शुक्रवार, 26 मई 2017

अनुभव 2



6/5/2017 शनिवार का दिन आज हमने कुल 27 कुंडलियाँ देखी जिसमे एक पत्रिका 4/2/1969 की सिंह लग्न की स्त्री की थी जिसमे उसके घर मे किसी के वकील होने की पुष्टि हो रही थी पता करने पर पता चला की उसका पति वकील ही हैं जब हमने उससे पूंछा की उसके परिवार मे सांस की बीमारी किसको हैं तो वो बोली मेरे बेटे को अस्थमा हैं और मुझे सांस फूलने की परेशानी लगी रहती हैं |

6/8/1990 7:10 चंडीगढ़ सिंह लग्न मे जन्मी इस पत्रिका की जातिका को देखते ही हमने कहा की क्या तुम जुड़वां हो ( पत्रिका मे क्यूंकी उसके जुड़वां होने के पुख्ता संबंध थे ) उसकी माँ ने तुरंत उसके जुड़वां होने की पुष्टि करी पर साथ ही साथ हमें हैरान करते हुये हमसे यह जानना चाह की क्या उसकी दूसरी बेटी उसे कभी मिल पाएगी अब चौकने की बारी हमारी थी तब उस माँ ने रोते हुये बताया की अस्पताल मे उसे एक ही बच्ची दी गयी थी लेकिन जब उसने जच्चा संबंधी रिपोर्ट पढी थी तो उसमे दो जुड़वां लड़कियों का उल्लेख था पर अस्पताल ने उसे एक ही लड़की दी थी | इससे भी ज़्यादा अजीब बात ये थी की कुंडली वाली जातिका ये कहने लगी की अंकल मैं कहीं भी जाती हूँ तो मेरी वो जुड़वां मुझसे पहले वहा जा चुकी होती हैं ऐसा मेरे दोस्त मुझसे अक्सर कहते हैं की तू अभी अभी आई थी फिर आ गयी |

एक अन्य पत्रिका 31/1/1963 की सिंह लग्न की थी जिसमे लग्नेश का संबंध द्वादशेश से बना हुआ था तथा छठा भाव बहुत प्रभावशाली था हमने कहा क्या आप पेशे से डॉक्टर हो जातिका ने आश्चर्यचकित होते हुये हाँ मे जवाब दिया | पत्रिका मे अस्पताल का संबंध बहुत ही अच्छी तरह से बना हुआ था |

इसी प्रकार 30/9/1976 3:15 रोहतक मे सिंह लग्न मे जन्मे इस जातक की पत्रिका इसके गुरु होने की पुष्टि कर रही थी थोड़ा ध्यान देने पर दिखा की इसका कर्मेश इसके तृतीय भाव पर स्वराशी का होकर मंगल व राहू संग था हमने जातक से जानना चाहा की क्या वो कोई ऐसी विद्या लोगो को सिखाता हैं जिसमे कसरत आदि करनी होती हैं उसने तुरंत अपने योगा शिक्षक होने की पुष्टि करी,तब हमने उससे कहा की क्या तुम अपनेपरिवार मे अपने लिंग मे सबसे छोटे हो उसने कहाँ की हाँ जी मेरे बाद छोटी एक बहन हैं |

इन सभी पत्रिकाओ देखने के बाद हमने ईश्वर को मन ही मन धन्यवाद दिया की उसने हमें वही दिखाया जो सच मे घटित हुआ था |


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