यह कविता भारत की सेमी फाईनल में जीत के बाद हमें हमारे मित्र विश्वनाथ ने भेजी |
खुश है सारे सर पर रखकर जीत का ताज
खेलें समझ बूझ कर सचिन रैना युवराज
खून बहा "ली" का, धराशायी हुआ पंटर
बना जब पंजाबी पुत्तर युवी मोटेरा का हंटर
सोच समझ कर शक्ति जब यौवन से मिलती है
जीत उसी के सर लगती मुस्कान वहीँ सजती है
जैसे खाने के बाद प्रतीक्षा होता आये मैसूर पाक
भिड़ेंगे पडोसी विश्व कप में मैच होगा भारत पाक
चलेगी बल्ले का धार ,बाल बन निकले गोली
जीत जिसकी होगी वो मनायेगा दूजी होली
1 टिप्पणी:
मेरा भारत जीते पाकिस्तान से तो इस मेच की खुशी फ़ाईनल से ज्यादा हो जायेगी, फ़ाईनेल बाद की बात हे, बहुत सुंदर कविता, धन्यवाद
एक टिप्पणी भेजें