सोमवार, 7 सितंबर 2015

प्रश्न शास्त्र मे चन्द्र

प्रश्न शास्त्र मे चन्द्र

प्रश्न के समय चंद्रमा की स्थिति के अनुसार प्रश्नकर्ता क्या पूछना चाहता है इसका पता चंद्रमा की अवस्था के द्वारा जाना जा सकता हैं क्यूंकी चन्द्र की अवस्था के अनुसार ही प्रश्नकर्ता की जिज्ञासा होती हैं इसके लिए चंद्रमा की अंश कला को दुगना कर पाँच से भाग देने पर चन्द्र की 12 अवस्थाए प्राप्त होती हैं जिनके अनुसार प्रश्नकर्ता की जिज्ञासाए होती हैं जो की निम्न प्रकार की हैं |

प्रवाह अवस्था-विदेश यात्रा,ऋण या धन संबंधी जिज्ञासा |

भव अवस्था-शत्रुभय,मृत्युभय,बंधन या अनहोनी |

मरण अवस्था-मृत्यु,दुर्घटना,वाद विवाद,लड़ाई झगड़ा |

जय अवस्था-हारजीत,मुक़द्दमा,परीक्षा,चुनाव |

हास्य अवस्था-सुख सुविधा,भवन या वाहन |

रवि अवस्था-स्त्री,प्रेमिका,मित्रा,लाभ हानी |

क्रीडा अवस्था-संतान,परिवार सुख,लाभ |

सुप्त अवस्था-व्यापारिक लाभ,उधारी प्राप्त करने,कर्मचारियो या साझेदारों की चिंता |

मुक्त अवस्था-सुख दुख लाभ हानी मे चिंता |

ज्वर अवस्था-निकटजन के रोग |

प्रकंपित अवस्था-कष्ट परेशानी व चोट

स्थिति अवस्था-पुत्र प्राप्ति,परिजनो व मित्रो का सहयोग |




1 टिप्पणी:

Ashutosh Joshi ने कहा…

प्रणाम महाराज
एक उदाहरण भी साथ होता तो समझने में आसानी होती।
9899431420
आशुतोष जोशी