दिनांक 9 सितंबर को रात्रि ११:५४ में जैसे ही शनि उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के दूसरे चरण में प्रवेश करेंगे उनका राशि परिवर्तन सिंह राशिः से कन्या राशि में हो जाएगा आमजन शनि ग्रह से कितना खौफज़दा हैं यह बताने की आवश्कता नहीं हैं शनि न्याय करने वाला, संसार की हर चल व अचल संपत्ति से सम्बन्ध रखने वाला, मंदगति से चलनेवाला बुजुर्ग ग्रह हैं जो एक राशि पर ३० महीने तक रहता हैं अतः इसका प्रभाव हर ग्रह से ज्यादा ही होता हैं शनि के इस राशि परिवर्तन से सिंह, कन्या व तुला राशि पर साडेसाती तथा कुंभ और मिथुन राशिः पर ढैया शुरु होजायेगी
शनि का गोचर (विचरण) - शनि चन्द्र राशि से ३ ,६ व ११ वे भावः में शुभ व शेष भावः में मुझे अशुभ फल पर्दान करते हैं परन्तु ऐसा कदापि नही हैं की जिनकी भी चंद्र राशि के ३ ,६ , ११ वे भावो से ये गुजरेंगे उन्हें शुभ फल ही प्राप्त होंगे उनपर दशाओ व अपने कर्मो का प्रभाव भी असर डालेगा पर कुछ प्रभाव शनि का अवस्य प्रभाव पड़ेगा
शनि की दृष्टि -शनि जहा बैठते हैं उस भावः की वृध्दि करते हैं ऐसा माना जाता हैं परन्तु शनि जिस भावः को देखते हैं उसका हराश करते हैं यह निश्चित हैं ज्योतिष शास्त्र में शनि ३ ,७ ,१० वे घर को पूर्ण दृष्टि से देखते हैं जिनपर अधिकाधिक प्रभाव पढता हैं
शनि द्वारा पाया जानना -जिस दिन शनि राशि बदले उस दिन चंद्रमा जिस राशि पर हो उसके आधार पर सोना, चांदी, लोहा, ताम्बा आदि का पाया देखकर शनि की ढैया या साडेसाती का फल कहा जाता हैं चूँकि ९ सितंबर २००९ को चंद्रमा मेष राशि भरनी नक्षत्र पर भ्रमण करेगा अतः १ ,३ ,८ राशियो पर स्वर्णपाया २ ,६ ,१० राशियों पर लोह पाया ४ ,७ ,११ पर ताम्र पाया तथा ५ ,९ ,१२ पर चांदी का पाया होगा
आइये देखते हैं प्रतेक रशिपर शनि के इस राशि परिवर्तन का क्या प्रभाव पड़ेगा -१: मेष : इस राशिः से शनि छठे गोचर
करेंगे जोकि शुभ गोचर होगा जिसके प्रभाव से आर्थिक हालात
मज़बूत, शत्रु
परास्त, परीक्षाओं में सफलता, प्रतिष्ठा मिलेगी, धार्मिक आयोजन होंगे परन्तु स्वस्थ पर ध्यान देना होगा
२: वृषा : ५ व गोचर होने के कारन असुभ गोचर काम में कठिनाई, संतान का स्वस्थ
प्रभावित, आमदनी में
बाधा, राज्य से
बढ़ा, साझेदारी व शेयर से लाभ, अधिकारिओं से
मतभेद, लें देन में सावधानी रखनी पड़ेगी
३: मिथुन : चतुर्थ गोचर होने से ढैया लगेगी जिसके प्रभाव से माता का स्वस्थ ख़राब, कठिनाईया व अच्छे वर्ताव में कमी, कार्यो से लाभ, आय के श्रोत बढेंगे व विदेश यात्राएं होंगी
४ : कर्क : अत्यंत शुभ तीसरा गोचर, साडेसाती समाप्त , उन्नति, कार्य सफल, संम्पत्ति व वाहन मिलेंगे, धार्मिक आयोजन, विदेश यात्रा एवं विवाह योग बनेंगे
५ : सिंह : साडेसाती का अन्तिम चरण, आमदनी में कमी, मानसिक अशांति, परिवार सुख में तनाव, मतभेद, बेकार की यात्राएं व बाधा
६ : कन्या : साडेसाती का दूसरा चरण, स्वस्स्थ ख़राब, संबंधो में मतभेद, मानसिक अशांति व वायु जनित रोग
७ : तुला : साडेसाती सुरु, स्थानान्तर के योग, पत्नी व बच्चो के स्वस्थ की चिंता, शारीरिक व मानसिक कष्ट, रोग, भाग्य में रुकावट
८ : वृश्चिक : शुभ ग्यारवा गोचर जिससे लोकप्रियता व दायरा बढेगा आमदानी बढेगी उन्नति होगी
९ : धनु : परिवारिक सुख में कमी, अति उत्साह विदेश यात्रा योग व व्यापारिक उन्नति
१०: मकर : कार्य स्थल में परेशानी, नौकरी जाने का योग, खर्च बड़े, अपयश व dhokha हो सकता है
११: कुम्भ : अष्टम शनि ढैया लगेगी मानसिक परेशानी आमदनी कम मान सम्मान में कमी होगी
१२: मीन : खर्च व आय अधिक, पत्नी को रोग व मानसिक कष्ट समझोता करना पड़ सकता है
ढैया व साडेसाती के उपाए -
१ - भोजन ज़मीन पें बैठकर करें
२ - काला जूता दान करें
३ - घर व मन्दिर में सफाई करें
४ - शनि वस्तुए दान करें
५ - लोहे का रिंग धारण करें
६ - चांदी की थाली में गंगा जल घर पे रखे
ये लेख अक्टूबर २००९ के " आपका भविष्य " नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है