शनिवार, 23 अगस्त 2014

मेष लग्न मे मंगल

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आइए अब कुछ उदाहरण देखते हैं जिनमे मंगल ने लग्नेश होने के पूर्ण फल प्रदान किए हैं |
1)22 जुलाई 356 ईसा पूर्व 23:00 सिकंदर महान की इस मेष लग्न की पत्रिका मे मंगल तृतीय भाव मे हैं जो साहस व पुरुषार्थ का भाव माना जाता हैं सभी जानते हैं की इन्ही दोनों के कारण सिकंदर पूरी दुनिया मे अपना झण्डा फहराने मे कामयाब रहा यहाँ मंगल ने लग्नेश होने का बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया हैं |

2)22/12/1907 14:10 जयसिंहनगर  मे जन्मे सेठ लखमी चंद्र की इस मेष लग्न की पत्रिका मे मंगल लाभ भाव मे लाभेष-दशमेश शनि संग बैठकर धनयोग का निर्माण कर रहा हैं सेठ लखमी चन्द्र का अपना निजी बैंक था जिसकी कई शाखाए पूरे भारत वर्ष मे थी | अंग्रेज़ सरकार मे भी इनका खूब आदर सम्मान था यहाँ मंगल ने लग्नेश होकर शनि पर नियंत्रण रखकर धन,लाभ व बुद्दि भाव पर अपना पूर्ण प्रभाव दर्शाया हैं |

3)24/12/1965 14:37 इंदौर मे जन्मे विश्व भर मे प्रसिद्द भारतीय सिनेस्टार सलमान खान की मेष लग्न की पत्रिका मे मंगल ऊंच राशि का होकर दशम भाव से लग्न पर दृस्टी दे रहा हैं अपने आरंभिक दिनो मे रोमांटिक नायक की भूमिका से आजकल के दबंग नायक के रूप मे इसी ऊंच के मंगल ने इन्हे प्रसिद्दि प्रदान की हैं इनकी एक्शन भरी फिल्मों के सभी दीवाने हैं | यहाँ मंगल ने लग्नेश के साथ-साथ ऊंच के प्रभाव भी प्रदान किया हैं |
4)1/5/1951 5:45 दिल्ली प्रस्तुत जातक की पत्रिका मे मंगल लग्न मे ही स्थित हैं जिस कारण जातक ने अपनी साधारण शिक्षा प्राप्त करने के बाद किसी की भी नौकरी ना कर अपना ही व्यवसाय किया जातक गत्ते के बक्से बनाने का काम करता रहा हैं तथा आज अत्यधिक रूप से सफल व धनाढय व्यापारी हैं |
5)12/6/1942 1:32 कलकत्ता इस पत्रिका मे लग्नेश मंगल नीच राशि का होकर सभी केन्द्रीय भावो पर अपना प्रभाव बना रहा हैं जिससे जातक का कार्यक्षेत्र भी मंगल संबंधी बन पड़ा हैं मंगल का नीच भंग भी हुआ हैं | यह जातक भारतीय थल सेना मे फाइटर पाइलट के पद पर रहा यहाँ मंगल ने नीच होकर भी पूर्णतया लग्नेश होने का अपना प्रभाव ऊंच राशि का होने से भी बेहतर दिया हैं |
6)26/12/1970 14:40 दिल्ली इस पत्रिका मे मंगल शुक्र शत्रु संग शत्रु राशि का ही होकर सप्तम भाव मे स्थित हैं परंतु इसकी लग्न व दशम भाव व दशमेश शनि पर दृस्टी होने से जातक ने अपने वकालत के क्षेत्र मे खूब तरक्की की हैं | यहाँ मंगल ने शत्रु संग व शत्रु राशि का होने के बावजूद लग्नेश होने का फल दिया हैं |
7)18/8/1944 21:35 कानपुर प्रस्तुत पत्रिका मे मंगल छठे भाव मे होकर शत्रुहंता योग बना रहा हैं इसकी लग्न पर दृस्टी होने से जातक ने अपने कार्यक्षेत्र मे काफी प्रतिस्पर्धा होने के बावजूद बड़ी मेहनत से समाज मे अपना एक ऊंचा मुकाम  बनाया हैं जातक उत्तर भारत के जाने माने कंस्ट्रक्टर बिल्डर हैं जिन्होने बहुत से विद्यालयो का निर्माण किया हैं |
कुछ अन्य पत्रिकाए जिनमे मंगल ने लग्नेश होने के शुभ प्रभाव दिये हैं |
1)22/12/1887 14:33 विजयवाड़ा भारत के सुप्रसिद्द वैज्ञानिक श्री रामानुजम की पत्रिका मे मंगल छठे भाव मे हैं |
2)21/3/1960 8:35 सहारनपुर, मंगल ऊंच राशि का हैं जातक इंजीनियर हैं तथा ऊंच पद पर सरकारी संस्थान मे कार्यरत हैं |
3)15/9/1943 21:00 मेरठ, मंगल लग्न मे हैं जातक इंजीनियर होकर अपना निजी व्यवसाय करता हैं |
4)सरदार पटेल 18/10/1875 को जन्मे लोहपुरुष पटेल की पत्रिका मे मंगल ऊंच राशि का दशम भाव मे हैं |

आइए अब कुछ ऐसी पत्रिकाए देखते हैं जिनमे मंगल ने अस्टमेष होने के अशुभ प्रभाव प्रदान किए |
   
1)10/9/1933 21:00 बनारस izLrqr tkrd LoLFk 'kjhj o vPNk fo|kFkhZ Fkk 15 o"kZ dh vk;q esa cq[kkj ls bl tkrd dh e`R;q eaxy esa 'kqØ n'kk esa gqbZ ns[ksa eaxy] 'kqØ lax lIre ekjd Hkko esa gS rFkk 'kfu ls n`"V Hkh gS ;gk¡ yXus'k gksrs gq, Hkh eaxy us शुक्र मारक के संग होने पर viuh n'kk esa v"Ve भाव व अस्टमेष ds izHkko fn,A

2)15/8/1942 22:45 बरेली izLrqr tkrd dk ekufld fodkl Bhd ls ugha gks पाया था  अपने अंतिम समय तक ;g 10 lky ds cPps tSlk O;ogkj djrk रहा जो pqipki ?kj ij fu'py iM+k jgrk था  ;gk¡ yXus'k-अस्टमेष  eaxy] cq/k] jkgq o lw;Z lax iape esa gksdj efLr"d dk Bhd ls dke uk dj ikuk crk jgk gSA इसी मंगल ने यहाँ अपने अस्टमेष होने के प्रभाव ज़्यादा दिये |

3)24/2/1963 9:30 दिल्ली प्रस्तुत पत्रिका मे मंगल अपने नीच स्थान मे बैठकर सभी केन्द्रो को प्रभावित कर रहा हैं यह जातक जीवन बीमा कंपनी मे विकास पदाधिकारी के स्वतंत्र पद पर हैं यहाँ मंगल ने नीच होते हुये भी अस्टमेष अथवा अष्टम भाव से संबन्धित जीविका (बीमा संबंधी कार्य ) मे जातक को कार्यक्षेत्र प्रदान कर उसके जीवन को संवारा हैं |

4)इस पत्रिका मे मंगल छठे भाव मे हैं अष्टम भाव मे सूर्य व केतू का अग्नि प्रभाव हैं मंगल की लग्न पर दृस्टी तथा मंगल का अस्ट मेष होना भी जातक के काम ना आया इस जातक की अग्नि से जलकर मृत्यु हुयी यहाँ मंगल ने अपने अस्टमेष होने के ज़्यादा प्रभाव प्रदान किए |

5)इस पत्रिका मे मंगल नीच का होकर सप्तम भाव व सप्तमेश शुक्र पर दृस्टी डाल रहा हैं जिससे जातिका के कई पुरुषो से अवैध संबंध रहे हैं परंतु अभी तक विवाह नहीं हुआ हैं | मंगल यहाँ अष्टमेश व अष्टम भाव (पति से सुख) का फल प्रदान कर रहा हैं जिससे जातिका अत्यधिक कामी होकर व्यभिचार कर रही हैं |

इसी प्रकार इन दो पत्रिकाओ मे मंगल ने लग्नेश व अष्टमेश दोनों के प्रभाव दिये हैं 11/9/1972 20:30 मेरठ मे जन्मे इस बाल रोग विशेषज्ञ की पत्रिका मे मंगल पंचम भाव मे हैं जबकि 18/5/1947 4:19 मथुरा मे जन्मे इस शल्य चिकित्सक की पत्रिका मे मंगल लग्न मे ही हैं |

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बुधवार, 20 अगस्त 2014

हम हिन्दू सच मे दरियादिल हैं

हम हिन्दू सच मे दरियादिल हैं

अभी कुछ दिन पहले आई फिल्म सिंघम 2 के एक सीन मे फिल्म का नायक एक भगवा वस्त्र पहने साधू जैसे दिखते किरदार से कहता हैं की मैं तेरा उपदेश सुनने नहीं आया हूँ बल्कि तुझे जेल ले जाने आया हूँ इस सीन मे हमारे भारतीय हिन्दू भाइयो को कुछ भी आपत्तिजनक नहीं लगता परंतु यही सीन यदि किसी मुस्लिम किरदार के लिए कहा गया होता तो मुस्लिम संगठन इस सीन को अवस्य बदलवा देते या फिल्म पर रोक लगा देते हम हिन्दू सच मे दरियादिल हैं |


कुछ साल पहले ऐसे ही एक फिल्म जिसमे संजय दत्त नायक थे उसमे एक गाना “या मुस्तफा या मुस्तफा“ था उसे सिर्फ मुस्लिम संगठनो ने इसलिए बदलवा दिया था की इसमे मुस्तफा शब्द आया था जिसे बाद मे बदलकर “या दिलरुबा या दिलरुबा” कर दिया गया | हम हिन्दू सच मे दरियादिल हैं


एक और उदाहरण अभी पिछले साल आई फिल्म “गोलियो की लीला रासलीला” का हैं जिसमे नायक का नाम राम हैं और वह ब्लू फिल्म बेचने का व्यापार फिल्म मे करता दिखाया गया हैं जिससे किसी भी हिन्दू संगठन को आपत्ति नहीं हुई चूंकि यह फिल्म एक बड़े हिन्दू निर्देशक द्वारा बनाई गयी हैं जिसके पास बहुत सा पैसा हैं वह चाहे तो हमारे भगवानों को कुछ भी करता बेचता दिखा सकता हैं हम हिन्दुओ को तो कोई आपत्ति होती ही नहीं हैं | हम हिन्दू सच मे दरियादिल हैं |

चुनाव के दिनो मे एक विज्ञापन दिखाया जाता था आजकल भी कभी कभी आ जाता हैं जिसमे एक हिन्दू जोड़ा अपने घर की चाबी भूल जाता हैं और एक मुस्लिम पड़ोसन कहती की आइए मैं आपको चाय पिलाती हूँ क्या हिंदुस्तान देश होने से इसमे ऐसा नहीं दिखाया जा सकता था की एक मुस्लिम जोड़ा अपने घर की चाबी भूल जाता और हिन्दू पड़ोसन उन्हे चाय के लिए पूछती मैं दावे से तो नहीं लेकिन यकीन से कह सकता हूँ की उसमे मुस्लिम संगठन ज़रूर अपनी आपत्ति जता देते यह साबित करता हैं की हम हिन्दू सच मे दरियादिल हैं |


सोमवार, 18 अगस्त 2014

रहिए अनहोनी के लिए तैयार

रहिए अनहोनी के लिए तैयार


17 अगस्त को जैसे ही सूर्य ने सिंह राशि मे प्रवेश किया गुरु-शुक्र,सूर्य-बुध,शनि-मंगल का संबंध बन गया जिससे 3 राशियो मे 6 ग्रहो की युति का निर्माण हो गया ज्योतिष मे इसे दंड योग की संज्ञा दी गयी हैं अर्थात ऐसी पत्रिका वाला व्यक्ति जगह जगह दंड पाता हैं | आज 18 अगस्त को गुरु व शुक्र की स्थिति एक ही अंशो पर कर्क राशि व तुला नवांश मे पुष्य नक्षत्र के तीसरे चरण मे होगी यह दोनों ग्रह विपरीत स्वभाव वाले ग्रह हैं जिनका इस प्रकार से एक ही राशि मे एक ही अंशो मे होना आज के दिन को विशेष बना रहा हैं इसी प्रकार 26 अगस्त को शनि व मंगल तुला राशि पर विशाखा नक्षत्र के दूसरे चरण मे एक ही अंश पर आ जाएंगे यह दोनों ग्रह भी विपरीत स्वभाव वाले ग्रह हैं इन सबके समस्त प्रभाव से शनि मंगल व गुरु का संबंध बन जाएगा जो की राजनीतिक दृस्टी से शुभ संबंध नहीं माना जाता हैं यह संबंध विश्व मे कहीं ना कहीं कोई बड़ी आपदा अथवा अनहोनी की और इशारा कर रहा हैं | 25 अगस्त को अमावस्या मघा नक्षत्र व सिंह राशि मे पड रही हैं इस दिन राहू केतू को छोड़कर सभी ग्रह 3 राशियो मे ही होंगे,1 सितंबर को शुक्र जैसे ही सिंह राशि मे प्रवेश करेगा सभी ग्रह एक दूसरे से 2/12 के संबंध मे आ जाएंगे तथा कर्क व वृश्चिक राशियो के बीच ग्रह मल्लिका का निर्माण हो जाएगा यानि स्पस्ट रूप से कहा जा सकता ..............रहिए अनहोनी के लिए तैयार

गोचर व अंग प्रभाव


गोचर व अंग प्रभाव
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बुधवार, 13 अगस्त 2014

भारत का 68 वाँ वर्ष

भारत का 68 वाँ वर्ष


15/8/1947 मध्यरात्रि को दिल्ली मे जन्मे भारत वर्ष मे अभी सूर्य मे केतू की दशा 10/9/2014 तक चल रही हैं जिसके प्रभाव से सरकार को परेशानी के हालातो का सामना करना पड़ेगा वही किसी बड़े नेता अथवा किसी बड़े व्यक्ति की मृत्यु का भी योग दिखाई पड़ता हैं | इन दोनों ग्रहो मे 5/9 का संबंध हैं जो जनता व शिक्षा से संबन्धित विभागो मे तनाव की सी स्थिति दर्शा रहे हैं (यू पी एस सी परीक्षा संबंधी विवाद हम सब देख ही रहे हैं जो अभी चल ही रहा हैं ) जो संभवत: सूर्य मे शुक्र दशा 10/9/2014 से 10/9/2015 के आते ही लगभग समाप्त सा हो जाएगा |

सूर्य मे शुक्र दशा भारत मे सामाजिक जनक्रांति लाने का कारण बनेगी जनता विशेषकर महिलाओ मे असुरक्षा व अपमान की भावना बढ्ने जैसे हालात बनेंगे जिससे वह अपना नाम व कद बढ़ाने के लिए और भी शक्तिशाली बनने का प्रयास करना आरंभ करेंगी | ध्यान रखे शुक्र भारत की पत्रिका मे लग्नेश होकर अस्त अवस्था मे हैं | आम जनता ज़मीन,खेती व शिक्षा को लेकर सरकार की नीतियो का उससे जवाब मांगेगी | महंगाई मे विशेषकर खान पान की वस्तुए सस्ती होने के कारण अवस्य ही थोड़ी सी राहत प्राप्त होगी | सूर्य शुक्र दोनों के तीसरे भाव मे होने से भारत को अपने पड़ोसी देशो विशेषकर जिनमे स्त्रीयों का प्रभाव हैं उनसे सावधान रहने की आवशयकता हैं |

भारत के 68 वे वर्ष (15/8/2014 से 15/8/2015 ) की कुंडली मे कर्क लग्न उदित हैं जो भारत की जन्म पत्रिका का तीसरा भाव हैं तथा कर्क भारत की राशि भी हैं इसी राशि मे वर्तमान मे ऊंच के गुरु का गोचर चल रहा  हैं जिसके प्रभाव से भारत धर्म,न्याय,कानून,शिक्षा व अपने मित्रो,सांझेदारों तथा सहयोगीयो के लिए एक मिसाल के रूप मे उभरेगा | चतुर्थ भाव मे दो पापी ग्रहो मंगल व शनि का संबंध होने से देश मे आंतरिक कलह,युद्ध व दंगो जैसे हालात बनते रहेंगे जिससे जनता मे एक भय का सा माहौल बना रहेगा,आगजनी,विस्फोट,दुर्घटनाए,प्राकतिक आपदाए,कहीं बाढ़ कहीं सूखा,सीमा पर घुसपैठ व हमले जैसे हालातो व परेशानियों का सामना देश अथवा देश की जनता को को करना पड़ेगा | दशम भाव मे इन्ही दोनों ग्रहो के प्रभाव से सरकार बार बार विपक्ष के द्वारा उत्पन्न संकटों से खुद का बचाव करती नज़र आएगी |

लग्नेश चन्द्र केतू संग नवम भाव मे होने से देश मे कहीं ना कहीं अंग्रेज़ियत व धर्म को लेकर वाद विवाद जैसे हालात बने रहेंगे वही ऊंच के शनि का सप्तमेश अस्ट्मेश होकर सभी केन्द्रो पर प्रभाव डालना कहीं ना कहीं मजदूर व आम जनता के प्रभाव मे बढ़ोतरी करता नज़र आता हैं |

केंद्र मे ज़्यादातर तकनीकी ग्रहो के प्रभाव कारण इस वर्ष भारत कई तकनीकी क्षेत्रो जैसे कंप्यूटर,इंजीनियरिंग,दूरसंचार,ऊंच-तकनीकी शिक्षा,मेडिकल,रक्षा उपकरण,सौर ऊर्जा आदि मे अपना काफी नाम कमाएगा तथा इन सभी क्षेत्रो मे भारत की उल्लेखनीय उन्नति इस वर्ष होगी | 

छठे भाव मे मुंथा होने से तथा मुन्थेश के लग्न मे चतुर्थेश-एकादशेश  शुक्र व धनेश सूर्य संग होने से देश मे आंतरिक कलह की सी स्थिति बनी रहेगी और भारी अर्थ हानिया भी होंगी परंतु तीसरे व बारहवे भाव के स्वामी बुध के धन भाव मे होने से विदेशी निवेश भी भारत को खूब मिलेगा (सरकार ने एफ डी आई के द्वारा इसकी शुरुआत कर दी हैं)शुक्र लाभेष के लग्न मे होने से सरकार को महंगाई कम करने मे मदद मिलेगी तथा रुपये का स्तर विश्व बाज़ार मे बढ़ेगा |

खेलो के क्षेत्र मे भारत इस वर्ष कुछ नए खेलो मे नाम कमाता नज़र आ रहा हैं विशेषकर स्त्रीवर्ग खेलो मे भारत का डंका पूरे विश्व मे बजाता प्रतीत हो रहा हैं (राष्ट्रमंडलीय खेलो मे इसका उदाहरण हम देख ही चुके हैं ) कला व फिल्म के क्षेत्र मे नए नए कीर्तिमान इस वर्ष बनने की संभावना दिखती हैं किसी कला कृति अथवा फिल्म को पूरे विश्व मे सराहना व पुरस्कार मिलने की प्रबल संभावना दिखती हैं |

अगस्त 2014 से गोचर –इस वर्ष नवंबर तक गोचर मे शनि व गुरु दोनों ग्रहो का अपनी-अपनी ऊंच राशि मे भ्रमण हो रहा हैं जिसमे शनि का गोचर भारत हेतु बहुत शुभता रखता हैं | वर्तमान मे तुला राशि मे मंगल व शनि के भारत की पत्रिका के छठे भाव से गुजरने के कारण दुर्घटनाए,आगजनी व हिंसक गतिविधियो के बढ्ने के योग हैं वही शनि की तीसरे भाव मे नवंबर 2014 तक दृस्टी रहने से पड़ोसी देश हमें ज़्यादा से ज़्यादा परेशानी मे डालने का प्रयास करेंगे परंतु यह भाव भारत की राशि का भाव भी हैं और इसी राशि (कर्क) मे गुरु ग्रह का ऊंच का गोचर चल रहा हैं जिससे भारत की चन्द्र कुंडली के पंचम,सप्तम व नवम भाव प्रभावित हो रहे हैं जो भारत के शिक्षा,व्यापार व धर्म के क्षेत्र मे उल्लेखनीय वृद्दि की संभावना बता रहे हैं |   

लग्न से तीसरे भाव मे गुरु के इस गोचर से भारत संचार व खेल के क्षेत्र मे काफी नाम बनाएगा परंतु शनि के प्रभाव कारण रेलवे,उड्डयन व संचार के क्षेत्रो मे काम करने वाले लोगो मे असंतोष की भावना भी जन्म लेगी | ज़मीन,ज़मीन से जुड़े व्यवसाय व रियल स्टेट के व्यापार मे जबर्दस्त नुकसान होने की संभावना हैं |      
राहू का पंचम भाव मे गोचर जहां सरकार के लिए ग्रहण जैसे हालत पैदा कर रहा हैं वही खेल व सिनेमा जगत हेतु किसी आकस्मिक बड़ी दुर्घटना की और संकेत कर रहा हैं | देश का बुद्दिजीवी वर्ग भी एक प्रकार के भ्रम की सी स्थिति मे रहेगा | जल से संबन्धित दुर्घटनाए बढेगी संभवत: किसी तीर्थ स्थान मे कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती हैं |

नवंबर 2014 के बाद शनि का सप्तम भाव मे गोचर विदेश व पड़ोसी देशो से तनाव करवा  सकता हैं सीमा पर एकाएक युद्ध अथवा घुसपैठ जिसे हालात बन सकते हैं  सरकार अपनी कर संबंधी नीतियो मे बदलाव करने पर मजबूर हो सकती हैं | किसी राज्य के मंत्री की मृत्यु या पदच्युति हो सकती हैं लोहे से संबंधी दुर्घटनाओ मे इजाफा हो सकता हैं तथा धार्मिक स्थानो मे वाद विवाद होने से देश मे सांप्रदायिक दंगे हो सकते हैं |

10 अगस्त को पूर्णमासी के दिन राहू केतू को छोड़कर सभी ग्रह तीन राशियो मे रहेंगे | इसी प्रकार सितंबर माह मे कर्क राशि से वृश्चिक राशि के बीच ग्रह मल्लिका योग का निर्माण होगा नवंबर माह मौसम व जलवायु हेतु विशेष बदलाव दर्शा रहा हैं कारण गुरु का जल राशि मे होना तथा सूर्य का जल राशि मे शनि संग प्रवेश करना दिसंबर मास मे शनि व मंगल का राशि परिवर्तन देखने को मिलेगा जिसमे मंगल अपनी ऊंच राशि मे होगा |

कुल मिलाकर कहाँ जा सकता हैं की भारत का यह 68 वा वर्ष शुभाशुभ दोनों प्रभाव दर्शाएगा जिसमे बड़े पैमाने मे कहे तो देश बहुत तरक्की करेगा परंतु साथ साथ अन्य छोटी मोटी दुर्घटनाए भी अपना अशुभ प्रभाव डालने मे कामयाब रहेगी जिससे देश के विकास व तरक्की मे बाधाए भी आएंगी |

डॉ॰ आचार्या किशोर घिल्डियाल



 

सोमवार, 11 अगस्त 2014

पढे फारसी बेचे तेल


पढे फारसी बेचे तेल


पुराने जमाने की ये कहावत आज के इस युग मे बिलकुल सही प्रतीत होती हैं | आजकल के इस भौतिकतावादी युग मे जहां हर तरफ पैसा हावी होता जा रहा हैं वही इसका प्रभाव हमारे जीवन के अन्य क्षेत्रो के साथ साथ हमारे कार्य व्यवसाय मे भी पड़ने लगा हैं ऐसा बहुधा देखा जाने लगा हैं की व्यक्ति विशेष ने शिक्षा किसी और विषय की ली तथा कार्यक्षेत्र कुछ और बनाया ऐसा करने का कारण कुछ भी हो सकता हैं परंतु इनमे सबसे बड़ा कारण पैसा तो होता ही हैं कुछ अन्य कारणो मे रुतबा,प्रसिद्दि,पारिवारिक दायित्व तथा शौक रखे जा सकते हैं |

पैसा-आज के युग मे इसके महत्व को नकारा नहीं जा सकता बहुधा ज़्यादा धन अथवा वेतन प्राप्ति की वजह से आज का युवा वर्ग अपने पुराने कार्य क्षेत्र को त्याग कर नए क्षेत्रो मे चले जाते हैं जैसे इंजीनियरिंग को छोड़ कर मैनेजमेंट मे चले जाना |

रुतबा-अपने रुतबे को बनाने के लिए भी कुछ लोग नए क्षेत्रो मे चले जाते हैं जैसे क्लर्की छोड़ पुलिस मे जाना |

प्रसिद्दि-प्रसिद्दि पाने के लिए भी कुछ लोग अपनी नौकरी छोड़कर टीवी अथवा सिनेमा जैसे क्षेत्रो मे चले जाते हैं |

पारिवारिक दायित्व- अपना कार्यक्षेत्र बदलने का एक बड़ा कारण यह भी होता हैं जिसमे जातक अपने पारिवारिक कार्यक्षेत्र को संभालने के लिए अपने क्षेत्र को छोड़ देता हैं |

शौक –अपने कार्यक्षेत्र को छोड़ने का एक प्रमुख कारण यह भी देखा गया हैं |जैसे बैंक की नौकरी छोड़ फोटोग्राफी करना |


प्रस्तुत लेख मे हम इन सभी कारणो के अतिरिक्त कुछ ज्योतिषीय कारण भी ढूंढने का प्रयास करेंगे जिनसे यह पता चल सके की क्यू कोई जातक अपने कार्यक्षेत्र को छोड़ दूसरा कार्यक्षेत्र अपना लेता हैं इसके लिए हमने लगभग 200 कुंडलियों का अध्ययन किया हैं तथा निम्न नतीजे प्राप्त किए |

इसमे हमने कुंडली के निम्न तत्वो पर ज़्यादा आंकलन करने का प्रयास किया हैं |

लग्नेश-लग्नेश जातक का प्रतिनिधित्व करता हैं तथा उसकी स्थिति को दर्शाता हैं |

पंचमेश-जातक की शिक्षा के विषय मे बताता हैं जिससे उसके भावी पेशे से संभावित जानकारी पायी जा सकती हैं |

दशमेश-दशमेश की स्थिति जातक के कार्य व कार्यक्षेत्र के विषय मे बताती हैं |

गुरु –भारतीय ज्योतिष मे गुरु ग्रह को धर्म व परंपरा से संबन्धित ग्रह माना गया हैं जब भी कोई व्यक्ति लीक से हटकर कुछ करता हैं तो उसका गुरु ग्रह किसी ना किसी रूप मे अशुभ प्रभाव मे होना निश्चित जान पड़ता हैं और यदि ऐसा नहीं हो तो व्यक्ति बदलाव नहीं कर सकता हैं |
आइए अब कुछ कुंडलियों का अध्ययन करते हैं |

1)11/10/1942 16:00 इलाहाबाद-पहली नज़र मे यह कुम्भ लग्न की कुंडली किसी तकनीकी जातक की लगती हैं लग्नेश शनि का लग्न व दशम दोनों भावो पर प्रभाव हैं जो जातक के तकनीकी कार्यक्षेत्र की पुष्टि करता हैं वही पंचमेश भी ऊंच का होकर तकनीकी ग्रहो के ही प्रभाव मे हैं जो जातक की शिक्षा भी तकनीक से संबन्धित बताते हैं जबकि जातक का दूर दूर तक तकनीक से कोई वास्ता नहीं रहा वही दशमेश मंगल का अष्टम भाव मे होना किसी अच्छे कार्यक्षेत्र की पुष्टि नहीं करता हैं इन्होने साधारण शिक्षा प्राप्ति के बाद सेल्समेन की नौकरी करी फिर अपने शौक के चलते इन्होने फिल्मों मे हाथ आजमाया शुरुआती नाकामयाबी के बाद यह महानायक के रूप मे प्रसिद्द हुये इनकी पत्रिका मे ऊंच का गुरु शनि से दृस्ट हैं जो इस बात की पुष्टि करता हैं की जातक अपना कार्यक्षेत्र अवश्य बदलेगा इनहोने व्यापार व राजनीति मे भी हाथ आजमाए परंतु असफल रहे | यह पत्रिका भारत के महानायक अमिताभ बच्चन की हैं |

2)7/1/1950 14:55 आमलापुरम आंध्र प्रदेश मे जन्मे इस वृष लग्न के जातक ने बहुत ही   कम स्तर की कला संबंधी शिक्षा पायी कई छोटी मोटी नौकरिया करी फिर स्टेज मे हास्य कार्यक्रम देने शुरू किए जिससे इनकी पहचान बढ़नी शुरू हुई आजकल यह फिल्मजगत के जाने माने कोमेडियन माने जाते हैं यह पत्रिका जॉनी लीवर की हैं इनकी पत्रिका मे लग्नेश व पंचमेश नवम भाव मे नवमेश की राशि मे ही हैं जो इन्हे भाग्यवान बता रहे हैं वही दशमेश शनि अपने कर्मस्थान को देख रहे हैं इनकी पत्रिका मे गुरु नीच राशि का हैं |

3)24/9/1958 13:30 दिल्ली मे धनु लग्न मे जन्मे इस जातक की पत्रिका मे ज्योतिषानुसार वकील बनने के सभी तत्व मौजूद हैं (पंचमेश मंगल का कर्मेश बुध से नवम भाव मे दृस्टी संबंध बना हुआ हैं ) इन्होने वकालत की शिक्षा लेकर कुछ समय वकालत की भी परंतु बाद मे यह ज़मीन संबंधी व्यवसाय मे कूद पड़े जिससे इनको काफी लाभ मिला इन्होने वकालत छोड़ दी अब यह पूर्ण रूप से ज़मीन के व्यवसायी के रूप मे जाने जाते हैं | इनका लग्नेश गुरु शुक्र राशि का व राहू नक्षत्र का हैं

4)11/11/1962 23:00 मथुरा, कर्क लग्न की इस पत्रिका मे पंचमेश-कर्मेश मंगल का लग्न मे होना तथा लग्नेश चन्द्र का दशम भाव मे होना बुद्धि संबंधी कार्यक्षेत्र का होना बता रहा हैं वही तकनीकी ग्रहो के ज़्यादा प्रभाव मे होने से जातक ने विज्ञान विषय मे शिक्षा प्राप्त कर शिक्षक के रूप मे नौकरी आरंभ करी दो वर्ष बाद इन्होने अपने ससुर से आयुर्वेद व नाड़ी संबंधी जानकारी प्राप्त कर अपना वैधगिरी का व्यवसाय आरंभ किया आजकल यह नाड़ी विशेषज्ञ वैध के रूप मे जाने जाते हैं शिक्षक का कार्य इन्होने छोड़ दिया हैं इनकी पत्रिका मे गुरु अष्टम भाव मे राहू के नक्षत्र मे हैं |

5)31/3/1954 2:58 वाराणसी मे मकर लग्न मे जन्मे इस जातक ने विज्ञान विषय मे शिक्षा प्राप्त कर मोटर मेकेनिक के रूप मे अपना कार्य शुरू किया उसके बाद इन्होने प्रिंट मीडिया का काम आरंभ करा आजकल यह टेलीविज़न के जाने माने जर्नलिस्ट के रूप मे जाने जाते हैं इनकी पत्रिका मे लग्नेश शनि ऊंच का होकर दशम भाव मे हैं, पंचमेश-दशमेश शुक्र दशम भाव को देख रहा हैं तथा गुरु शुक्र राशि मे मंगल के नक्षत्र मे हैं जो राहू से पीड़ित हैं |

6)31/1/1993 4:11 नोयडा मे धनु लग्न मे जन्मी इस जातिका ने शिक्षा तो फार्मसी की ली परंतु आजकल यह मॉडलिंग के क्षेत्र मे नाम व दाम कमा रही हैं इनका गुरु लग्नेश होकर वक्रावस्था मे कन्या राशि व हस्त नक्षत्र का होकर दशम भाव मे ही हैं |

7)20/8/1948 2:35 नरनौल सिंह लग्न मे जन्मे इस जातक ने स्नातक स्तर की पढ़ाई,व वकालत की पढ़ाई करने के बाद अपने पुश्तैनी काम को करना बेहतर समझा इनकी गिनती जाने माने जोहरी (स्वर्ङ्कार) के रूप मे की जाती हैं | इनकी पत्रिका मे गुरु पंचमेश होकर मूल नक्षत्र मे हैं |

8)30/8/1968 3:55 दिल्ली कर्क लग्न की जन्मी इस जातिका ने कौमर्स की शिक्षा प्राप्त करी फिर एक निजी संस्थान से गहनों की डिजायनिंग का काम सीखा जिसके मालिक से इनके प्रेम संबंध बने तथा उसी से विवाह भी हो गया अब यह उस संस्थान का सारा काम अपने पति के साथ संभालती हैं | इनकी पत्रिका मे गुरु शुक्र के नक्षत्र मे सूर्य संग हैं शुक्र नीच राशि का हैं |

9)9/11/1968 12:46 दिल्ली मे जन्मे इस मकर लग्न के जातक ने तकनीकी ग्रहो के प्रभाव के चलते अपनी आरंभिक शिक्षा विज्ञान वर्ग से करी फिर आई आई टी मे प्रवेश लेकर बी टेक की डिग्री प्राप्त करी इसके बाद इन्होने आई ए एस परीक्षा उत्तीर्ण कर अपने कार्यक्षेत्र को बिलकुल ही बदल दिया आजकल ये डी एम के पद पर हैं | इनकी पत्रिका मे भी गुरु कन्या राशि का होकर राहू केतू अक्ष पर शनि गृह द्वारा दृस्ट हैं |

10)5/7/1966 1:20 दिल्ली मे मेष लग्न मे जन्मे इस जातक ने रसायन विज्ञान से एम एस सी करने के बाद कंप्यूटर का व्यवसाय चुना और उसमे काफी नाम कमाया यह आजकल भी इसी व्यवसाय से जुड़े हुये हैं इनकी पत्रिका मे गुरु ग्रह बुध की राशि मे मंगल संग राहू के नक्षत्र मे हैं |

11)25/3/1961 1:45 दिल्ली मे धनु लग्न मे जन्मी इस जातिका ने बारहवी करने के बाद फाइन आर्ट्स मे 3 वर्षीय डिप्लोमा किया उसके बाद यह डिजाइनर बैग बनाने का अपना काम करती हैं और उसमे काफी सफल भी हैं | इसकी पत्रिका मे गुरु नीच राशि का होकर शनि संग दूसरे भाव मे हैं |

12)24/4/1981 18:40 बंगलोर मे जन्मे इस तुला लग्न के जातक ने अपनी वकालत की शिक्षा पूरी करने के बाद एम बी ए किया लेकिन सही नौकरी ना मिल पाने के कारण इसे आजकल गैस एजेंसी मे काम करना पड रहा हैं इसकी पत्रिका मे गुरु शनि के संग द्वादश भाव कन्या राशि मे हैं

13)27/12/1979 9:15 दिल्ली मकर लग्न मे जन्मे इस जातक ने अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के बाद एम बी ए किया एक वर्ष अपनी शिक्षा से जुड़ा कार्य भी करा परंतु कुछ समय बाद यह अपने बड़े भाई के केमिकल के व्यापार मे शामिल हो गए और आजतक उसी व्यापार मे खुश हैं इनकी पत्रिका मे गुरु अष्टम भाव मे मंगल व राहू संग हैं जो इनकी अपने भाई संग कार्यक्षेत्र  की पुष्टि कर रहा हैं |


14)1/11/1963 2:15 कलकत्ता सिंह लग्न मे जन्मे इस जातक ने वाणिज्य विषय मे अपनी शिक्षा प्राप्त करी कुछ साल उससे संबन्धित काम भी किया 27 वे वर्ष मे इनका एक जापानी युवती प्रेमविवाह हुआ जिसके बाद ये उस युवती के साथ टोक्यो जापान चले गए जहां यह आजकल ट्रेवल एजेंसी चलाते हैं |इनकी पत्रिका मे गुरु अष्टम भाव मे शनि द्वारा दृस्ट हैं       

शुक्रवार, 1 अगस्त 2014

खुशखबरी

आप सभी को हमें यह बताते बेहद हर्ष हो रहा हैं  की भगवान की कृपा और आप सभी के आशीर्वाद से हमारा ज्योतिषीय कार्यक्रम आज प्रात ; 7:30 बजे से ईश्वर चेनल पर प्रसारित हुआ | आप सभी ने हमें बधाइया भेजी हैं आप सब का शुक्रिया यदि आप भी अपनी किसी ज्योतिषीय समस्या का समाधान हमसे चाहते हैं तो आप हमें इस ब्लॉग के माध्यम से भी अपनी समस्या भेज सकते हैं पर ध्यान रखे की केवल एक ही प्रश्न करे एक से अधिक प्रश्न करने पर हमारे लिए उसका जवाब दे पाना मुश्किल होगा | आप सभी का  इस मंच और ईश्वर चेनल मे प्रसारित होने वाले हमारे ज्योतिष के कार्यक्रम ज्योतिष निदान मे स्वागत हैं | आप चाहे तो हमें अपने सुझाव व समस्याए फेसबुक के माध्यम से भी दे सकते हैं |