गुरुवार, 24 सितंबर 2015




देखिये और जानिए कैसे सीप से निकलता हैं मोती 

राशि व लाल किताब के उपाय-


राशि व लाल किताब के उपाय-

प्रत्येक राशि के लिए लाल किताब मे कुछ सरल उपाए दिये गए हैं जिनको करने मात्र से व्यक्ति विशेष के जीवन मे आ रही परेशानीयां समाप्त हो जाती हैं |

मेष राशि-
1) लाल रंग का रुमाल हमेशा साथ रखे /लाल चन्दन का टीका लगाए |
2) मुफ्त मे किसी से कुछ ना ले |
3) बाए हाथ मे चाँदी का छल्ला (बिना जोड़ का) धारण करे |
4) तंदूर की मीठी रोटी गाय को खिलाये |
5) शिव मंदिर मे सोमवार के दिन कच्चा दूध चढ़ाये |

वृष राशि-
1) शनिवार के दिन सरसो/तिल का तेल दान किया करे |
2) रुमाल मे चाँदी व चावल बांधकर हमेशा साथ रखे |
3) घड़े के ऊपर ढक्कन रख कर तथा उसमे तांबे का सिक्का डालकर जल प्रवाह करे |
4) केसर तथा पीले चन्दन का तिलक नित्य लगाया करे |
5) शनिवार को सिर्फ पानी का उपयोग करे (उपवास रखे ) तथा सुंदर कांड का पाठ करे |

मिथुन राशि-
1) साबुत मूंग की दाल भिगोकर पक्षियो को खिलाये |
2) हरे रंग को बोतल मे गंगाजल भरकर वीरान ज़मीन मे बुधवार को दबाये |
3) कांसे या चाँदी का टुकड़ा हमेशा संग रखे |
4) शुक्रवार के दिन भोजन से पहले गौ ग्रास निकालकर ही भोजन करे |
5) दुर्गा सप्तशती  का पाठ रोजाना करे |

कर्क राशि-
1) माता की सलाह अवश्य माने |
2) दुर्गा पाठ करे व कन्यादान के लिए समान का दान किया करे |
3) अपनी माता से चावल व चांदी लेकर अपने पास हमेशा रखे |
4) गुरुवार के दिन केसर तिलक लगाया करे |
5) प्रदोष के दिन शाम के समय शिवजी की पुजा अर्चना किया करे |

सिंह राशि-
1) अखरोट,नारियल व सरसों का तेल धर्म स्थान मे दान करे |
2) गेहूं,मसूर की दाल,सिंदूर लगे पत्थर के साथ रखकर लाल कपड़े मे बांध कर जल प्रवाह करे |
3) तांबे का सिक्का 11 रविवार पानी मे बहाये |
4) घड़े मे ढक्कन लगाकर जल प्रवाह करे |
5) रविवार के दिन 3 बार बाल्मीकी रचित आदित्य हृदय श्रोत का पाठ करे |

कन्या राशि-
1) दुर्गा सप्तसती का पाठ रोजाना किया करे |
2) छत पर बारिश का पानी रखे |
3) घर,ऑफिस मे काला शीशा लगाए या अपने पास रखे |
4) हल्दी की माला लेकर किसी खूंटी मे गुरुवार के दिन लटका दे |
5) गाय का दूध शिव जी चढ़ाया करे |

तुला राशि-
1) पीली सरसों धर्म स्थान मे दान करे |
2) माता पिता की आज्ञा से ही विवाह करे |
3)शुक्रवार के दिन मावे की मिठाई रोटी मे डालकर गाय को खिलाये |
4) प्रतिदिन माता लक्ष्मी के सम्मुख गाय के घी का दीपक जलाया करे |
5) घर पर मनीप्लांट लगाए तथा सूखे फूल पत्ते ना रखे |

वृश्चिक राशि-
1) रविवार के दिन दोपहर के समय मौली दायें हाथ की काली मे 6 बार लपेटकर बांधे |
2) प्रतिदिन प्रातकाल शहद का सेवन किया करे |
3) बंदरो को गुड चना तथा चींटीओ को शक्कर डाले |
4) हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाये |
5) लक्ष्मी माँ के सम्मुख लाल वस्त्र मे जटायुक्त नारियल बांध कर रखे |

धनु राशि-
1) गंगाजल का सेवन करे व उससे स्नान करे |
2) भिखारी को खाली हाथ ना लौटाए |
3) पीले चन्दन की माला धरण करे या पुजा घर मे रखे |
4) सोमवार के दिन शिवलिंग पर धतूरा चढ़ाये या कुएं मे कच्चा दूध डाले |
5) सात गुरुवार घोड़े को भीगी हुई चना दाल खिलाये |

मकर राशि-
1) मीठा दूध बढ के पेड़ पर चढ़ाये |
2) चींटीओ को काले तिल मीठा डालकर खिलाये |
3) तवा,चकला,बेलन धर्म स्थान मे दान करे |
4) काले तिल व शहद शनिवार के दिन वर्ष मे एक बार जल प्रवाह करे |
5) शनिवार के दिन भैरव को पुजा अर्चना करे |

कुम्भ राशि-
1) अपनी छत को साफ रखे |
2) दक्षिण दिशा के मकान मे ना रहे |
3) सरसों का तेल लगाकर कुत्ते को खिलाये |
4) उड़द की दाल की खिचड़ी शनिवार को कव्वो को डाले/खिलाये |
5) शनिवार के दिन भैरव की पुजा अर्चना करे |

मीन राशि-
1) चाँदी का टुकड़ा अपने पास हमेशा रखे |
2) केसर तिलक नित्य लगाकर पीपल वृक्ष को नमस्कार किया करे |
3) नित्य गरुण पुराण का पाठ किया करे |
4) कस्तुरी को पीले कपड़े मे लपेटकर अपने घर पर रखे |

5) वर्ष मे एक बार गुरुवार के दिन चने की दाल व गुड पीले कपड़े मे बांधकर जल प्रवाह करे |

सोमवार, 21 सितंबर 2015

देश के हालत पर कुछ लिखा हैं आप भी पढे ......

देश के हालत पर कुछ लिखा हैं आप भी पढे .....................


जब स्त्री 3-3 पति होने के बाद बेटी को “बहन” बताने लगे
जब पीढ़ियो से अमीर “बच्चा” गरीबो को गरीबी पढ़ाने लगे
तब सोचिए की देश मे क्या और देश का क्या होना चाहिए ?

जब तथाकथित स्वयं भू “बाबा” फिल्मों मे दिखने-दिखाने लगे
जब “धर्मगुरु” कहलाने वाले संत एक दूसरे को मारने लगे
तब सोचिए की देश मे क्या और देश का क्या होना चाहिए ?

जब “बार” मे शराब बेचने वाला महामंडलेश्वर कहलाने लगे
जब कथित “माता” भक्ति मे गैरमर्द की गोद मे जाने लगे
तब सोचिए की देश मे क्या और देश का क्या होना चाहिए ?

जब देश परिवार की “रक्षा” करने वाले ही भक्षक बनने लगे
जब “अस्पताल” इलाज़ के बजाए मौत का पैसा मांगने लगे
तब सोचिए की देश मे क्या और देश का क्या होना चाहिए ?

जिसके “बाप-दादा” ने खेत ना देखे हो वह खेती सीखाने लगे
जब देश के “बुड्ढे” मरते समय भी अपनी गद्दी ना छोड़ने लगे
तब सोचिए की देश मे क्या और देश का क्या होना चाहिए ?

जब “भगवान” घरो पर और “इंसान” फूटपाथ पर रहने जाने लगे
जब “मूर्तियो” को भोग लगे और इन्सानो को “भूख” सताने लगे
तब सोचिए की देश मे क्या और देश का क्या होना चाहिए ?

जब इन्सानो मे हैवानियत बढ़ने और इंसानियत घटने लगे
जब जाति और धर्म के नाम पर इंसान बांटने बंटने लगे  
तब सोचिए की देश मे क्या और देश का क्या होना चाहिए ?


गुरुवार, 17 सितंबर 2015

अशुभ ग्रहो को शुभ बनाए

अशुभ ग्रहो को शुभ बनाए

लाल किताब ज्योतिष के अनुसार किस भाव मे कौन सा ग्रह अशुभ होता हैं और उसका क्या उपाय साधारणत: किया जाना चाहिए यह हमने इस लेख मे समझाने का प्रयास किया हैं आशा हैं पाठकजन इससे ज़रूर लाभान्वित होंगे |

गुरु ग्रह को लाल किताब 6,7,10 व 11वे भाव मे अशुभ मानती हैं ऐसे मे जातक यदि उससे जुड़े कुछ नियम व उपाए कर ले तो गुरु ग्रह अपनी अशुभता छोड़ शुभ फल प्रदान करने लगते हैं |

6 भाव-धन के लिए किसी के आगे हाथ ना फैलाये |

7 भाव-घर मे मंदिर ना बनाए,मूर्ति पूजन ना करे,धार्मिक पुस्तके व पीले वस्त्र न रखे |

10 भाव-रविवार को छोड़ कर पीपल के वृक्ष पर प्रतिदिन जल चढ़ाये |

11 भाव-अंडा व अंडे से बनी वस्तु ना खाये |


सूर्य ग्रह को 6,7 व 10वे भाव मे अशुभ माना गया हैं |

6 भाव-दूसरों के सामने अपनी समस्या न प्रकट करे,पश्चिम दिशा के मकान मे ना रहे |

7 भाव-सब से नम्रता पूर्वक व्यवहार करे,पानी पीकर ही हर कार्य किया करे |

10 भाव-सिर पर हमेशा सफ़ेद रंग की टोपी धारण करे |

चन्द्र ग्रह को 6,8,10,11 व 12वे भाव मे अशुभ फल प्रदानकर्ता माना गया हैं |

6,10 भाव-रात्री को दूध का सेवन ना करे |

8 भाव-पितरों के नाम से श्राद कर्म करे तथा हर अमावस्या को दूध दान करे |

11 भाव-सूर्योदय के समय दान ले न दे,रात्री को पुजा पाठ,कीर्तन,जागरण ना करे ना सुने,बुधवार को नया काम ना करे,शुक्रवार को परिवार मे किसी का विवाह ना करे,शनिवार को मकान,वाहन व मशीन ना खरीदे |

12 भाव-छत के नीचे हैंडपंप इत्यादि ना लगाए |


मंगल ग्रह को 4 व 8 भावो मे अशुभ माना गया हैं |

4 भाव-दक्षिण दिशा वाले मुख्यद्वार के मकान मे ना रहे,बंदर की सेवा करे |

8 भाव-कुत्तो को मीठी तंदूरी रोटी खिलाये |


बुध ग्रह को 3,8,9,10,1112 भावो मे अशुभ माना गया हैं |

3 भाव- चौड़े पत्ते वाले वृक्ष घर पर ना लगाए |

8 भाव-मिट्टी का खाली बर्तन,लाल कपड़े व चुन्निया घर पर ना रखे |

9 भाव-गाने बजाने का समान,रेडियो,घड़ी इत्यादि ठीक रखे खराब ना होने दे |

10 भाव-शराब व मांस प्रयोग ना करे,तुलसी व मनीप्लांट घर पर ना लगाए |

11 भाव-ताबीज,भभूति प्रयोग ना करे,तांबे का पैसा छेद कर गले मे धारण करे |

12 भाव- स्टील का छल्ला (बिना जोड़ वाला) मध्यमा उंगली मे धारण करे |


शुक्र ग्रह को 1,6 व 9 भाव मे अशुभ माना गया हैं |

1 भाव-परस्त्री/परपुरुष से संबंध ना रखे |

6 भाव-केवल एक संतान वाले परिवार से विवाह संबंध ना करे,नंगे पैर ना चले,बारिश का पानी चांदी डालकर  घर पर कायम रखे |

9 भाव-नीम के पेड़ पर चाँदी के 9 चकोर टुकड़े दबाये |


शनि ग्रह को 1,4,5 व 6 भावो मे अशुभ माना गया हैं |

1 भाव-परिवार मे खुशी के समय ढ़ोल नगाड़े ना बजाए |

4 भाव- मजदूर की मदद करे,काले वस्त्र ना पहने |

6 भाव-चमड़े का कोई भी नया समान उसी समय ना पहनकर 6 दिन बाद पहने |


राहू ग्रह को 1,5,7,8,9,10,11 व 12 वे भावो मे अशुभ माना गया हैं |

1 भाव-बिल्ली की जेर खाकी कपड़े मे बांधकर अपने पास रखे |

5 भाव-चल-चलन सही रखे |

7 भाव-कुत्ता ना पाले |

8 भाव-दक्षिण दिशा की और रसोई ना बनाए |

9 भाव-सोना धारण करे व मंदिर जाते रहे |

10 भाव-सिर हमेशा ढक कर रखे |

11 भाव-नीला रंग प्रयोग ना करे |

12 भाव-भोजन रसोई मे ही करे व घर पर धुआं न करे |


केतू ग्रह को 3,4,5,6,व 8 भाव मे अशुभ माना गया हैं |

3 भाव –सोना धारण करे |

4 भाव-कुल पुरोहित से आशीर्वाद ले |

5 भाव- इमली धर्मस्थान मे दे |

6 भाव सोने की अंगूठी बाए हाथ मे अनामिका मे पहने |

8 भाव-घर की छत पर कुत्ता ना पाले ना जाने दे |


इस प्रकार सभी ग्रहो की अशुभता को कम कर उनसे शुभ फल प्राप्त किया जा सकता हैं |

गुरुवार, 10 सितंबर 2015

अपने व्यापार को कैसे बढ़ाए

अपने व्यापार को कैसे बढ़ाए 

ज्योतिष के ग्रंथ लाल किताब मे अपने व्यापार को बढ़ाने के कुछ खास उपाए दिये गए हैं यहाँ हम अपने व्यापारी भाइयो को कुछ ऐसे ही उपाए बता रहे हैं जिनको करने से उन्हे अवश्य लाभ होगा | हमारे जो भी व्यापारी भाई निम्न कार्य करते हैं वह इन उपायो को कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं |

सौन्दर्य प्रशाधन का कार्य –

1) ईशान कोण मे,पश्चिम मे कच्ची ज़मीन या गाय का खिलौना रखे |
2) किसी से सलाह लेकर ही काम करे,सतनाजा अथवा सरसों दान करे |
3) गुप्तांग दूध,दही से धोये,स्त्री नंगे पैर ना चले |
4) गाय,बकरी पाले या दान करे,स्त्री-ऋण हटाये |

कैशियर/खजांची –

1) बुजुर्गो के पैर छुआ करे,वर्षा का जल रखे,ज्योतिष या कविताए पढे |
2) 40 दिन हरा कपड़ा कन्याओ को दान करे |
3) शमशान घाट का पानी रखे,121 दूध के पेड़े बांटे/बहाये |
4) पूर्व,वायव्य केंद्र मे चन्द्र वस्तुए व पानी रखे |

ज्योतिष/वास्तु कार्य –

1) वायव्य,अग्नि,पश्चिम,केंद्र मे केतू वस्तुए रखे,गणेश आराधना करे |
2) सोना पहने,झूठा वादा ना करे |
3) चांदी के पात्र मे शहद भर कर रखे,कव्वे,कुत्ते को मीठी रोटी दे |
4) ईश्वरीय-ऋण हटाये |

राजनीति-

1) नारियल,तेल,बादाम मंदिर मे दे, मुँह मीठा कर हर कार्य करे |
2) अन्धो को भिक्षा दे,तांबे के टुकड़े दबाये |
3) पहली रोटी अग्नि को डाले,स्व-ऋण यज्ञ करे |
4) आग पर दूध के छींटे मारे,40 दिन सूर्य नमस्कार करे |

शेयर बाज़ार/सट्टा –

1) केंद्र मे हरा रंग ना रखे,वायव्य कोण मे धार्मिक समान रखे |
2) “ॐ श्री गुरुवे नमः” रोजाना 108 बार जपे,पीपल पर दीपक जलाए |
3) मिट्टी के घड़े मे मूंग साबुत नारियल रखकर बहाये | पीला धर्मस्थान मे खूब दान करे |
4) केसर तिलक लगाए,पीला पहने,पित्र-ऋण हटाये |

सुरक्षा कार्य/सिक्यूरिटी –

1) ईशान व दक्षिण कोने मे लाल रंग,नीम का पेड़ व मिठाई ना रखे |
2) चिड़ियो को मीठा दान करे/खिलाये,दक्षिणमुखी ना रहे |
3) चांदी की ईट घर पर रखे,मंदिर मे बताशे दान करे |
4) कीकर के पेड़ पर पानी डाला करे व मुफ्त मे किसी से कुछ ना ले |

सलाहकार/एड्वाइजर-

1)दक्षिणमे/ईशानमे/पूर्वमे व उत्तर मे मनोरंजन का समान,तथा केतू वस्तुए (कंबल,गणेश,केला,तिल) आदि ना रखे |
2) सोना पहने,कंबल दान करे,चांदी मे शहद वीरान ज़मीन मे दबाये |
3) ईश्वरीय ऋण हटाये |
4) गाय,कुत्ते व कव्वे को रोटी दे |

दवा संबंधी कार्य/मेडिकल कार्य-

1) कीकर के पेड़ पर 40 दिनो तक पानी डाले |
2) चने की दाल/पीले मोती मंदिर मे दान करे |
3) केसर तिलक लगाए व काला ना पहने,पित्र ऋण हटाये |
4) 40 दिनो तक तांबे का पैसा बहाये | किसी के आगे हाथ ना फैलाये |





सोमवार, 7 सितंबर 2015

प्रश्न शास्त्र मे चन्द्र

प्रश्न शास्त्र मे चन्द्र

प्रश्न के समय चंद्रमा की स्थिति के अनुसार प्रश्नकर्ता क्या पूछना चाहता है इसका पता चंद्रमा की अवस्था के द्वारा जाना जा सकता हैं क्यूंकी चन्द्र की अवस्था के अनुसार ही प्रश्नकर्ता की जिज्ञासा होती हैं इसके लिए चंद्रमा की अंश कला को दुगना कर पाँच से भाग देने पर चन्द्र की 12 अवस्थाए प्राप्त होती हैं जिनके अनुसार प्रश्नकर्ता की जिज्ञासाए होती हैं जो की निम्न प्रकार की हैं |

प्रवाह अवस्था-विदेश यात्रा,ऋण या धन संबंधी जिज्ञासा |

भव अवस्था-शत्रुभय,मृत्युभय,बंधन या अनहोनी |

मरण अवस्था-मृत्यु,दुर्घटना,वाद विवाद,लड़ाई झगड़ा |

जय अवस्था-हारजीत,मुक़द्दमा,परीक्षा,चुनाव |

हास्य अवस्था-सुख सुविधा,भवन या वाहन |

रवि अवस्था-स्त्री,प्रेमिका,मित्रा,लाभ हानी |

क्रीडा अवस्था-संतान,परिवार सुख,लाभ |

सुप्त अवस्था-व्यापारिक लाभ,उधारी प्राप्त करने,कर्मचारियो या साझेदारों की चिंता |

मुक्त अवस्था-सुख दुख लाभ हानी मे चिंता |

ज्वर अवस्था-निकटजन के रोग |

प्रकंपित अवस्था-कष्ट परेशानी व चोट

स्थिति अवस्था-पुत्र प्राप्ति,परिजनो व मित्रो का सहयोग |