ जाने के कारण आत्महत्या जैसी घटनाए ज़्यादा होती हैं )


4)भाव –अष्टम,चतुर्थ व दशम 

गुरुवार, 28 जनवरी 2016

आत्महत्या ( एक शोध )......1

आत्महत्या ( एक शोध )-यह शोध आप 10 भागो की श्रंखला मे पढ पाएंगे कृपया आगे पढ़ते रहे |

आज जीवन की भागदौड़ पहले के समय से कई गुना तेज हो चुकी हैं प्रत्येक व्यक्ति अपने को कामयाब अथवा सफल बनाने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहा हैं आज अभी इसी वक्त सब कुछ प्राप्त करने की इच्छा सबमे तेजी से व्याप्त होती जा रही हैं | हर कोई किसी ना किसी प्रकार से अपने को सफल अथवा धनी बनाना चाहता हैं और इसके लिए वह कुछ भी अच्छा या बुरा करने को तैयार रहता हैं | इस भौतिकतावादी युग मे सफल होने से कहीं ज़्यादा महत्व कामयाब व वान होने का हो गया हैं, यह न ही हैं जिस के कारण हमारी सारी दुनिया चल रही हैं | इस भागमभाग भरी दुनिया मे बहुधा देखने मे आता हैं की जब कोई भी व्यक्ति किसी ना किसी रूप मे अपने को हारा हुआ महसूस करता हैं अथवा उसे अपने जीवन जीने का कोई भी आधार नज़र नहीं आता तो तो वह अपने जीवन को समाप्त करने की सोचने लगता हैं जिसे हम आम भाषा मे आत्महत्या करना कहते हैं कई बार उसके ऐसा करने के अन्य कारण भी होते हैं जिनमे से कुछ कारण धन की कमी,गृह क्लेश,असफल दाम्पत्य जीवन व प्रेम संबंध,कर्ज़,विवाद,कैरियर मे असफलता,बदनामी,आदि हो सकते हैं |

प्रस्तुत शोधकीय लेख मे हम ऐसी ही कुछ कुंडलियों का ज्योतिषीय अध्ययन कर रहे हैं जिन्होने किसी ना किसी कारण के चलते अपने जीवन को समाप्त किया या यूं कहे की आत्महत्या करी | यहाँ हमने यह भी जानने का प्रयास किया की ज्योतिषीय दृस्टी से ऐसे क्या कारण हैं जिनके कारण कोई भी जातक अपना जीवन स्वयं समाप्त कर लेता हैं अथवा करने का प्रयास करता हैं | अपने इस शोध मे हमने देश-विदेश के लगभग 200 आत्महत्या करने वाले लोगो की पत्रिकाओ का अध्ययन कर कुछ इस प्रकार के तथ्य पाये हैं |
सभी पत्रिकाओ मे हमने निम्न तथ्य कुछ इस प्रकार से पाये |

1)सूर्य,चन्द्र व बुध -यह सभी ग्रह सभी पत्रिकाओ मे अशुभ अवस्था मे अथवा पीड़ित अवस्था मे पाये गए |


सूर्य –शरीर (लग्न ),आत्मा,ऊर्जा,सत्यता,भयहीनता आदि का कारक होने के कारण सूर्य को देखने पर ज्ञात हुआ की सभी पत्रिकाओ मे यह सूर्य किसी ना किसी प्रकार से अशुभ प्रभाव लिए हुए था | कालपुरुष की पत्रिका मे सूर्य पंचम भाव का स्वामी बनता हैं जो की शिक्षा,बुद्दि,विधा,भावनाओ व प्रेम संबंधो का प्रतिनिधित्व करता हैं |

मंगलवार, 19 जनवरी 2016

परीक्षा मे अच्छे अंक कैसे पाएँ

परीक्षा मे अच्छे अंक कैसे पाएँ

1)परीक्षा मे लाल रंग का पेन जिसका ढक्कन सुनहेरा हो व जिसमे किसी भी रंग की स्याही हो उसका प्रयोग करे |

2)हरे रंग की तुरमली चांदी की मुद्रिका मे धारण करे |

3)गुरुवार को 8 हल्दी की गाँठे व बेसन ल लड्डू पीले वस्त्र मे बांधकर जलप्रवाह करे |

4)परीक्षा से पूर्व “ॐ गं गणपतये नमः” का 11 बार जाप करे |

5)परीक्षा देने जाते समय धर्मस्थन मे दूध का दान करते हुये जाये |

6)यदि स्कूल जाने का मन ना करता हो या पढ़ाई मे ध्यान ना लगता हो तो तांबे का चकोर टुकड़ा सफ़ेद धागे मे बांधकर गले मे पहने |

7)रामायण की निम्न चौपाई 108 बार रोजाना पढा करे |

गुरु गृह गए पढ़न रघुराई
अल्प काल विद्या सब आई ||

8)हनुमान चालीसा का निम्न श्लोक रोजाना 108 बार पढे |

बुद्दि हीन तनु जानिके सुमिरो पवन कुमार
बल बुद्दि विद्या देहु मोही हरहु क्लेश विकार ||

9)स्कूल स्तर की शिक्षा मे पन्ना रत्न व ऊंच शिक्षा हेतु पुखराज रत्न धारण करे |

10)प्रात; काल नित्य तुलसी के 4-5 पत्ते जल द्वारा खाये (निगल जाये )|

11)रोजाना सरस्वती चालीसा का पाठ करे |

12)परीक्षा से पूर्व तनाव व दबाव मे ना रहे |

13)परीक्षा पत्र पढ़ने से पहले 3-4 लंबी लंबी साँसे भरे फिर पूरा परीक्षा पत्र पड़े फिर उत्तर लिखने आरंभ करे |

14)परीक्षा समय से लेकर परीक्षा फल आने तक प्रत्येक बुधवार गणेश मंदिर मे लड्डू का भोग लगाकर प्रसाद बांटे |



शुक्रवार, 15 जनवरी 2016

कपड़े व ज्योतिष

कपड़े ज्योतिष
कपड़े ना सिर्फ शरीर ढकने के काम आते है बल्कि हमारे व्यक्तित्व व्यवसाय स्तर के साथ साथ हमारे चरित्र व्यवहार आत्मविश्वास को भी दर्शाने के काम आते हैं किसी भी व्यक्ति को उसके कपड़े पहनने के तरीके से कपड़ो के रंग से कपड़ो की गुणवत्ता से अर्थात पहनावे से सरलता से पहचाना जा सकता हैं की उसका सामाजिक स्तर उसकी सोच व्यवसाय किस प्रकार का हैं |
ज्योतिष के आधार पर भी हम कपड़ो द्वारा बहुत कुछ व्यक्ति विशेष के बारे मे जान सकते हैं हमने अपने इस लेख मे कुछ इसी तरह का विश्लेषण करने का एक छोटा सा प्रयास किया हैं आशा हैं पाठक जन इससे लाभान्वित होंगे |

ढीले कपड़ेऐसे वस्त्र पहनना जातक के शांत,कोमल,सीधे सरल स्वभाव को बताता हैं ऐसे लोग धैर्यवान दूसरों को राह बताने वाले स्वयं को किसी भी परिस्थिति मे ढालने वाले होते हैं प्राय; इनके लग्न या चन्द्र पर गुरु गृह का प्रभाव होता हैं इसलिए ये चिंतन,मनन,ध्यान अध्यात्म मे ज़्यादा रुचि रखते हैं | समय के पाबंद होने के साथ साथ  ये लोग अपना प्रत्येक काम योजना बद्ध तरीके से करते हैं पैसे से ज़्यादा इन्हे मान सम्मान नाम की इच्छा रहती हैं |

तंग कपड़े-ऐसे जातक चुस्त,फुर्तीले,कुछ कर गुजरने की सोच वाले,अस्थिर स्वभाव वाले, निडर साहसी प्रवर्ती के होते हैं | इनका मन मस्तिष्क हर वक़्त किसी ना किसी उधेड़ बुन मे लगा रहता हैं | इनके लग्न या चन्द्र पर शनि अथवा राहू ग्रह का प्रभाव रहता हैं दिखावा बहसबाजी  करना इन्हे पसंद होता हैं लंबे समय तक कोई काम करना इन्हे पसंद नहीं होता स्वयं पर खूब लगाव रखते हैं तारीफ के भूखे परंतु खर्च के मामले मे कंजूस होते हैं अपना काम निकलवाने मे तथा धन कमाने मे ये लोग माहिर होते हैं कभी कभी हीन भावना के कारण छोटा रास्ता (शॉर्ट कट) भी अपना लेते हैं |

ब्रांडेड कपड़े- ऐसे कपड़े पहनने वाले जातक महत्वकांक्षी,मूडी बिंदास होते हैं सदैव ऊपर उठने की कोशिश करते रहते हैं इनमे आत्मविश्वास की कमी होती हैं जिसे यह छिपाते रहते हैं दूसरों के प्रति होड,जलन प्रतिद्वंदिता की भावना इनमे पनपती रहती हैं जिस कारण यह अपने को  आर्थिक रूप से सम्पन्न दर्शाते हैं छोटी छोटी बातें मोलभाव करना इन्हे पसंद नहीं होता अपने से कमजोर से यह बहस बाजी करते हैं परंतु साथ वाले या बड़े से यह ज़्यादा नहीं बोलते या बिलकुल चुप रहते हैं | इनके लग्न अथवा चन्द्र पर सूर्य ग्रह का प्रभाव रहता हैं जिस कारण यह बड़े आत्मसम्मान से जीना पसंद करते हैं |

हाथ से बने कपड़े -ऐसे वस्त्र पहनने वाले लोग हंसमुख,संवेदनशील,भावुक,शांत प्रतिभावान होते हैं अपने सभी कार्य स्वयं करना पसंद करते हैं इनकी बातों मे दर्शन,धर्म,दया अनुभव साफ झलकता हैं ये रचनात्मक कला से संबन्धित कार्य करते हैं पारखी नज़र दूरदर्शी होते हुये दूसरों के दूख दर्द को समझते हैं समय नियम के पक्के होते हैं प्राय: इनके लग्न या चन्द्र का संबंध गुरु या शनि से होता हैं जिसके कारण इनकी मेहनत,त्याग प्रेम को लोग समझ नहीं पाते और इनको अपना उचित हक़ भी नहीं मिल पाता हैं परंतु यह किसी से शिकायत ना करते हुये भी किसी पर आश्रित रहना पसंद नहीं करते हैं |

कपड़ो का रंग -ज़्यादातर लोग कुछ विशेष रंग के कपड़ो का प्रयोग कुछ ज़्यादा करते हैं इससे उनके स्वभाव व्यक्तित्व का काफी पता चलता हैं |

लाल रंग -इस रंग के कपड़े ज़्यादा पहनने वाले लोग गुस्सेबाज़,कामुक,उत्साही,ऊर्जावान तथा प्रबल इच्छाशक्ति वाले होते हैं जो ठान लेते हैं उसे करके ही दम लेते हैं सुनते कम सुनाते ज़्यादा हैं इनमे धैर्य की कमी होती हैं जिससे इन्हे कई बार हानी का सामना करना पड़ता हैं अपनी हरकतों बातों के द्वारा ये सदा आकर्षण का केंद्र बनना चाहते हैं | यह जातक मंगल ग्रह से प्रभावित होने के कारण ज़्यादातर मेष अथवा वृश्चिक राशि के हो सकते हैं |

काला रंग- यह रंग त्याग रहस्यात्मकता दर्शाता हैं जिस कारण इनका प्रयोग करने वाले लोग अच्छे विचारवान अनुशाशित होते हैं जिन्हे स्वयं पर पूरा नियंत्रण होता हैं यह अपनी ज़िम्मेदारी बखूबी निभाना जानते हैं इनके जीवन मे आकस्मिक घटनाए ज़्यादा होती हैं जिस कारण इनके व्यक्तित्व कार्य पर हमेशा प्रश्नचिह्न लगता रहता हैं | यह जातक शनि ग्रह से संबन्धित होने के कारण मकर या कुम्भ राशि के हो सकते हैं |

सफ़ेद रंग-इस रंग का प्रयोग करने वाले जातक शांत,संतुलित,स्पष्टवक्ता,सकारात्मक आशावादी दृस्टीकोण रखने वाले होते हैं खुले विचारो वाले ये लोग एकांत एवं साधारण जीवनशैली मे रहना जीना पसंद करते हैं | यह जातक चन्द्र ग्रह से प्रभावित होने के कारण कर्क राशि के हो सकते हैं |
पीला रंग-ऐसे जातक चुनौती पसंद,प्रेरणा प्रदान करने वाले सदा अपने कार्यो मे लगे रहने वाले होते हैं आध्यात्मिक प्रवृति के लोग सहजता से जीवन गुजारना पसंद करते हैं इनकी वाणी मे मिठास,समर्पण अपनत्व की भावना अधिक होती हैं | ऐसे लोग गुरु ग्रह से प्रभावित होने के कारण धनु मीन राशि के हो सकते हैं |

नीला रंग -ऐसे लोग आत्मनिर्भर गहरे विचार रखने वाले होते हैं,काल्पनिक व्यावहारिक दोनों प्रकार का दृस्टीकोण रखते हैं शांत एवं ज़रूरत से ज़्यादा श्रम करने के शौकीन तथा किसी भी बात की तह तक जाना पसंद करते हैं जिस कारण इन्हे कई बार दूसरों की जिम्मेदारिया भी पूरी करनी पड़ती हैं | ऐसे जातक शनि शुक्र दोनों ग्रहो के प्रभाव मे रहते हैं |

हरा रंग- यह जातक अपनी वाणी से किसी को भी अपना बना लेते हैं परंतु किसी पर जल्दी से भरोसा नहीं करते,स्वतंत्र जीने के शौकीन यह लोग किसी के अधीन ना रहकर घूमने फिरने का बेहद लगाव रखते हैं हर समस्या का समाधान इनके पास होता हैं | ऐसे जातक बुध ग्रह से प्रभावित होने के कारण मिथुन या कन्या राशि के होते हैं |

भूरा रंग-यह लोग आत्मकेंद्रित,अकेले जीवन जीने वाले तथा स्वनियंत्रित होते हैं अच्छे मार्गदर्शक आलोचक हो सकते हैं समय का नियोजन ना कर पाने के कारण हमेशा तनाव मे रहते हैं | इन जातको पर राहू ग्रह का ज़्यादातर प्रभाव रहता हैं |

गुलाबी रंग- इस रंग को चाहने वाले जातक स्नेही,उदार समझदार होते हैं परंतु इनमे इच्छाशक्ति का अभाव होता हैं अपनी उम्र के हिसाब से इनमे बचपना अधिक रहता हैं छोटी सी बात भी इन्हे परेशान कर देती हैं | यह लोग सूर्य ग्रह से प्रभावित होने के कारण सिंह राशि के हो सकते हैं |
पहनने का ढंग एवं बांधने का तरीका-नाभि से ऊपर कपड़े बांधने वाले लोग चिंतित,व्याकुल,संजीदा,संस्कार परंपरा को मानने वाले होते हैं मनचाहा प्राप्त ना होने से असहज महसूस करते हैं वस्तुओ लोगों को जल्दी से अपनी पसंद नहीं बनाते हैं बड़े बुजुर्गो का आदर करने वाले तथा रूढ़िवादी विचारधारा के होते हैं

नाभि के नीचे वस्त्र बांधने वाले लोग स्वतंत्र विचार रखने वाले,मस्तमौला,अपनी ही दुनिया मे रहने वाले,आत्मविश्वासी निडर प्रवृति के होते हैं | इन्हे बंधन या रोक टोक मे रहना बिल्कुल पसंद नहीं आता,भीड़ से अलग दिखना इन्हे बहुत पसंद होता हैं दिखावे के साथ साथ इनमे कामुकता भी कूट कूट कर भरी होती हैं यह सुनते सबकी हैं पर करते अपने मन की ही हैं |

चमक दमक भड़कीले कपड़े पहनने वाले लोग दिखावटी एवं रसिक मिजाज़ के होते हैं पारदर्शी वस्त्र पहनने वाले निर्भीक,स्वतंत्र तथा मनमौजी होते हैं | प्रैस किए हुये वस्त्र पहनने वाले बुद्दिमान,सभ्य सजग जबकि उधड़े,फटे कपड़े पहने व्यक्ति लापरवाह गैर जिम्मेदार प्रकार के होते हैं | कमीज़ को अंदर दबाकर पहनने वाले औपचारिक सभ्य स्वभाव के तथा कमीज़ बाहर रखने वाले हंसमुख,रौबीले एवं बिंदास प्रकार के होते हैं | प्लेन कमीज़ या टी शर्ट वाले सीधा,सरल चिन्तामुक्त जीवन जीने वाले जबकि चैक या लाइन कमीज़ या टी शर्ट पहनने वाले लोग चुनौतियों के शौक़ीन होते हैं इन्हे परिवर्तन या नवीनता पसंद होती हैं |