ज्योतिष का हर जानकार जानता हैं की जन्म पत्रिका मे लग्न मनुष्य के भौतिक पहलुओं का,चंद्रमा मानसिक पहलुओ को तथा शुक्र यौन पहलू को व्यक्त करता है ।
लग्न या प्रथम
भाव स्वयं का प्रतिनिधित्व करता है । यदि इस भाव में विशेषकर लड़की की दृष्टि से
मंगल मौजूद हो तो अत्याधिक
ऊर्जावान होने से नकारात्मक रूप से देखने पर उसके वैवाहिक जीवन मे बहुत सी
परेशानियाँ खड़ी कर सकता हैं | वही सकारात्मक रूप से
देखने पर वह एक पुरुष की
तरह ही घर की दैनिक समस्याओं
को हल करने वाली भी हो
सकती है । पहले घर में मंगल का काम व्यक्ति को भरपूर ऊर्जा और बल देना है ताकि
व्यक्ति अपने नित्य कार्यों
को आसानी से पूरा कर सके । एक ग्रह के रूप में मंगल लड़की और लड़के के बीच अंतर
नहीं करता है |
चौथा घर परिवार,
आराम और मन की शांति से संबंधित है । यदि किसी लड़की की कुंडली में
मंगल चौथे घर में है तो निश्चित है कि वह देर - सबेर घर तोड़ने वाली होगी, इसलिए
दूल्हे के परिवार की खुशी के लिए उसे अस्वीकार कर दिया जाता है | ऐसे मे
घर की शांति को नष्ट करने या अपनी सास से लड़ने की बजाय उसके पास
अपनी सकारात्मक ऊर्जा से घर को स्वर्ग बनाने के बेहतर विचार भी होंगे ।
सातवां घर
जीवनसाथी या साथी का प्रतिनिधित्व करता है और इस घर में मंगल की स्थिति लड़की को
अपने पति से अधिक यौन सुखों की मांग कर सकती है जिसे वह आसानी से पूरा नहीं कर
सकता है । वही मंगल के सकारात्मक रूप
को देखे तो अपनी ऊर्जा सेक्स और विनाश पर केंद्रित करने के
बावजूद वह अपने पति को पूरा समर्थन प्रदान कर सकती है जिससे उन दोनों को परिवार
में खुशी और सद्भाव लाने की आजादी मिलती है ।
ज्योतिष में
अष्टम भाव को मृत्यु भाव माना जाता है और मंगल एक उग्र ग्रह होने के कारण लड़कियों
की कुंडली में मौजूद होने पर ही विनाश की कल्पना करता है पर इसमें कोई सच्चाई नहीं है जब किसी
लड़की की कुंडली में आठवें घर में मंगल मौजूद होता है तो वह अपने पति को मौत के
घाट उतार देती है । जन्म और मृत्यु को सर्वशक्तिमान द्वारा नियंत्रित किया जाता है
और ब्रह्मांड की इस योजना में मनुष्य की भूमिका नगण्य है । आठवां घर अपनी गुप्त
शक्ति और छिपे हुए ज्ञान और खजाने के लिए भी जाना जाता है और इस घर में मंगल की
स्थिति हमेशा उन क्षेत्रों में योगदान देती है |
मंगल की स्थिति
के लिए 12वां घर खराब माना जाता है क्योंकि यह बिस्तर आराम या ऊर्जा की हानि से
संबंधित है । ऐसा माना जाता है कि यदि किसी महिला की कुंडली में मंगल बारहवें घर
में मौजूद है तो उसकी यौन इच्छाएं उसके पति की क्षमता से कहीं अधिक हो सकती हैं ।
इसलिए 12वें घर में मंगल के साथ जन्म लेने वाली लड़की को आम तौर पर उसके चार्ट के
अन्य पहलुओं को अधिक महत्व दिए बिना छोड़ दिया जाता है ।
हमारी समझ के
अनुसार यदि किसी लड़की की कुंडली के 12वें घर में मंगल मौजूद है तो वह यौन स्तर पर
समस्याएँ पैदा करने के बजाय अपने पति को सेक्स की आंतरिक अवधारणा सिखाने में बहुत
उपयोगी हो सकती है । सेक्स की गहरी समझ यह है कि इसका भरपूर आनंद लें और फिर इसे
छोड़कर आगे बढ़ जाएं । जो ऊर्जा व्यर्थ जा रही थी या निष्क्रिय पड़ी थी उसका उपयोग
आध्यात्मिक विकास के लिए किया जा सकता है ।
वैदिक काल में
समान रूप से स्त्रियों का महत्व था और इसीलिए उस समाज और ज्ञान का अधिकतम विकास
हुआ आज जब समय
तेजी से बदल
रहा है और विशेषकर भारत में महिलाओं की जागरूकता भी बदल रही है । ज्योतिष केवल समय
को समझने, पढ़ने और अध्ययन करने के अलावा और कुछ नहीं है ।
इसलिए बदलते समय के अनुरूप ढलना विद्वान ज्योतिषियों का कर्तव्य है |
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