रविवार, 7 अप्रैल 2013

लाल किताब के फरमान


लाल किताब के फरमान

“समय करे,नर क्या करे,समय बड़ा बलवान|
असर ग्रह सब पर ही होगा परिंदा पशु इंसान ||

“हाथ रेखा को समुद्र गिनते,नजुमे फलक का काम हुआ|
इल्म क्याफा ज्योतिष मिलते,लाल किताब का नाम हुआ” ||

लाल किताब हैं ज्योतिष निराली,जो किस्मत सोई को जगा देती हैं|
फरमान पक्का देके बात आखिरी,दो लफ्जी से जहमत हटा देती हैं ||

शर्त राहू-केतू की सतवे भी तोडी,जन्म राशि भी वह मिटा देती हैं|
लग्न एक का हिंदसा लेकर जो चलती,खत्म 12 पर ही वह कर देती हैं ||

हैं बुनियाद रेखा क्याफा से चलती,फलादेश ज्योतिष बता देती हैं|
हवाई ख्यालो को यक तर्फ करती,खड़ा घोडा चंद्र को कर देती हैं ||

ना 28 नक्षत्र ना पंचांग गिनती,भुला राशि 12 को वह देती हैं|
सिर्फ पक्के घर 12 आखिर लेती,ग्रह 9 से किस्मत बता देती हैं||

जन्म वक़्त दिन माह उमर साल सब कुछ,इसम नाम को भी उड़ा देती हैं|
फख्त रेखा फोटो या कोठे से कुंडली,जन्म मय चंद्र बना देती हैं ||

लिखत जब विधाता किसी की हो शक्की,उपाय मामूली बता देती हैं|
ग्रह फल राशि के टुकड़े दो करती,यह रेखा मे मेखा लगा देती हैं ||

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