1)सरकारी नौकरी - सूर्य और चंद्रमा दशमस्थ,सूर्य और शनि दशमस्थ होने पर कुछ समस्याओं से जूझने वाला राज कार्य अर्थात सरकारी पद दिलाते हैं | सूर्य और गुरु का दशम भाव में योग न्यायपालिका में श्रेष्ठ पद प्राप्ति योग होता है |
2)आई ए एस अधिकारी - उच्च राशिस्थित या बली सूर्य दशमस्थ हो या दशम भाव से संबंध स्थापित करें व गुरु से युक्त हो तो आईएएस अधिकारी बनने का श्रेष्ठ योग बनता है |प्रतियोगिता का कारक बुध माना जाता है इसलिए यदि राजयोग कारक सूर्य गुरु मंगल भी बली हो तो आईएएस आईपीएस होना बुध ग्रह से प्रभावित जातकों के लिए सरल हो जाता है |
3)सीबीआई ऑफिसर - सीबीआई ऑफिसर की कुंडली में शनि राहु पर शुभ ग्रह का प्रभाव होना चाहिए साथ ही अष्टम भाव व मंगल के बल की भी नापतोल करनी होगी |
4)सेना या पुलिस में कैरियर - राशियों में अग्नि तत्व राशिया मेष सिंह धनु भावो मे लग्न,तृतीय,षष्ठ व दशम भाव तथा ग्रहों में मंगल सूर्य राहु केतु का शुभ व बली होने की शर्त होती है |
5)पायलट - कुंडली में वायु तत्व राशियां बली हो तथा इन राशियों के स्वामी अधिकतर चर राशियों में स्थित हो तथा इस द्विस्वभाव राशियों से भी संबंध रखते हो | कुंडली में तीसरा दशम भाव व अष्टम भाव विशेष बली हो तथा लग्न अग्नि तत्व राशि हो और इसके स्वामी का वायु तत्व राशि से संबंध हो या यह वायु तत्व राशि में स्थित हो |
6)गुप्तचर विभाग - यदि राहु का दशम भाव लग्न व सूर्य से संबंध हो तो जातक गुप्तचर बनता है | यदि अस्टमस्थ मंगल बली हो तो जासूसी योग्यता होने से जटिल मामलों को सुलझाने में सफलता मिलती है | इसलिए जातक को गुप्त सेवा सीबीआई या आर्मी के ऐसे विभाग में सफलता प्राप्त करते हुए देखा गया है जहां इस प्रकार की योग्यता की
आवश्यकता होती है | अष्टम भाव में मंगल एवं राहु की युति गुप्तचर बनने के लिए श्रेष्ठतम योग होता
है |
7)यात्रा संबंधित व्यवसाय - शनि बुध व चंद्रमा की युति द्वादश या अष्टम भाव में होने से जातक इस प्रकार के व्यवसाय से जुड़ता है जिनमें भ्रमण करना पड़ता है | चतुर्थ भाव अशुभ होता है जबकि द्वादश भाव में राहु स्थित होता है |
8)आयात निर्यात के व्यवसाय में भी शनि चंद्र की युति के अतिरिक्त दशमस्थ व द्वादश राहु की भूमिका सर्वोपर्री है |
9)मर्चेंट नेवी - अधिकतर ग्रह जल राशियों व तीसरे छठे आठवें व द्वादश भाव में होते हैं तथा शुक्र व चंद्रमा की स्थिति भी शुभ होती है |
10)रुकावटो के साथ आय
- द्वितीय भाग कमजोर होता है | शनि और मंगल का योग आय प्राप्ति में रुकावट उत्पन्न करता है यदि यह योग एकादश भाव में बन रहा हो तो जातक झूठ बोलकर धन कमाता हैं | यदि इस ग्रह योग पर गुरु शुक्र की दृष्टि पड़ रही हो तो जातक काफी जमीन जायदाद भी प्राप्त कर लेता है | लग्न में वक्री मंगल भी आय में व्यवधान उत्पन्न करता है चतुर्थ भाव में वक्री शनि का सभी इसी प्रकार का भाव होता है |शनि मंगल व केतु की युति से कानूनी पेचीदगियों में कारण व्यावसायिक
जीवन में कठिनाइयां झेलनी पड़ती हैं |
11)लेखन कार्य - इस प्रकार के व्यवसाय में वांछित योग्यता के लिए तृतीय भाव बुध तथा लेखन के देवता गुरु की युति श्रेष्ठ परिणाम देती है | लेखन कार्य में कल्पना शक्ति की आवश्यकता रहती है इसीलिए कल्पना कारक चंद्रमा की शुभ स्थिति भी वांछित है |
12)कांट्रेक्टर - यदि कुंडली में शनि बलवान होकर लगनस्थ हो तथा द्वित्तीय व दशम भाव में से
संबंध बनाए तो जातक कौनट्रैक्टर के व्यवसाय को अपनाता है |
13)बैंकिंग या फाइनेंस कंपनी
- शनि शुक्र व गुरु का शुभ ग्रह योग बैंकिंग इंडस्ट्री फाइनेंस कंपनी व पैसा उधार
देने वाला व्यवसाय के लिए उत्तम है |
14)वित्तीय सलाहकार - बेहतर फाइनेंशियल मैनेजमेंट स्किल्स हेतु कन्या लग्न के जातक की कुंडली में बुध का दशम भाव से संबंध श्रेष्ठ योग होता है गुरु और शनि का शुभ होना इन्हे श्रेष्ठतम वित्तीय सलाहकार बना देता है |
15)छोटी नौकरी – द्वित्तीय व एकादश भाव के कमजोर होने तथा दशम भाव से शनि व बुध का संबंध होने से नौकरी दास कार्य आदि का योग माना जाता है |यदि इस ग्रह योग पर गुरु व शुक्र का भी प्रभाव पड़ रहा हो तो नौकरी में कुछ समय पश्चात उन्नति भी होने लगती है |
16)अकाउंटेंट - यदि गुरु बली हो तथा द्वितीय व एकादश भाव साधारण बली हो तथा गणित के कारक बुध की स्थिति शुभ हो तो जातक अकाउंटेंट बनता है |
17)तकनीकी क्षेत्र - शुक्र मंगल व शनि की युति इस प्रकार के व्यवसाय के लिए बेहतर मानी जाती है इन ग्रहों पर गुरु की दृष्टि होने से ऐसा जातक विशेष सफलता प्राप्त करता है |
18)रियल एस्टेट - मंगल शनि व बुध का योग इस व्यवसाय के लिए उपयुक्त होता है मंगल के अशुभ होने पर साझेदारों में बार-बार झगड़े होते हैं | मंगल शुभ ग्रहों के प्रभाव में आने पर इस व्यवसाय में विशेष सफलता का कारक बनता है |
19)इंजीनियर - इस प्रकार के व्यवसायियों
के लिए मंगल शनि गुरु की युति उत्तम मानी जाती है पंचम व दशम भाव पर शनि मंगल व राहु का प्रभाव भी इस प्रकार के व्यवसाय में अग्रसर करता है |
20)कंप्यूटर इंजीनियर – इस व्यवसाय में सफलता हेतु दशमेश केतु विशेष फलदाई होता है सॉफ्टवेयर प्रोग्रामिंग में बुध गुरु मंगल का बली होना भी आवश्यक है |
21)विशेषज्ञ विश्लेषक व शोध - गुरु शनि और बुध की युति शुभ होती है अष्टम भाव में बलि ग्रहों का योग या बलि अष्टमेष गुप्त शक्ति व रिसर्च ओरिएंटेड मस्तिष्क देता है |
22)वैज्ञानिक - वैज्ञानिक बनने के लिए लग्नेश पंचमेश और अष्टमेश भाग्येश,सूर्य बुध व शुक्र का दशम भाव व बलवान शनि से संबंध होना परम आवश्यक है |
23)गणितज्ञ – गणित विद्या का कारक बुध होता है इसलिए कुशल गणितज्ञ बनने के लिए जातक की कुंडली में बुध गुरु अतिरिक्त पंचम भाव विशेष बलि होने चाहिए |
24)कलाकार - मिथुन तुला और धनु राशि बलि होनी चाहिए, शुक्र बुध व चंद्रमा विशेष बली होने चाहिए |
25)हास्य कलाकार - हास्य कलाकार बनने के लिए मिथुन कन्या धनु मीन राशि बलवान होनी चाहिए इसके अतिरिक्त बुध चंद्रमा की युति व शुक्र का बली होकर इन राशियों से संबंध होना चाहिए |
26)अभिनेता - बुध शुक्र व मंगल की युति तथा चंद्रमा की दृष्टि कलाकार के लिए और अधिक शुभ हो योग होता है यह योग अभिनेताओं के लिए शुभ होता है |
27)संगीतज्ञ - गायक बनने के लिए जातक की कुंडली में द्वितीय तृतीय व पंचम भाव से शुक्र बुध व चंद्रमा का संबंध वांछित है क्योंकि दूसरे भाव से वाणी व सरस्वती कृपा तथा तृतीय भाव से आवाज की गुणवत्ता का पता चलता है इसलिए इन भावों के स्वामियों पर शुभ ग्रहों का प्रभाव होना चाहिए और विशेष रूप से शुक्र व चंद्रमा का प्रभाव होना चाहिए गायकी मेंअभिव्यक्ति के स्तर को अच्छा करने के लिए बुध ग्रह का बल महत्वपूर्ण होता है | श्रेष्ठ नर्तक
बनने के लिए शुक्र बुध के अतिरिक्त सूर्य मंगल व लग्न को भी बलि होना चाहिए |
28)संपादक (इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ) - इस व्यवसाय के लिए मंगल बुध गुरु के अतिरिक्त शुक्र का महत्व अधिक है तथा भावो में लग्न वित्तीय व तृतीय तीनों के बली होना आवश्यक है |
29)न्यूज़ रीडर के लिए द्वितीय भाव लग्न बुध व गुरु बली होना चाहिए क्यूंकी न्यूज़ रीडर का कार्य एक जगह स्थिर होकर बोलना है इसलिए फोकस और स्थिर बैठने के लिए शनि का भी लग्न व लग्नेश
पर प्रभाव वांछित है
30)एंकर - सफल एंकर बनने के लिए शुक्र बुध चंद्र व गुरु का महत्व सर्वोपरि है |
31)रेडियो जॉकी - कुशल रेडियो जॉकी बनने के लिए जातक का वाकपटु होना तथा तुरंत निर्णय लेकर धारा प्रवाह बोलना व अपनी वाणी में हास्य व्यंग व अभिव्यक्ति की योग्यता होनी नितांत आवश्यक है जिसके लिए बुध गुरु चन्द्र,वाणी का द्वित्तीय भाव तथा अभिव्यक्ति के तृतीय भाव के अतिरिक्त कारक राशियों जैसे मिथुन व कन्या का बली होना आवश्यक है | द्वितीयेश लग्नेश व
दशमेश की युति शुभ भाव मे हो तथा गुरु से दृष्ट हो तो भी कुशल रेडियो जॉकी बने |
32)फिल्मी करियर फिल्मी करियर में सफलता हेतु शुक्र बुध चंद्र व बल व योग के अतिरिक्त प्रथम द्वितीय व तृतीय भाव तथा राशियों में मिथुन कन्या अक्सर बली पाई गई है साथ ही इनका दशम भाव दशमेश अथवा कारक से संबंध अवश्य होता है |
33)इंटीरियर डिजाइनर - बेहतर इंटीरियर डिजाइनर बनने के लिए कुंडली में शुक्र चंद्र गुरु के अतिरिक्त तृतीय चतुर्थ पंचम भाव को बलि होना चाहिए |
34)फैशन डिजाइनर – शुक्र चन्द्र गुरु व बुध इन सभी ग्रहों का शुभ योग या शुभ भावों में स्थिति के अतिरिक्त द्वितीय तृतीय व पंचम भाव बली होना चाहिए |
35)ग्राफिक डिजाइनर्स - कुशल ग्राफिक डिजाइनर बनने के लिए मंगल चंद्रमा शुक्र के पंचम भाव विशेष बलि होना चाहिए |
36)पेंटिंग आर्टिस्ट - पेंटर
बनने के लिए केतु बुध शुक्र और चंद्र के अलावा तृतीय व पंचम भाव महत्वपूर्ण होते
हैं |
37)फोटोग्राफर - फोटोग्राफर
की कुंडली में शुक्र व चंद्र का महत्व सर्वाधिक है |
38)आर्किटेक्ट व्यवसाय के लिए शनि सर्वाधिक महत्वपूर्ण ग्रह होता है क्योंकि योजना निर्माण व ढांचे की परिकल्पना का कारण शनि ही होता है मंगल व शुक्र भी महत्वपूर्ण होते हैं |
39)खिलाड़ी मंगल गुरु की युति धनु या कन्या राशि में सफल अथिलीट बनने की योग्यता देती है खेल जगत में सफल करियर के लिए कन्या लग्न में मंगल बुध राहु के अतिरिक्त पंचम भाव व धनु राशि की स्थिति वांछित है |
40)भाषा विद - भाषा पर अधिकार हेतु बुध गुरु केतु के अतिरिक्त द्वित्तीय व तृतीय भाव बली होने चाहिए |
41)विदेशी भाषा - विदेशी भाषा का कारक शनि होता है जब शनि का लग्न लग्नेश द्वितीयेश
व गुरु शुक्र से संबंध हो व केतु व बुध भी भली हो तो जातक अन्य भाषाओं का ज्ञाता होता है |