सोमवार, 8 मार्च 2010

रिकार्डो के शिखर पर सचिन

क्रिकेट के खेल में सभी रिकार्ड अपने नाम लिखवाने वाले भारतीय बल्लेबाज सचिन रमेश तेंदुलकर अप्रैल माह में पुरे ३७ वर्ष के हो जायेंगे | अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में दो दशक गुजार चुके सचिन ने अपने ३७वे वर्ष में एकदिवसीय मैचो में १७ हज़ार रन जिनमे ४५ शतक शामिल हैं तथा टेस्ट मैचो में १३ हजाए रन जिनमे ४६ शतक (१४ फरवरी २०१० तक) पूर्ण किये,क्रिकेट जगत के कुछेक रिकार्डो को छोड़ दे तो लगभग सभी रिकार्ड इस करिश्माई भारतीय बल्लेबाज ने अपने नाम किये हैं | सचिन जब भी मैदान में उतरते हैं एक नया रिकार्ड अवश्य बनता हैं शायद इसीलिए उन्हें क्रिकेट का बादशाह माना जाता हैं व उनकी तुलना महान आस्ट्रेलियाई बल्लेबाज सर डोन ब्रैडमैन से की जाती हैं | आइये आज ज्योतिष के माध्यम से जानने का प्रयास करते हैं की खेल जगत में इतिहास पुरुष बने तेंदुलकर का आने वाला समय कैसा हैं व तेंदुलकर अपने खेल जीवन में इतनी सफलता कैसे प्राप्त कर सके |

सचिन तेंदुलकर का जन्म २४ अप्रैल १९७३ में मुंबई में हुआ,जन्म समय को लेकर प्रत्येक महान व्यक्ति की कुंडली में कुछ न कुछ विवाद अवश्य होता हैं सचिन भी इसका अपवाद नहीं हैं कही कही उनका जन्म २-३५,४-३५,६-00 बजे मिलता हैं परन्तु हमारी गणना के अनुसार व प्राप्त कुंडली में उनका जन्म समय जो निकलता हैं उन सभी में कन्या लग्न ही प्राप्त होता हैं सत्य तो सचिन के माता पिता व सम्बन्धी ही जानते होंगे परन्तु हमारे शोध व अनुभव से ठीक समय लगभग ४-२८ आता हैं चूँकि ४-३० के बाद नवमांश भी बदल जाता हैं हम इसी समय को लेकर सचिन की कुंडली का विश्लेषण करते हैं |

सचिन का जन्म कन्या लग्न व धनु राशी में हुआ हैं लग्नेश(लग्न का स्वामी ) बुध व सप्तमेश (सातवे घर का स्वामी) गुरु अपनी अपनी नीच राशियो में हैं तथा व्ययेश (१२वे घर का स्वामी ) सूर्य व पराक्रमेश (३रे घर का स्वामी ) मंगल अपनी अपनी ऊँच राशियो में हैं |जन्मकुंडली में लग्नेश बुध नीच राशी का होकर सप्तम भाव (मीन राशी) में बैठा हैं जो की जल तत्त्व व द्विस्वभाव राशी हैं जिससे लग्न व लग्नेश दोनों ही निष्क्रिय हो गए हैं (लग्न पर अन्य ग्रहों का प्रभाव भी नहीं हैं) इसलिए नवमांश कुंडली ज्यादा प्रभावित प्रतीत होती हैं |

नवमांश कुंडली में लग्नेश शनि सप्तम भाव में शुक्र,राहू संग अग्नि तत्त्व,स्थिर राशी(सिंह) में हैं जिससे लग्न पर तीनो का प्रभाव हैं तथा लग्न में केतु भी अग्नि तत्त्व का ही प्रतीक बन रहा हैं |इन सभी बातो के आंकलन से जो विश्लेषण बनता हैं वह मुख्यत:अग्नि तत्त्व की प्रमुखता व द्विस्वभाव की प्रदर्शिता बताते हैं जिससे सचिन के आचार विचार में चंचलता,जोश,आक्रामकता,शक्ति,पराक्रम व जीतने की भावना का पता चलता हैं जो की सचिन को उत्साही,मदद करने वाला,निरंतर सीखने की इच्छा रखने वाला बनाते हैं |
कुंडली के अन्य ग्रहों पर नज़र डाले तो मंगल(पराक्रमेश) पंचम भाव में गुरु संग अपनी ऊँच राशी में विराजित होने से अत्यंत बली हो गया हैं,नवमांश में तीसरे भाव में मंगल की राशीहैं तथा मंगल राहू से दृष्ट हैं जिससे दोनों कुंडलियो में तीसरा भाव (पराक्रम व खेल भाव ) बली हो गया हैं जिससे जातक के शौक व हुनर की सफलता स्पष्ट पता चलती हैं |गुरु सप्तमेश होकर अपनी नीच राशी (मकर) में मंगल संग पंचम भाव में बैठा हैं जिससे विद्या ज्यादा नहीं मिल पाई तथा पुत्र सुख मिला | सूर्य ऊँच के होकर अष्टम भाव में, परन्तु बली हैं तथा नवमांश में छठे भाव में बैठकर शत्रुओ पर विजय प्राप्त करवा रहे हैं |
आईये अब यह देखते हैं की सचिन खिलाडी क्यों बने -सामान्यत:खिलाडियो की जन्म पत्रिकाओ में सूर्य,बुध,मंगल,तीसरा व छठा भाव खेल के प्रति रुझान बतलाते हैं यहाँ इस जन्म पत्रिका में सूर्य,मंगल ऊँच तथा बुध नीच राशी पर हैं परन्तु पीड़ित नहीं हैं, तीसरे भाव का स्वामी मंगल बली तथा छठे भाव का स्वामी शनि भाग्यस्थान पर बैठ तीसरे भाव पर दृष्टी डाल रहा हैं | नवमांश में भी मंगल तीसरे भाव पर दृष्टी डाल रहा हैं व बुध की राशी में ही बैठा हैं तथा बुध लाभ स्थान में मंगल राहू से दृष्ट हैं, इस प्रकार यह कुंडली सफल खिलाडी का होना ही प्रदर्शित करती हैं |

सचिन का आने वाला समय -वर्तमान समय सचिन पर राहू महादशा में शुक्र अन्तर्दशा ३०/५/२०११ तक चलेगी जिससे सचिन को महत्वपूर्ण उपलब्धिया,पुरस्कार,कीर्तिमान व आर्थिक लाभ परन्तु संग संग चोट,पेट,व हड्डियो की समस्या का सामना भी करना पड़ेगा | इसी दौरान भारत में क्रिकेट का विश्वकप भी होगा जिसमे लाखो भारतीय सचिन से भारत के विश्व विजेता बनने का ख्वाब पूरा करवाना चाहते हैं वैसे अभी कई और रिकार्ड भी हैं जो हम भारतीय चाहते हैं की सचिन ही उन्हें अपने नाम करे |अगले माह सचिन अपने ३८वे वर्ष में प्रवेश करेंगे जिसका मूलांक २ बनता हैं जो की सचिन हेतु शुभ हैं अत:यह कहाँ जा सकता हैं क्रिकेट का यह बादशाह अभी और भी कई रिकोर्ड अपने नाम करेगा वैसे भी राहू का सचिन की चन्द्र राशी से गोचर उनके प्रदर्शन में चार चाँद अभी एक साल तक तो लगवाता ही रहेगा |
अंक ज्योतिष से भी सचिन की पत्रिका में काफी प्रभाव दिखता हैं सचिन का मूलांक छह हैं नामाक्षर का जोड़ भी छह आता हैं तथा सचिन के अधिकतर रिकोर्ड भी ६,१५,२४,तारीख को ही बने हैं |
अंत में यही कहना चाहूँगा की सचिन हमें तुम पर नाज़ हैं तुम ऐसे ही हम भारतीयों का सर ऊंचा करते रहो |

नोट -सभी गणनाए,विश्लेषण मेरे अल्प ज्योतिषीय ज्ञान व शोध पर आधारित हैं जिनमे त्रुटी होने की सम्भावना हैं जिसके लिए सभी विद्जनो से क्षमाप्रार्थी हूँ|

1 टिप्पणी:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

सशक्त अभिव्यक्ति!

नारी-दिवस पर मातृ-शक्ति को नमन!