कुम्भ राशी -२०१० के आरम्भ से ३० अप्रैल तक गुरु का संचार इस राशी पर होने से संघर्ष के बाद सफलता मिलेगी,धन लाभ होगा,संतान सुख मिलेगा,१९ जुलाई तक इस राशी पर मंगल की दृष्टी व शनि की ढैया का प्रभाव रहेगा जिससे मानसिक तनाव व घरेलु उलझने रहेगी,१६ अगस्त से १५ सितम्बर तक क्रोध व उत्तेजना,आय कम व खर्च अधिक होगा,१९ अक्तूबर से ३० नवम्बर तक मानसिक तनाव,चिंताए व व्यावसायिक उलझाने बनेगी तथा १ नवम्बर से ५ दिसंबर के बीच परिस्थितियो में सुधार आएगा
उपाय-१) शनिवार व्रत करे तथा कौवो को बाजरा खिलाये
२) हर शनिवार शिव मंदिर में कच्ची लस्सी,बेलपत्र,एक चुटकी शक्कर डालकर "ॐ नमः शिवाये "मंत्र पढ़ कर अभिषेक करे उसके बाद पीपल के पेड़ पर भी जल चढ़ाये
३) हर शनिवार दशरथ शनि श्रोत का पाठ कर लोहे की कटोरी में छाया दान कर तेल शनि मंदिर में दे
मीन राशी - वर्ष आरम्भ से १ मई तक धन में कमी,शुभ कार्यो में खर्च,गुप्त चिंताए व व्यर्थ दौड़ धुप लगी रहेगी,२ मई से धन लाभ,धर्म में रूचि,२३ जुलाई से स्वाभाव में परिवर्तन,१६ सितम्बर से १६ अक्तूबर तक बनते कामो में बाधाये,उलझने होगी,खर्चे बढेंगे,शत्रु नुक्सान पहुंचा सकते हैं,१८ नवम्बर से स्थिति सुधरेगी,६ दिसंबर से संतान,स्त्री व कार्य व्यवसाय सम्बन्धी सुख मिलेंगे परन्तु क्रोध व उत्तेजना भी बढ़ सकती हैं
उपाय-१) गुरूवार व्रत करे एवं केसर का तिलक लगाये
२) रोजाना गुरु गायत्री का मंत्र पढ़ कर सूर्य भगवान को जल चढ़ाये
३) प्रत्येक गुरूवार केले के पेड़ का पूजन कर भगवान शंकर के मंदिर में हल्दी मिला जल शिवलिंग पर बेल पत्र सहित चढ़ाये
४) अपने जन्मदिन के दिन पीली वस्तुए दान करे
1 टिप्पणी:
आपने बातें बड़ी अच्छी बताई हैं यदि यही सार काम एक ईश्वर के लिए होने लगे तो कितना अच्छा रहेगा। वह ईश्वर जो सम्पूर्ण संसार का सृष्टीकर्ता, स्वामी और संरक्षक है। उसे हम क्यों भूल रहे हैं जबकि वेदों में कहा गया (न तस्य प्रतिमा अस्ति)ईश्वर की कोई मूर्ति नहीं बन सकती।
प्लीज इस विषय पर भी हम सब ज़रा समय निकाल कर चिंतन मनन करें। धन्यवाद
एक टिप्पणी भेजें