शनिवार, 17 फ़रवरी 2018

विवाह हेतु तिथि


1)प्रथमा-वर पक्ष के लिए कन्या दुखो को जन्म देती हैं |

2)द्वितीय-वर को कन्या से अत्यधिक प्रीति मिले जीवन प्रेममय हो |

3)तृतीया –कन्या सौभाग्यवती रहे |

4)चतुर्थी-कन्या वर के धन का नाश करे |

5)पंचमी-दोनों का सुखमय जीवन हो |

6)षष्ठी-विवाह होते ही हर कार्य मे बाधा होने लगे |

7)सप्तमी-हर प्रकार से सुख प्रदान करने वाली वधू की प्राप्ति हो |

8)अष्टमी-किसी प्रकार का फल ना मिले |

9)नवमी-वर को हर समय शोक प्रदान करने वाली वधू मिले |

10)दशमी-आनंद देने वाली वधू जिससे सारे परिवार को आनंद प्राप्त होवे |

11)एकादशी-वधू का आगमन पूरे परिवार को सुख प्रदान करे |

12)द्वादशी-वधू सर्वसुख प्रदान करने वाली हो |

13)त्रियोदशी-सम्मान बढ़ाने वाला विवाह जिससे नाम कमाने वाली संतान जन्म ले |

14)चतुर्दशी-परिवार मे कलंक लगने वाला विवाह होवे |

15)पूर्णमाशी-हर प्रकार से सुख व संपन्नता देने वाला विवाह होवे |

16)अमावस्या-असफल विवाह या तो तलाक होवे या दोनों मे से एक की मृत्यु हो जाये |


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