बुधवार, 26 दिसंबर 2012

नक्षत्र,राशि तथा ग्रहो का आपसी संबंध


ताराओ का समुदाय अर्थात तारों का समूह नक्षत्र कहलाता हैं |विभिन्न रूपो और आकारो मे जो तारा पुंज दिखाई देते हैं उन्हे नक्षत्रो की संज्ञा दी गयी हैं | सम्पूर्ण आकाश को 27 भागो मे बांटकर प्रत्येक भाग का एक नक्षत्र मान लिया गया हैं | पृथ्वी अपना घूर्णन करते समय जब एक नक्षत्र से दूसरे पर जाती हैं या होती हैं तो इससे यह पता चलता हैं की हमारी पृथ्वी कितना चल चुकी हैं अब चूंकि नक्षत्र  अपने नियत स्थान मे स्थिर रहते हैं धरती पर हम यह मानते हैं की नक्षत्र गुज़र रहे हैं |

गणितीय दृस्टी से कहे तो जिस मार्ग से पृथ्वी सूर्य का चक्कर लगाती हैं उसी मार्ग के आसपास ही “नक्षत्र गोल”मे समस्त ग्रहो का भी मार्ग हैं,जो क्रांतिव्रत से अधिक से अधिक सात अंश का कोण बनाते हुये चक्कर लगाते हैं |इस विशिष्ट मार्ग का आकाशीय विस्तार “राशि” हैं जिसके 12 भाग हैं और प्रत्येक भाग 30 अंशो का हैं | यह 12 राशि भाग धरती से देखने पर जैसे नज़र आते हैं उसी आधार पर इनके नाम रखे गए हैं |इस प्रकार मेष से लेकर मीन तक राशिया मानी गयी हैं |

रशिपथ एक अंडाकार वृत की तरह हैं जिसके 360 अंश हैं | इन अंशो को 12 भागो मे बांटकर(प्रत्येक 30 अंश) राशि नाम दिया गया हैं | अब यदि 360 अंशो को 27 से भाग दिया जाये तो प्रत्येक भाग 13 अंश 20 मिनट का होता हैं जिसे गणितिय दृस्टी से एक “नक्षत्र” माना जाता हैं |प्रत्येक नक्षत्र को और सूक्ष्म रूप से जानने के लिए 4 भागो मे बांटा गया हैं (13 अंश 20 मिनट/4=3 अंश 20 मिनट) जिसे नक्षत्र के चार चरण कहाँ जाता हैं |

इस प्रकार सरल भाषा मे कहे तो पूरे ब्रह्मांड को 12 राशि व 27 नक्षत्रो मे बांटा गया हैं जिनमे हमारे 9 ग्रह भ्रमण करते रहते हैं | अब यदि इन 27 नक्षत्रो को 12 राशियो से भाग दिया जाये तो हमें एक राशि मे सवा दो नक्षत्र प्राप्त होते हैं अर्थात दो पूर्ण नक्षत्र तथा तीसरे नक्षत्र का एक चरण कुल 9 चरण, यानि ये कहाँ जा सकता हैं की एक राशि मे सवा दो नक्षत्र होते हैं या नक्षत्रो के 9 चरण होते हैं | हर राशि का एक स्वामी ग्रह होता हैं जिसे हम राशि स्वामी कहते हैं इस प्रकार कुल मिलाकर यह कहाँ जा सकता हैं की एक राशि जिसका  स्वामी कोई ग्रह हैं उसमे 9 नक्षत्र चरण अर्थात सवा दो नक्षत्र होते हैं |

किस राशि मे कौन से नक्षत्र व नक्षत्र चरण होते हैं और उनके स्वामी ग्रह कौन होते हैं इसको ज्ञात करने का एक सरल तरीका इस प्रकार से हैं |

सभी 27 नक्षत्रो को क्रमानुसार लिखकर उनके स्वामियो के आधार पर याद करले | अब नक्षत्र चरण के लिए निम्न सूत्र याद करे |

नक्षत्र चरण –राशिया
4 4 1-{ मेष,सिंह,धनु }
3 4 2 –{ वृष,कन्या,मकर }
2 4 3-{ मिथुन,तुला,कुम्भ }
1 4 4-{ कर्क,वृश्चिक,मीन }

आरंभ के 3 नक्षत्र केतू,शुक्र व सूर्य ग्रह के हैं ज़ो क्रमश; मेष,सिंह व धनु राशि मे ही आएंगे | इसके बाद तीसरा नक्षत्र (शेष 3 चरणो की वजह से ),चौथा व पांचवा नक्षत्र सूर्य,चन्द्र व मंगल के हैं जो क्रमश; वृष, कन्या व मकर राशि मे ही आएंगे |अब अगले(शेष)नक्षत्र मंगल,राहू व गुरु के हैं जो मिथुन,तुला व कुम्भ राशि मे ही आएंगे तथा अंत मे गुरु(शेष),शनि व बुध के नक्षत्र कर्क,वृश्चिक व मीन राशि मे ही आएंगे |

3 टिप्‍पणियां:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

सुन्दर प्रस्तुति!

Unknown ने कहा…

धन्यवाद आपको इतने अच्छे ज्ञान देने के लिए |

Unknown ने कहा…

Very good jankari ji aap esi tarah gayn diy kar ji