सोमवार, 28 मार्च 2022

दस महाविद्या साधना

 दस महाविद्या साधना

वैसे तो शास्त्रों में हजारों प्रकार की साधनाएँ दी हुई है, हमारे ऋषियों ने उनमें से चुन कर इन दस महत्वपूर्ण साधनाओं को जीवन की पूर्णता के लिए आवश्यक स्थान दिया हैं | जो जातक इन दसों महाविद्याओं की साधना को पूर्णता के साथ सम्पन्न कर लेता हैं वह निश्चित ही जीवन मे ऊंचाई मे पहुँच जाता हैं |

प्रिय पाठको, दस महाविद्यायों में महाकाली,तारा,त्रिपुरसुंदरी,भुवनेश्वरी,छिन्नमस्ता,त्रिपुर भैरवी,धूमावती,बगलामुखी, कमला और मातंगी दस महाविद्या में आती हैं |

1) श्री महाकाली - आज के युग में शीघ फलदायी एवं साधक की समस्त कामनाओं की पूर्ति में सहायक है । जब भी जीवन में प्रबल पुण्योदय होता है तब ही साधक ऐसी घोर शत्रुहन्ता,महिषासुरमर्दिनी,वाकसिदि प्रदायक महाकाली देवी की साधना सम्पन्न करता है ।

2) श्री तारा - आर्थिक उन्नति एवं अन्य आर्थिक बाधाओं के निवारण हेतु 'तारा महाविद्या का स्थान बहुत ही महत्वपूर्ण है । इस देवी की साधना के सिद्ध होने पर जातक की आमदनी के नित नये रास्ते खुलने लगते है और वह पूर्ण ऐश्वर्यशाली जीवन व्यतीत कर के जीवन में पूर्णता को प्राप्त कर लेता हैं |

3) श्री त्रिपुर सुन्दरी - इस का स्थान दस महाविद्याओं में सबसे मुख्य हैं क्यूंकी इस देवी स्वरूप मे शान्त स्वरूप व उग्र स्वरूप दोनों ही स्वरूपों की साधना हैं यह साधना जीवन में काम, दे,सुख व सौभाग्य के साथ साथ लक्ष्मी सिद्दी,सरस्वती सिद्दी व आरोग्य सिद्दी की प्राप्ति हेतु की जाती हैं | 

4) श्री भुवनेश्वरी – श्री भुवनेश्वरी को 10 महाविद्या को आध्य शक्ति अर्थात मूल प्रकृति कहा गया है और इसलिए तांत्रिक ग्रंथो मे स्पष्ट कहा गया है कि जिसने अपने जीवन मे भगवती श्री भुवनेश्वरी महाविद्या सिद्दी नहीं की वह साधक नहीं हो सकता ।

5) श्री छिन्नमस्ता – श्री छिन्नमस्ता साधना दस महाविद्या साधना मे जहाँ जीवन में पूर्णता उमेग देने में समर्थ है, वहीं साधक की बायुगमन प्रक्रिया हेतु सर्वश्रेष्ठतम साधना माना गया है। इस प्रकार की साधना के लिए दृढ़  संकल्प तथा शक्ति का जरुरत होती हैं और साधक जीवन में अपने निश्चय से ही साधनाओं में सफलताओं को प्राप्त करता है ।

6) श्री त्रिपुर मैरवी - शत्रु संहार एवं तीव्र तंत्र बाधा की काट के लिए श्री त्रिपुर भैरवी महाविद्या साधना अत्यन्त महत्वपूर्ण प्रभावी मानी गयी है । इस साधना की पथ्य विशेषता यह है कि यह साधना साधक के सौन्दर्य में चार चांद लगा देती है । इससे साधक अत्यधिक सुंदर दिखने लगता है । संभवत: इसी कारण इस साधना को स्त्रीया खूब करती हैं |

7) श्री धूमावती - इस साधना की करने वाले साधक अपने जीवन में निश्चित एवं निर्भीक और निरन्तर उन्नति प्राप्त करते हैं । इस महाविद्या के सिद्ध होने के बाद साधक की. ख्याति दूर-दूर तक फैलती है और यश मान प्रतिष्ठा देती है ।

8. श्री बगलामुखी - यह साधना शत्रु बाधा को समाप्त करने के लिये बहुत ही महत्वपूर्ण है । "रुद्रयामल तंत्र में बड़े साफ शब्दों में बताया गया है कि बगलामखी साधना की पद्धति अपने आप में सर्वाधिक दुर्लभ और महत्वपूर्ण है।

9) श्री कमला - श्री कला विशेष रूप से माँ लक्ष्मी साधना का ही आधार है और जिन जातको के घरों में दरिद्रता का वास होता है या घर पर अशान्ति रहती हैं, आय के पर्याप्त साधन ना बन पा रहे हो उन साधकों के लिए यह साधना धनलक्ष्मी प्रदान कर सौभाग्य के सारे द्वार खोलती हैं ।

10. श्री मातंग - इस साधना के सम्पन्न होने से साधक अपने जीवन के सभी यामों को छूते हुए बहाण्ड का अद्वितीय महापुरुष बनने का गौरव प्राप्त कर लेता हैं

 

 

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