मंगलवार, 18 दिसंबर 2012

21-12-2012: प्रलय कैसे आ सकती है ?




21-12-2012 के दिन अंक ज्योतिष से देखने पर हमें मूलांक 3 व भाग्यांक 9 आता हैं जो की क्रमशगुरु व मंगल ग्रह के अंक होते हैं इन दोनों ग्रहो मे मित्रता होने से कोई अशुभता नज़र नहीं आती हैं |

गुरु वक्र व पीड़ित होने से अपनी अशुभता खो रहे हैं तथा मंगल अपनी ऊंच राशि मे हैं जो किसी भी प्रकार के विनाश या नुकसान की नहीं अपितु स्रजन व निर्माण को ही बता रहे हैं वही न्यायकारक शनि भी अपनी ऊंच राशि मे चल रहे हैं जो धरती पर निर्माण कार्यो को ही बता रहे हैं ( जब शनि ऊंच के होते हैं तो बहुत से मकानो का निर्माण होता हैं आप अपने आस पास नज़र दौड़ाए आज कल हर जगह निर्माण कार्य ही चल रहे हैं ) तो यह स्पष्ट रूप से कहाँ जा सकता हैं की इस दिन विशेष तौर से विनाश जैसा कुछ नहीं होने वाला हैं |

इस दिन यह दावा किया जा रहा हैं की धरती पर महाप्रलय आएगी तथा धरती की वर्तमान सभ्यता नष्ट हो जाएगी चूंकि इस प्रलय का एक निश्चित समय नहीं दिया गया हैं तो हमने भारतीय ज्योतिष की दृस्टी से भी उस दिन की चन्द्र कुंडली द्वारा यह जानने का प्रयास किया हैं की तथाकथित प्रलय आने की कितनी संभावना हैं |

इस पुरे दिन चंद्रमा मीन राशि मे रहेगा जिसका फलित ज्योतिष के आधार पर शुभ फल कहाँ गया हैं | अन्य ग्रहो मे देखे तो सूर्य  छठे भाव का स्वामी होकर दशम भाव व धनु राशि मे हैं जो की शुभ हैं |

पंचम भाव का स्वामी चन्द्र होकर लग्न मे बैठा हैं जो की केंद्र त्रिकोण का संबंध बनने से अति शुभ हो गया हैं | अपनी ऊंच राशि मे मंगल एकादश भाव मे अतिशुभ व लाभप्रद बन गया हैं वही अष्टम भाव मे बैठा शनि आयुवर्धक ग्रह  बन गया हैं |

तीसरे भाव मे गुरु वक्री होकर शत्रु राशि मे केतू संग हैं जिससे वह भी शुभ हो गया हैं नवम  भाव मे दो केंद्र का स्वामी होकर बुध केंद्र त्रिकोण का संबंध बना रहा हैं | शुक्र अपने पराक्रम के भाव को देखकर बल प्रदान कर रहा हैं भाग्य स्थान मे राहू का होना थोड़ा सा अशुभ अवश्य हैं परंतु भाग्य स्वामी का ऊंच राशि गत होना उसकी अशुभता को कम कर रहा हैं | इस प्रकार सभी के सभी ग्रह अपनी शुभ अवस्था मे हैं  जो यह निश्चित कर रहे हैं की इस दिन प्रलय जैसा कुछ नहीं होने वाला हैं |

एक तथ्य यह ज़रूर ध्यान मे रखा जाना चाहिए की इस दिन जल तत्व की राशियो पर ज़्यादातर ग्रहो का प्रभाव हैं जो किसी जल संबंधी घटना या दुर्घटना होना अवश्य बता रहे हैं विशेषकर कर्क राशि वाले स्थानो मे ऐसा हो सकता हैं क्यूंकी कर्क राशि पर मंगल व शनि दोनों ग्रहो का प्रभाव हैं |

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