भारत का
68 वाँ वर्ष
15/8/1947
मध्यरात्रि को दिल्ली मे जन्मे भारत वर्ष मे अभी सूर्य मे केतू की दशा 10/9/2014
तक चल रही हैं जिसके प्रभाव से सरकार को परेशानी के हालातो का सामना करना पड़ेगा
वही किसी बड़े नेता अथवा किसी बड़े व्यक्ति की मृत्यु का भी योग दिखाई पड़ता हैं | इन दोनों ग्रहो मे 5/9 का संबंध हैं जो जनता व शिक्षा से संबन्धित विभागो
मे तनाव की सी स्थिति दर्शा रहे हैं (यू पी एस सी परीक्षा
संबंधी विवाद हम सब देख ही रहे हैं जो अभी चल ही रहा हैं ) जो संभवत: सूर्य मे शुक्र दशा 10/9/2014 से 10/9/2015 के आते ही लगभग समाप्त सा हो
जाएगा |
सूर्य मे
शुक्र दशा भारत मे सामाजिक जनक्रांति लाने का कारण बनेगी जनता विशेषकर महिलाओ मे
असुरक्षा व अपमान की भावना बढ्ने जैसे हालात बनेंगे जिससे वह अपना नाम व कद बढ़ाने
के लिए और भी शक्तिशाली बनने का प्रयास करना आरंभ करेंगी | ध्यान रखे शुक्र भारत की पत्रिका मे लग्नेश होकर अस्त अवस्था मे हैं | आम जनता ज़मीन,खेती व शिक्षा को लेकर सरकार की
नीतियो का उससे जवाब मांगेगी | महंगाई मे विशेषकर खान पान की
वस्तुए सस्ती होने के कारण अवस्य ही थोड़ी सी राहत प्राप्त होगी | सूर्य शुक्र दोनों के तीसरे भाव मे होने से भारत को अपने पड़ोसी देशो
विशेषकर जिनमे स्त्रीयों का प्रभाव हैं उनसे सावधान रहने की आवशयकता हैं |
भारत के
68 वे वर्ष (15/8/2014 से 15/8/2015 ) की कुंडली मे कर्क लग्न उदित हैं जो भारत की
जन्म पत्रिका का तीसरा भाव हैं तथा कर्क भारत की राशि भी हैं इसी राशि मे वर्तमान
मे ऊंच के गुरु का गोचर चल रहा हैं जिसके
प्रभाव से भारत धर्म,न्याय,कानून,शिक्षा व अपने मित्रो,सांझेदारों तथा सहयोगीयो के
लिए एक मिसाल के रूप मे उभरेगा | चतुर्थ भाव मे दो पापी
ग्रहो मंगल व शनि का संबंध होने से देश मे आंतरिक कलह,युद्ध
व दंगो जैसे हालात बनते रहेंगे जिससे जनता मे एक भय का सा माहौल बना रहेगा,आगजनी,विस्फोट,दुर्घटनाए,प्राकतिक आपदाए,कहीं बाढ़ कहीं सूखा,सीमा पर घुसपैठ व हमले जैसे हालातो व परेशानियों का सामना देश अथवा देश की
जनता को को करना पड़ेगा | दशम भाव मे इन्ही दोनों ग्रहो के
प्रभाव से सरकार बार बार विपक्ष के द्वारा उत्पन्न संकटों से खुद का बचाव करती नज़र
आएगी |
लग्नेश
चन्द्र केतू संग नवम भाव मे होने से देश मे कहीं ना कहीं अंग्रेज़ियत व धर्म को
लेकर वाद विवाद जैसे हालात बने रहेंगे वही ऊंच के शनि का सप्तमेश अस्ट्मेश होकर
सभी केन्द्रो पर प्रभाव डालना कहीं ना कहीं मजदूर व आम जनता के प्रभाव मे बढ़ोतरी
करता नज़र आता हैं |
केंद्र
मे ज़्यादातर तकनीकी ग्रहो के प्रभाव कारण इस वर्ष भारत कई तकनीकी क्षेत्रो जैसे
कंप्यूटर,इंजीनियरिंग,दूरसंचार,ऊंच-तकनीकी शिक्षा,मेडिकल,रक्षा
उपकरण,सौर ऊर्जा आदि मे अपना काफी नाम कमाएगा तथा इन सभी
क्षेत्रो मे भारत की उल्लेखनीय उन्नति इस वर्ष होगी |
छठे भाव
मे मुंथा होने से तथा मुन्थेश के लग्न मे चतुर्थेश-एकादशेश शुक्र व धनेश सूर्य संग होने से देश मे आंतरिक
कलह की सी स्थिति बनी रहेगी और भारी अर्थ हानिया भी होंगी परंतु तीसरे व बारहवे
भाव के स्वामी बुध के धन भाव मे होने से विदेशी निवेश भी भारत को खूब मिलेगा
(सरकार ने एफ डी आई के द्वारा इसकी शुरुआत कर दी हैं)शुक्र लाभेष के लग्न मे होने
से सरकार को महंगाई कम करने मे मदद मिलेगी तथा रुपये का स्तर विश्व बाज़ार मे बढ़ेगा
|
खेलो के
क्षेत्र मे भारत इस वर्ष कुछ नए खेलो मे नाम कमाता नज़र आ रहा हैं विशेषकर
स्त्रीवर्ग खेलो मे भारत का डंका पूरे विश्व मे बजाता प्रतीत हो रहा हैं
(राष्ट्रमंडलीय खेलो मे इसका उदाहरण हम देख ही चुके हैं ) कला व फिल्म के क्षेत्र
मे नए नए कीर्तिमान इस वर्ष बनने की संभावना दिखती हैं किसी कला कृति अथवा फिल्म
को पूरे विश्व मे सराहना व पुरस्कार मिलने की प्रबल संभावना दिखती हैं |
अगस्त
2014 से गोचर –इस वर्ष नवंबर तक गोचर मे शनि व गुरु दोनों ग्रहो का अपनी-अपनी ऊंच
राशि मे भ्रमण हो रहा हैं जिसमे शनि का गोचर भारत हेतु बहुत शुभता रखता हैं | वर्तमान मे तुला राशि मे मंगल व शनि के भारत की पत्रिका के छठे भाव से
गुजरने के कारण दुर्घटनाए,आगजनी व हिंसक गतिविधियो के बढ्ने
के योग हैं वही शनि की तीसरे भाव मे नवंबर 2014 तक दृस्टी रहने से पड़ोसी देश हमें
ज़्यादा से ज़्यादा परेशानी मे डालने का प्रयास करेंगे परंतु यह भाव भारत की राशि का
भाव भी हैं और इसी राशि (कर्क) मे गुरु ग्रह का ऊंच का गोचर चल रहा हैं जिससे भारत
की चन्द्र कुंडली के पंचम,सप्तम व नवम भाव प्रभावित हो रहे
हैं जो भारत के शिक्षा,व्यापार व धर्म के क्षेत्र मे
उल्लेखनीय वृद्दि की संभावना बता रहे हैं |
लग्न से
तीसरे भाव मे गुरु के इस गोचर से भारत संचार व खेल के क्षेत्र मे काफी नाम बनाएगा
परंतु शनि के प्रभाव कारण रेलवे,उड्डयन व संचार के
क्षेत्रो मे काम करने वाले लोगो मे असंतोष की भावना भी जन्म लेगी | ज़मीन,ज़मीन से जुड़े व्यवसाय व रियल स्टेट के व्यापार
मे जबर्दस्त नुकसान होने की संभावना हैं |
राहू का
पंचम भाव मे गोचर जहां सरकार के लिए ग्रहण जैसे हालत पैदा कर रहा हैं वही खेल व
सिनेमा जगत हेतु किसी आकस्मिक बड़ी दुर्घटना की और संकेत कर रहा हैं | देश का बुद्दिजीवी वर्ग भी एक प्रकार के भ्रम की सी स्थिति मे रहेगा | जल से संबन्धित दुर्घटनाए बढेगी संभवत: किसी तीर्थ स्थान मे कोई बड़ी
दुर्घटना हो सकती हैं |
नवंबर
2014 के बाद शनि का सप्तम भाव मे गोचर विदेश व पड़ोसी देशो से तनाव करवा सकता हैं सीमा पर एकाएक युद्ध अथवा घुसपैठ जिसे
हालात बन सकते हैं सरकार अपनी कर संबंधी नीतियो मे
बदलाव करने पर मजबूर हो सकती हैं | किसी राज्य के मंत्री की
मृत्यु या पदच्युति हो सकती हैं लोहे से संबंधी दुर्घटनाओ मे इजाफा हो सकता हैं
तथा धार्मिक स्थानो मे वाद विवाद होने से देश मे सांप्रदायिक दंगे हो सकते हैं |
10 अगस्त
को पूर्णमासी के दिन राहू केतू को छोड़कर सभी ग्रह तीन राशियो मे रहेंगे | इसी प्रकार सितंबर माह मे कर्क राशि से वृश्चिक राशि के बीच ग्रह मल्लिका
योग का निर्माण होगा नवंबर माह मौसम व जलवायु हेतु विशेष बदलाव दर्शा रहा हैं कारण
गुरु का जल राशि मे होना तथा सूर्य का जल राशि मे शनि संग प्रवेश करना दिसंबर मास मे शनि व मंगल का राशि परिवर्तन देखने को मिलेगा जिसमे मंगल
अपनी ऊंच राशि मे होगा |
कुल
मिलाकर कहाँ जा सकता हैं की भारत का यह 68 वा वर्ष शुभाशुभ दोनों प्रभाव दर्शाएगा
जिसमे बड़े पैमाने मे कहे तो देश बहुत तरक्की करेगा परंतु साथ साथ अन्य छोटी मोटी
दुर्घटनाए भी अपना अशुभ प्रभाव डालने मे कामयाब रहेगी जिससे देश के विकास व तरक्की
मे बाधाए भी आएंगी |
डॉ॰
आचार्या किशोर घिल्डियाल
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