1)
प्रथम अध्याय- हर प्रकार की चिंता मिटाने के लिए |
2)
दूसरा अध्याय- मुकदमे,झगडे आदि मे विजय पाने के लिए |
3)
तीसरा अध्याय- शत्रु से छुटकारा पाने के लिए |
4)
चतुर्थ व पंचम अध्याय- भक्ति,शक्ति तथा दर्शन के लिए |
5) छठा
अध्याय- डर,शक बाधा हटाने के लिए |
6)
सप्तम अध्याय-हर कामना पूर्ण करने के लिए |
7)
अष्टम अध्याय-मिलाप व वशीकरण करने के लिए |
8)नवम
व दशम अध्याय- गुमशुदा की तलाश एवं पुत्र प्राप्ति के लिए |
9)
एकादश अध्याय- व्यापार व सुख संपती के लिए |
10) द्वादश
अध्याय-मान सम्मान व लाभ के लिए|
11)
त्रियोदश अध्याय- भक्ति प्राप्ति के लिए |
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