शनिवार, 2 अप्रैल 2011

जय हिंद ...जय हिंद ....जय हिंद ...जीतो इंडिया जीतो

सुप्रभात मित्रो

ये कविता हमारे मित्र विश्वनाथजी ने भारत की जीत की कामना करते हुए भेजी है |

कर लो , ले लो  ..बस एक और जीत  
बन जाओ तुम फिर से हमारे मीत
एक मौका और है ..कर लो हमसे प्रीत
रात सुबह गायेंगे तुम्हारे लिए हम गीत

इंडिया इंडिया गाते हमको मिलेगी राहत
कप जीतो हँसते तुम सब - एक हमारी चाहत
एक एक कर के रणनीति से, सबको दी है मात
जोर लगाओ बढ़ जाओ आगे, मारो लंका को लात


सब है इस आशा में , क्या कुटिया, क्या  मकान
लायेगा सबके चेहरे पर, टीम इंडिया मुस्कान
आज दिखा दो दुनिया को खेल हमारी जान
लहराए हर गली कूंचे में, तिरगा अपनी शान

विश्व विजेता बनो यह अवसर है महान
ले लो कप बस यही , सब जन का फरमान
जय हिंद ...जय हिंद ....जय हिंद ...जीतो इंडिया जीतो
जय हिंद ...जय हिंद ....जय हिंद ...जीतो इंडिया जीतो

 

--- विश्वानि , अप्रैल , २०११

1 टिप्पणी:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत बढ़िया रचना!
--
टीम इण्डिया ने 28 साल बाद क्रिकेट विश्व कप जीतनें का सपना साकार किया है।
एक प्रबुद्ध पाठक के नाते आपको, समस्त भारतवासियों और भारतीय क्रिकेट टीम को बहुत-बहुत शुभकामनाएँ प्रेषित करता हूँ।