नक्षत्रो के देवता व रोग
हमारे प्राचीन ग्रंथो मे
विभिन्न नक्षत्रो के देवता व उनसे संबन्धित होने वाले रोगो के विषय मे लिखा गया
हैं और कहाँ गया हैं की जिस नक्षत्र के कारण रोग होता हैं उस नक्षत्र के देवता का
पूजन करने से रोग मुक्ति होती हैं | प्रस्तुत लेख मे हमने इसी विषय पर प्रकाश डालने का
प्रयास किया हैं |
नक्षत्र देवता व रोग
1)अश्विनी-अश्विनी देवता –मियादी
बुखार
2)भरनी-यम देवता-संग्रहणी
अथवा दस्त
3)कृतिका अग्नि देव –आंतों
के रोग कारण कब्ज़ दस्त आदि
4)रोहिणी-ब्रह्म
देव-बवासीर
5)मृगशिरा –चन्द्र देव -अपच
6)आद्रा-रुद्र देव -मंदाग्नि
अथवा भूख ना लगना
7)पुनर्वसु-अदिति देव –हैजा
8)पुष्य- गुरु देव –स्वाद
से वंचित
9)अश्लेषा –सर्प देव –अल्परक्तता
10)मघा-पित्र देव –श्वास
संबंधी
11)पू,फाल्गुनी-भग
देव –कफ खांसी
12)उ,फाल्गुनी-अर्यम
देव –कोढ़ व चरम रोग
13)हस्त- सावित्री
देव-मधुमेह
14)चित्रा- त्वस्तु देव-
बेचैनी व अर्धमुरछा
15)स्वाति- वायु देव –नेत्रा
रोग
16)विशाखा -इंद्र देव-कर्ण
रोग
17)अनुराधा-मित्र देव-नाक
की बीमारी
18)ज्येस्ठा –इन्द्र देव-
मुख दाँत जीभ होठ मसूढ़े व गला रोग
19)मूल- राक्षस- क्षय रोग
20)पू,षाढ़ा-
जल देव- पथरी रोग
21)उ,षाढ़ा
–विश्वदेव देवता -हैजा व उल्टी
22)श्रवण –गोविंद देव -स्वाद
रहित
23)धनिष्ठा-वसु देव-वात
रोगो के दर्द से पीड़ित
24)शतभीषा -वरुण देव-पित्त
25)पू,भद्रपद-अजकेपाद
देवता –कफ संबन्धित रोग
26)उ,भाद्रपद-अहिर्बुर्न
देवता-चर्बी रोग
27)रेवती –पूषा देवता –घाव
व व्रण
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