रविवार, 23 मई 2021

वक्री शनि (23/5/2021 -11/10/2021)की चाल का 12 राशियो पर असर







23 मई 2021 रात्रि शनि वक्री हो जाएंगे जो कि लगभग 141 दिन अर्थात 11 अक्टूबर 2021 तक वक्र अवस्था में ही रहेंगे | कोई भी ग्रह जब वक्री हो जाता है तो वह अत्यंत प्रभावशाली हो जाता है और यदि वह पाप ग्रह है तो वह और भी आकस्मिकता भरा प्रभाव देने योग्य हो जाता है | 

वक्री ग्रह का अर्थ होता है कि वह आपसे कोई छूटा हुआ काम अवश्य पूरा कराना चाहता है और आपको वह काम दोबारा करना पड़ सकता है | 


परिचय - संस्कृत मे शनि को शनैश्चर अर्थात मंद गति से चलने वाला कहा गया हैं यह एक राशि ढाई वर्ष मे तथा पूरा भचक्र 30 वर्षो मे पूरा करता हैं अपने इस ढीर्घकालीन प्रभाव के कारण इसे धरती पर सबसे भयानक ग्रह के रूप मे याद किया जाता हैं | 

मन्त्रेश्वर द्वारा रचित ग्रंथ फलदीपिका मे शनि को लंगड़ा कर चलने वाला,नसो से भरा व गहरी आँखों वाला,आलसी काले रंग का,वातजनित लंबे नाखून व दाँतवाला,रूखेबाल वाला गंदा व जिद्दी कहा गया हैं जिसको धरती पर आयु,भय,मृत्यु,शोक,बदनामी,गरीबी,बीमारी,बंधन,निम्नकार्य,मानसिक रोग,आलस,जेल कैद,का प्रतीक माना गया हैं जिसके अंतर्गत मानव शरीर मे गठिया,पैरो व हड्डियों मे दर्द,आलसपना,थकावट,स्नायु विकार,पक्षाघात,प्रेत बाधा जैसे रोग होते हैं | 

राशियो मे शनि को कर्म व लाभ भाव की लगातार दो राशियो का स्वामी कहा गया हैं जो कर्म द्वारा लाभ प्राप्ति की प्रेरणा प्रदान करते हैं यह कालपुरुष के लग्न मे नीच तथा सप्तम भाव मे ऊंच होते हैं | इन्हे दक्षिणायन (कर्क से धनु राशि तक),कृष्ण पक्ष,शनिवार,चन्द्र संग,सप्तम,अष्टम,एकादश भावो मे,तुला,मकर व कुम्भ राशि मे,वक्री अवस्था मे,सूर्य द्वारा प्रभावित ना होने पर बली माना जाता हैं बली अथवा शुभावस्था मे होने पर यह जातक को बहुत ऊंचाई व सफलता प्रदान करते हैं (उद्योगपतियों की पत्रिकाओ मे शनि की स्थिति देखी जा सकती हैं) विशेषकर बुध,शुक्र व स्वयं के लग्नों मे शनि ज़्यादा शुभफल प्रदान करते देखे गए हैं | 

आइए राशि अनुसार जानते हैं कि शनि का यह वकृत्व क्या परिणाम देगा | 

1)मेष लग्न वालों के लिए शनि दसवें भाव में ही वक्री होंगे जिससे काम समय पर पूरा करें,किसी से किया गया वादा ना तोडे,आपकी आमदनी बढ़ेगी,पढ़ाई अच्छी होगी परंतु घर में कोई तनाव रहेगा | 

2)वृषभ लग्न वालों के लिए शनि नवे भाव में वक्री होंगे जिस कारण धर्म-कर्म संबंधित चीजों को निश्चित समय पर करवाना पसंद करेंगे,मकान एवं संपत्ति हेतु यह अच्छा समय रहेगा | 

3)मिथुन लग्न की बात करें तो इसके अष्टम भाव से शनि का यह गोचर हो रहा है जिसमें सेहत का ध्यान रखना पड़ेगा खानपान पर नजर रखें,प्रत्येक काम में सलाह मशवरा अवश्य लें तथा खर्चे पर नजर रखें | 

4)कर्क लग्न वालों के सप्तम भाव से यह शनि का गोचर हो रहा है जो वैवाहिक जीवन में सब कुछ सही करने का समय है अन्यथा परेशानी आ सकती है,धन का आगमन बना रहेगा,पैतृक संपत्ति मिलने की संभावनाएं भी बनेगी | 
 
5)सिंह लग्न वालों के छठे भाव में शनि वक्री होंगे इससे जीवन साथी हावी होने का प्रयास करेगा,प्रतियोगिता इत्यादि में अपने प्रयास बढ़ाएं | 

6)कन्या लग्न वालों के पंचम भाव में पंचमेष शनि स्वयं वक्री होंगे जो प्रेम संबंधों में तनाव दे सकते हैं परंतु शिक्षा के लिए अच्छा समय रहेगा,अपने पेट का ध्यान रखें,खर्चे पर नियंत्रण करें | 

7)तुला लग्न वालों के चौथे भाव में शनि का गोचर लाभकारी रहेगा जिससे माता-पिता की सेहत प्रभावित हो सकती है परंतु स्वयं की सेहत एवं संपत्ति हेतु अच्छा समय रहेगा | 

8)वृश्चिक लग्न वालों के तीसरे भाव में शनि का गोचर संपत्ति एवं के कामों में फायदा होता दिख रहा है,सेहत का विशेष ध्यान रखें | 

9)धनु लग्न वालों के दूसरे भाव में शनि का गोचर होगा जो उन्हें दोस्तों द्वारा लाभ बताएगा परंतु किसी भी प्रकार का बदलाव ना करें,धन का आगमन बना रहेगा | 

10)मकर लग्न वालों की बात करें तो उनके लग्न में ही यह गोचर होगा जिस कारण उन्हें सेहत संबंधी नियमों का पालन करना पड़ेगा,अपने सारे काम नियत समय पर करने पड़ेंगे,नाम एवं दाम कमाने का यह बेहतरीन समय है परंतु वैवाहिक जीवन में तनाव हो सकते हैं | 

11)कुंभ लग्न वालों हेतु शनि का गोचर 12वे भाव में होने से अच्छा रहेगा ऐसे मे खूब दान पुण्य करे जिससे सेहत भी अच्छी होगी,काम अवश्य बढ़ेंगे परंतु कोई बदलाव भी हो सकता है | 

12)मीन लग्न वालों के लिए यह शनि का एकादश भाव से गोचर होगा जो यह बता रहा है कि आप अपने पैसे को सही जगह पर लगाएं,आपका प्रसिद्धि बढ़ने की योग है,संतान की शिक्षा का ध्यान रखें |

मंगलवार, 18 मई 2021

बिटकोइन


बिटकोइन

बिटकोइन एक क्रिप्टोकरंसी अर्थात आभासी नकली मुद्रा हैं जिसको जापान के एक नागरिक सतोषी नाकामोटों ने शुरू किया था जिसका मुख्य उद्देश्य धातु के बने कुछ सिक्को को बेचकर कमाई करना था यह सिक्के विशुद्द रूप से ना बेचकर आभासी दुनिया अथवा इंटरनेट के माध्यम से कुछ गिनी चुनी संस्थाओ द्वारा ही व्यक्ति विशेष को बेचे जाते हैं | यह आभासी सिक्के अपनी शुरुआत के कुछ ही दिनो मे दुनिया भर मे ज़बरदस्त रूप से छाते चले गए कई लोगो पर इसका जादू सर चढ़कर बोलने लगा विशेषकर युवा पीढ़ी के लोग तो इसके लिए पागल से होने लगे हैं |

भारतवर्ष मे भी इसकी दीवानगी देखी जा रही हैं कुछ लोग मानते हैं की भारतीय सिनेजगत के कई बड़े लोगो ने इस बिटकोइन पर अपना पैसा लगाया हैं | आज की युवा पीढ़ी कम समय मे ज़्यादा कमाने की होड मे अपने मेहनत से कमाए असली पैसो को खर्चकर इस नकली पैसो को खरीदने के लिए भागने लगी हैं |

जिस किसी के पास यह सिक्का होता हैं वह इसे संस्थान द्वारा निर्धारित मूल्य पर किसी और को बेचकर मुनाफा कमाना चाहता हैं | संस्थान कैसे इसका मूल्य निर्धारण करती इसके विषय मे कोई जानकारी नहीं दी जाती हैं बस ये कहा जाता हैं की मांग अधिक होने पर इन सिक्को का मूल्य निर्धारण होता हैं शुरुआत मे ये सिक्के कुछ ही रुपयो मे मिलते थे पर अब इसके एक एक सिक्के का मूल्य लाखों मे हैं | इसकी ज़बरदस्त रूप से बढ़ती लोकप्रियता के चलते अब ऐसी और भी कई संस्थाए हैं जो अपनी अपनी क्रिप्टो करन्सी अर्थात नकली मुद्रा बाज़ार मे लाने को तैयार होने लगी हैं |

इन नकली आभासी मुद्रा के बते हुये चलन को रोकने के लिए कई देशो ने पने पने नागरिकों व बैंको को इस प्रकार के सिक्को की रीददारी से दूर रहने के लिए कहा हैं पर फिर भी इससे मिलने वाले मुनाफे के कारण लोग चोरी छिपे इसको खरीद रहे हैं | भारत की सरकार ने भी इसके लिए कुछ आवशयक कम उठाए हैं |

आइए ज्योतिषीय दृस्टी से जानने का प्रयास करते हैं की इस आभासी मुद्रा बिटकोइन का भविष्य क्या होगा |

बिट्कोइन का जन्म 3 जनवरी 2009 को 18:25 बजे जापान की राजधानी टोक्यो में कर्क लग्न व कन्या नवांश मे हुआ है लग्न मे केतु,दूसरे भाव मे वक्री शनि,छठे भाव मे सूर्य-मंगल,सप्तम भाव मे गुरु-बुध- राहू,अष्टम भाव मे शुक्र,नवम भाव मे चन्द्र हैं | चन्द्र राशि मीन है तथा जन्म का नक्षत्र उत्तर भाद्रपद है जिस कारण इसे शनि महादशा लगभग 15 वर्ष शेष मिली हैं |

अब चूंकि ये कोई जातक विशेष की कुंडली नहीं हैं तथा इस बिटकोइन ने भविष्य मे कार्य करना हैं जिसके लिए कार्यविशेष की सफलता के लिए हमारे शास्त्रो मे मुहूर्त देखने का प्रयोजन बताया गया हैं जिसको देखने पर हमें निम्न तथ्य प्राप्त होते हैं |

1)लग्न स्थिर राशि का होना चाहिए और उस पर शुभ ग्रह होना चाहिए | यहा देखे तो लग्न स्थिर राशि का नहीं हैं तथा उस पर केतू ग्रह स्थित हैं |

2)6,8,12 भाव में कोई ग्रह न हो तो अच्छा होता है | यहा छठे भाव मे सूर्य मंगल तथा आठवे भाव मे शुक्र हैं |

3)पंचक नहीं होना चाहिए जिसके लिए तिथि,सप्ताह,नक्षत्र,महीना और लग्न सभी को जोड़कर 9 से भाग दिया जाता है

यदि शेष 3,5 और 7 आता है तो मुहूर्त पंचक रहित माना जाता है | यदि शेष 1 आता है तो मृत्यु पंचक होता है,2 आने पर अग्नि पंचक,4 आने पर राजा पंचक,6 आने पर चोर पंचक तथा 8 आने पर रोपंचक होता हैं यह सभी पंचक बुरे माने जाते हैं |

इस स्थिति में तिथि षष्ठी,दिन शनिवार,नक्षत्र उत्तर भाद्रपद,महीना पौष अथवा पुष्य तथा लग्न कर्क है जिनका जोड़ क्रमश: 6,7,26,10 और 4 अर्थात 53 आता है जिसे 9 से भाग देने पर 8 शेष आता है जो कि रोग पंचक बनता है जो की एक अशुभ पंचक हैं |

इस प्रकार मुहूर्त अनुसार देखे तो इस बिटकोइन का ज्यादा समय तक चल पाना मुश्किल जान पड़ता हैं |

ऐसे मे इसको आयु की दृस्टी से देखे तो हमें इस पत्रिका मे बालारिष्ट के निम्न योग भी स्पष्ट दिखाई देते हैं |

1)लग्नेश चन्द्र अस्ट्मेष के नक्षत्र मे हैं जिस पर मंगल की दृस्टी हैं तथा अष्टमेश शनि वक्री होकर शत्रु राशि व शत्रु नक्षत्र मे तथा अष्टम भाव को दृस्टी दे रहा हैं |

2)लग्न मे केतु सप्तम मे राहू स्थित है तथा लग्न भी शनि के नक्षत्र मे ही हैं |

3)लग्नेश चन्द्र मीन राशि मे हैं जिसका स्वामी गुरु स्वयं नीच राशि मे राहू संग पीड़ित हैं |

इस प्रकार देखे तो लग्न-लग्नेश,चन्द्र-चंद्रेश,अष्टम-अष्टमेश सभी अवयव पीड़ित हैं | जो इसकी आयु भी कम ही बता रहे हैं |

आइए अब इस बिटकोइन की कुंडली का अध्ययन करते हैं |

प्रस्तुत कुंडली में गुरु चांडाल दोष सप्तम भाव में बना है जिसके साथ बुध भी है,सूर्य मंगल की युति छठे घर में होने से इसके कार्य करने में जोश में बहादुरी दिखाई देती है जो कि इसकी संस्था द्वारा मार्च 2016 से इन सिक्कों की निश्चित संख्या के आवंटन से भी पता चलता है |

लग्नेश का नवम भाव में होना शुरुआती कुछ दिनों में अच्छी सफलता दिला रहा है,शनि दूसरे भाव में होने से धन का व्यय,सूर्य मंगल छठे भाव में होने से शत्रुओ के द्वारा कर्जा और परेशानी,दशमेश मंगल का छठे घर में अस्त स्थिति में होना जहां इसके काम की आयु को खतरा भी बता रहा है वही चतुर्थेश और एकादशेश शुक्र का अष्टम में होना कुल मिलाकर इसके असफल होने पुष्टि ही कर रहे हैं | वर्तमान में इस समय 4 जनवरी 2018 से 13 फरवरी 2019 के बीच शनि में मंगल दशा हैं जो क्रमश:  सप्तमेश व कर्मेश होकर एक दूसरे से पंचम-नवम अर्थात दूसरे व छठे भाव मे स्थित हैं जो लोगो मे इसका प्रभाव अभी बना रहेगा ऐसा बता रहे हैं परंतु मंगल के केतू नक्षत्र मे होने से इसमे 13 फरवरी 2019 तक उतार-चढ़ाव आते रहेंगे ऐसा होना भी निश्चित कर रहे हैं | इसके बाद शनि में राहु दशा जो की 13 फरवरी 2019 से 20 दिसंबर 2021 तक रहेगी उसको देखे तो शनि व राहू मे 6-8 अथवा षडाष्टक योग हैं जहां राहू सप्तम भाव मे नवमेश गुरु संग चांडाल दोष मे हैं तथा शनि दूसरे भाव मे हैं अब क्यूंकी शनि कर्क लग्न में सप्तमेश होने से बाधक बनता है दूसरे भाव में होने से मारक भी होगा जो की कुछ विवादो के बाद इस बिटकोइन का खेल खत्म होना बता रहा हैं |

सलिए यह स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि इस बिटकॉइन का खेल 20 दिसंबर 2021 के बाद कभी भी खत्म हो जाएगा |

प्रस्तुत लेख को आप हमारे यूट्यूब चैनल मे भी देख सकते हैं | 

https://youtu.be/IF041mZWU2A

 


शुक्रवार, 14 मई 2021

सूर्य का वृषभ राशि में गोचर 2021

 

सूर्य का वृषभ राशि में गोचर


आज रात 11:23 मिनट पर सूर्य वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे क्योंकि यह राशि प्रवेश शुक्रवार के दिन हो रहा है जिस कारण पशुपालकों व दूध उत्पादकों को विशेष लाभ मिलेगा | सूर्य अपनी ऊंच राशि मेष से वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे वृषभ राशि के नक्षत्र में जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र मे आते हैं तो धरती पर प्रचंड गर्मी पड़ती है जिसमें से 9 गर्मी भरे दिनो को भारत मे नवतपा कहा जाता है |

वृषभ राशि में सूर्य की सक्रांति होने पर सूर्य,राहु बुध और शुक्र के साथ जा मिलेंगे जिससे ये सूर्य राहू संग ग्रहण व पित्र दोष,बुध संग बुधादित्य योग बनाएंगे,वही शुक्र बुध की युति इस राशि मे पहले से ही लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण कर रही हैं जबकि शुक्र अपनी स्वराशि वृष में ही गोचर कर रहे हैं जिस कारण शुक्र के गुणों में वृद्धि भी देखने को मिलेगी |

ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को आत्मा,मान सम्मान तथा उच्चपद का कारक माना गया है | सूर्य जहां भी जाते हैं उस भाव से संबंधित चीजों को प्रकाशित अथवा प्रकट कर देते हैं इस प्रकार देखें तो वृषभ राशि खानपान एवं धन की राशि है सूर्य इस राशि में जाकर शुक्र से संबंधित चीजों को प्रकाश में ले आएंगे संभवत कुछ जगहों में लॉकडाउन में कुछ राहत अथवा कमी देखने को मिलेगी |

भारत की परिपेक्ष में कहें तो सूर्य का भारत के लग्न में राहु से जाकर मिलना भारत की जनता एवं भारत के सरकार के लिए शुभ नहीं कहा जा सकता भारत की वृषभ लग्न की पत्रिका में सूर्य चतुर्थ भाव अथवा जनता का प्रतिनिधित्व करता है जो कि राहु के मुंह में जाती हुई दिखाई दे रही है जिससे यह कहा जा सकता है कि भले ही बीमारी में कुछ राहत मिले परंतु मृत्यु दर में ज्यादा राहत नहीं मिलेगी इस दौरान कुछ नामी व्यक्तिओ व सरकार से संबंधित प्रसिद्ध व्यक्तियों की मृत्यु भी भारतवर्ष को देखनी पड़ सकती है,10 जून 2021 को जब सूर्यग्रहण हो जाएगा उसके बाद भारत की जनता राहु के प्रभाव से कुछ हद तक राहत महसूस करेगी |

सामान्य तौर से वृषभ राशि शुक्र की राशि होने पर सूर्य की शत्रु राशि कही गई है परंतु इस वृष राशि मे सूर्य के मित्र ग्रहो के नक्षत्र होते हैं जिस कारण सूर्य के वृषभ राशि गोचर को शास्त्रों में अच्छा ही बताया है |

आइए राशि अनुसार जानते हैं कि वृष राशि के ये सूर्य प्रत्येक राशि को किस प्रकार के फल देंगे|

मेष राशि के लिए सूर्य पंचम भाव के स्वामी बनते हैं जो संतान से संबन्धित होता हैं | ऐसे मे इस सूर्य का दूसरे भाव में प्रवेश शुभ नहीं माना जा सकता जिस कारण मेष राशि वालों को जबरदस्त खर्चो के कारण नुकसान हो सकता है अथवा कोई सरकार संबंधित परेशानी हो सकती है इस समय खर्चा देखभाल करके ही करें | शास्त्रों में कहा गया है कि जब दूसरे भाव में सूर्य राहु के साथ आता है तो राज्य सरकार से दंड मिलता है,संतान से किसी ना किसी प्रकार कष्ट प्राप्त हो सकते हैं आपकी वाणी भी खराब हो सकती हैं अत: अपनी वाणी पर नियंत्रण रखें |

वृषभ राशि वालो के लिए सूर्य चौथे भाव का स्वामी बनता है | जिसके प्रथम अथवा लग्न भाव से ही सूर्य का यह गोचर होगा जिस कारण जातक विशेष को सेहत संबंधी परेशानी हो सकती हैं विशेष तौर से गर्दन के हिस्सों में परेशानी आ सकती है, जातक की मां और पत्नी को भी कोई ना कोई सेहत संबंधी दिक्कतें हो सकती है |

मिथुन राशि वालों के लिए सूर्य तीसरे भाव का स्वामी बनता है | इस राशि के बारहवें भाव से सूर्य का यह गोचर होगा जिस कारण जातक का अपने पड़ोस अथवा भाई बहनों से विवाद उत्पन्न हो सकता हैं तथा जातक को अस्पताल व कोर्ट कचहरी के चक्कर काटने पड़ सकती हैं,उसकी दाई आंख में भी समस्या हो सकती है,जून महीने के 15 दिन कतई शुभ नहीं है इस दौरान यात्रा ना करें अन्यथा यात्रा में चोरी अथवा चोट लगने जैसे परिणाम मिल सकते हैं|

कर्क राशि के लिए सूर्य दूसरे अथवा धन भाव का स्वामी बनता है | ये सूर्य इस कर्क राशि से ग्यारहवें भाव में गोचर करेंगे जिससे इस राशि वालों को धन का लाभ हो सकता है,कर्क राशि वालों के लिए यह समय आधा समय अच्छा तथा आधा बुरा गुजरेगा,इस दौरान कुटुंब परिवार से संबंधित परेशानी भी हो सकती है तथा किसी से धोखा भी मिल सकता है |

सिंह राशि के लिए सूर्य लग्न का मालिक बनता है | इस लग्न स्वामी का यह दसवें भाव से गोचर होगा जिस कारण कैरियर से संबंधित प्रमोशन और डिमोशन कुछ भी हो सकता है,जिन जातकों के पास नौकरी नहीं थी उनको नौकरी मिल सकती है इस गोचरीय सूर्य की चौथे भाव में दृस्टी होने से घर पर कुछ उलझने पैदा हो सकती हैं इस  पूरे माह अनावश्यक रूप से गुस्सा ना करें|

कन्या राशि वालों के लिए सूर्य 12वे भाव का स्वामी बनता है | इस सूर्य का राशि से नवे भाव में गोचर आपके  खर्चों को तो रोकेगा परंतु पिता की सेहत खराब करेगा,ऐसे समय में कोई भी निर्णय जल्दबाजी में ना करें,लंबी दूरी की यात्रा कदापि ना करें तथा पिता की सेहत का ध्यान रखें|

तुला राशि के लिए सूर्य ग्यारहवें भाव का स्वामी होता है | सूर्य का इस राशि से यह अष्टम भाव गोचर होगा,वही गोचर में देखें तो इस तुला राशि का स्वामी शुक्र स्वयं से भी अष्टम गोचर कर रहा है जो कि जातक विशेष को सेहत संबंधी परेशानी बता रहा है विशेष तौर से इस  राशि वालों को इस समय लीवर संबंधी दिक्कते हो सकती हैं कोई करीबी व्यक्ति धोखा भी दे सकता है सावधान रहें,अष्टम भाव से संबंधित काम करने वाले इस राशि के लोगों को अचानक लाभ भी मिल सकता है |

वृश्चिक राशि के लिए सूर्य दशम भाव का मालिक होता है | इस सूर्य का 7वे भाव से गोचर बिल्कुल भी अच्छा नहीं है इस गोचर से आपके अपने जीवनसाथी से मतभेद हो सकते हैं अथवा उससे अलगाव की स्थिति भी बन सकती है आपको आपके काम अथवा व्यापार में रुकावट के कारण परेशानी भी हो सकती है,गुस्सा कदापि न करें|

धनु राशि के लिए सूर्य नवे भाव का स्वामी होता है | राशि से छठे भाव से इस सूर्य का गोचर शुभता दर्शा रहा हैं परंतु भाग्य स्वामी का ग्रहण के प्रभाव में आना आपको बनते कामों में रुकावटें दे सकता है,जिस कारण आपको नौकरी में सावधानी रखना अपेक्षित हैं,किसी से भी व्यर्थ के वाद विवाद में ना पड़े क्योंकि आप पर शनि की साढ़ेसाती भी चल रही है|

मकर राशि वालों के लिए सूर्य आठवे भाव का स्वामी बनता है | इस आठवें भाव के मालिक का राशि से पांचवे भाव से गोचर होगा जिस कारण इस राशि वालों का झुकाव जहा ज्योतिष एवं अध्यात्म की तरफ बढ़ेगा वही संतान से संबंधित चिंता भी लगी रहेगी तथा अपेक्षित पद प्राप्ति नहीं होगी,वर्तमान में आपको साढ़ेसाती भी चल रही हैं सूर्य मंत्र का जाप करना लाभदायक रहेगा|

कुंभ लग्न वालों के लिए सूर्य सातवें भाव का स्वामी बनता है |जिसका आपकी राशि से चौथे भाव से गोचर होगा जो शुभता लिए नहीं होगा जिस कारण माता एवं घर से संबंधित परेशानी उत्पन्न होगी तथा आपके अपने बॉस से वाद-विवाद भी हो सकते हैं वाहन चलाने में सावधानी रखना अपेक्षित रहेगा |

मीन राशि के लिए सूर्य छठे भाव के स्वामी बनते हैं | सूर्य का इस राशि से तीसरे भाव से गोचर होगा जो कि शुभता लिए हुए होगा,इस राशि के पत्रकारिता और कम्युनिकेशन जगत से जुड़े लोगों लिए यह बहुत शुभ समय है उनकी यात्रा होने की योग बने हैं तथा इन क्षेत्र वालों को लाभ भी मिलता नजर आ रहा है |

सभी राशि वालों के लिए सूर्य गायत्री का जाप करना लाभदायक रहेगा | इसके अतिरिक्त आप आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ भी कर सकते हैं