गुरुवार, 10 जून 2021

who will win French open semifinal (Nadal or Djokovich)


हु विल विन फ्रेंच ओपन सिंगल (semifinal)

Rafel nadal or Novak djokovich 





राफेल नडाल और नोवेक जोकोविच के बीच फ्रेंच ओपन सिंगल्स सेमीफाइनल खेला जाना है,पिछले वर्ष भी इन्हीं दोनों का मुकाबला सेमीफाइनल में हुआ था जिसमें राफेल नडाल ने नोवेक जोकोविच को हराकर फाइनल में प्रवेश किया तथा फ्रेंच ओपन फाइनल भी जीता था | 


इस वर्ष चल रही प्रतिस्पर्धा में यह दोनों खिलाड़ी पिछले वर्ष की भांति फिर से एक बार सेमीफाइनल में भिड़ेंगे देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस बार भी क्या नडाल अपना करिश्मा दोहरा पाएंगे | 

हमने इसी प्रश्न को प्रश्न कुंडली के माध्यम से जानने का प्रयास किया कि इस सेमीफाइनल का विजेता कौन हो सकता है | 

10 जून 2021 22:03 दिल्ली में प्रश्न कुंडली बनाने पर हमें निम्न तथ्य प्राप्त होते हैं | 

प्रश्न कुंडली मकर लग्न की बनी है जिसमें शनि वक्री अवस्था में लग्न में ही स्थित है हमने अपने प्रश्न का आधार राफेल नडाल बना कर रखा है जो लग्न से देखा जाएगा उसके विपक्षी नोवाक जोकोविच को सातवें भाव अर्थात कर्क राशि से देखा जाएगा | 

लग्न में लग्नेश शनि का वक्री होकर बैठना स्पष्ट रूप से बता रहा है कि एक बार पुनः राफेल नडाल ही विजेता बनेंगे तथा वह यह प्रतियोगिता फाइनल भी जीत जाए तो कोई आश्चर्य नहीं होगा परंतु जहां तक प्रश्न कुंडली की बात है प्रश्न कुंडली में सप्तम भाव में मंगल का होना तथा सप्तमेश चंद्रमा का उच्च का होना बहुत ही कठिन मुकाबले की ओर इशारा कर रहा है | 

चंद्रमा अर्थात सप्तमेश पर कई ग्रहों का प्रभाव है जो विपक्षी नोवाक जोकोविच को कुछ ऐसी गलती करवाता नजर आ रहा है जिससे वह अंततः हार का सामना करेंगे यहां एक तथ्य को और भी ध्यान में रखना होगा शनि दूसरे भाव के स्वामी भी हैं जो लग्न में ही वक्री अवस्था में है जो राफेल को लाभ होना निश्चित कर रहे हैं वही यदि एकादश भाव के स्वामी मंगल को देखें तो वह भी राफेल नडाल के धन भाव को देख रहा है इससे स्पष्ट है कि अंततः जीत राफेल नडाल की ही होती दिखाई दे रही है परंतु शनि मंगल का दृष्टि संबंध अत्याधिक कठिन और देर तक चलने वाला मुकाबला बता रहे हैं | 

Rafel nadal will win 



 

बुधवार, 2 जून 2021

मंगल के इस गोचर से हो जाइए सावधान (2 June -20 July 2021)



आकाश में भ्रमण (गोचर) करते हुए जब कोई ग्रह राशि परिवर्तन करता है तो उसका प्रभाव किसी ना किसी रूप
मे धरती पर पड़ता ही है अब यदि वह ग्रह अन्य किसी ग्रह से किसी भी प्रकार से सम्बंध बनाता है तो उन दोनों का मिश्रित प्रभाव हमे उनसे दृष्टिगत राशि,निमित राशि आदि पर दिखाई पड़ता है जिससे धरती पर अच्छे या बुरे प्रभाव प्राप्त होते है |

भूतकाल में देखें तो गोचर में जब भी पाप ग्रह एक दूसरे को किसी भी रूप से प्रभावित करते हैं तो धरती पर किसी ना किसी रूप में विनाशकारी प्रभाव अवश्य पड़े हैं | वर्तमान समय में शनि अपनी स्वराशि मकर में भ्रमण कर रहे हैं तथा वृष राशि स्थित राहू का उनसे दृस्टी संबंध बना हुआ हैं,कुछ ही समय बाद (2 जून 2021) को मंगल अपनी नीच राशि कर्क में प्रवेश करेंगे जिससे शनि राहु व मंगल का दृष्टि सम्बंध बन जाएगा जो कि तीनों पाप ग्रहों सम्बंध बनेगा जिससे धरती पर काफी दुपाभाव दृष्टिगोचर होंगे |

इसी शनि राहू मंगल के गोचरीय प्रभाव का अध्ययन हमने पिछले सौ वर्षों की घटनाओं में जानने का प्रयास किया तो हमें कई चौंकाने वाले तथ्य मिले |

आइए ज्योतिषीय दृस्टी से इस गोचरीय प्रभाव का अतीत की घटनाओ से अध्ययन करने का प्रयास करते हैं |

1)13/4/1919 को इस प्रभाव के कारण जलियाँवाला बाग हत्याकांड अमृतसर (भारत) में हुआ जिससे सैकड़ों निहत्थे भारतवासी मारे गए इस घटना का विश्वव्यापी प्रभाव हुआ और भारत के स्वतन्त्रता संग्राम ने और जोर पकड़ा परन्तु सैकड़ों, हजारों की संख्या में जनहानि हुई ।

(2) 01/09/1939 को विश्वयुद्ध आरम्भ हुआ जिसमें काफी जान-माल की हानि हुई व पूरा विश्व युद्ध की चपेट में आया।

(3) 06/08/1945 को जापान में अमेरीका द्वारा एटम बम के गिराए जाने से हजारों की संख्या में लोग मारे गए तथा हीरोशिमा नामक शहर आज तक उस त्रासदी से उबर नहीं पाया |

4)17/09/1945 हीरोशिमा शहर में ही आए भयानक तूफान से ओर भी व्यापक तबाही हुई थी तथा बाकी बचे अन्य लोग भी मारे गए |

5)15/08/1947 को भारत आजाद हुआ परन्तु विभाजन के कारण उस समय भी काफी नुकसान व जनहानि हुई थी जिससे आज तक भारत उस विभाजन का दुःखद परिणाम झेल रहा है पाकिस्तान का जन्म उसी विभाजन से हुआ था।

6)18/10/1962 को भारत पर चीन ने आक्रमण किया जिसमें भारत की जबरदस्त हार हुई भारत का काफी क्षेत्र चीन ने अपने कब्जे में ले लिया जिस कारण आज भी दोनों देशों में तनाव रहता है इस युद्ध में भी हमार काफी सैनिक मारे गए थे।

7)25/03/1925 अमेरीका के तीन राज्यों में समुंद्री तूफान के आनस भारी तबाही हुई सैकड़ों लोग मारे गए व हजारो घायल हुए इससे पहले भी  07/05/1840, 15/02/1884 25/04/1908 को अमेरीका के विभिन्न शहरों में आए कई सारे संमुद्री तूफानों ने भयंकर तबाही मचाई थी जिस कारण बहुत नुकसान हुआ व करोड़ों की संपत्ति की हानि व हजारों की तादाद में जनहानि हुई थी।

8) 05/06/1984 अमृतसर स्वर्ण मंदिर में इंदिरा गाँधी द्वारा ऑपरेशन ब्लू स्टार कराया गया जिससे पंजाब में काफी आक्रोश पैदा हुआ व पंजाब प्रातः आतंक की गिरफ्त में आ गया जिसकी परिणती 31/10/1984 में इंदिरा गाँधी की हत्या के रूप में हुई जिसके बाद पूरे भारत में साम्रदायिक दंगे आरंभ हुये और लगभग 3000 लोग मारे गए तथा सिख समुदाय बुरी तरह से आहत व प्रभावित हआ।

यह कुछ उदाहरण है जो शनि-मंगल-राहु के गोचर में दृष्टि प्रभाव होने से धरती पर पड़े थे वर्तमान में भारत विश्व परिवेश में देखें तो निम्न प्रभाव हमारे आंकलन द्वारा हो सकते हैं।

कर्क, तुला राशियों पर सबसे ज्यादा प्रभाव होने से इन राशियो से संबन्धित देशो मे प्राकृतिक व प्राकृतिक विनाशकारी प्रभाव जैसे आतंकी हमले,भूकंप,अग्निकांड,रेलवे हवाई दुर्घटनाएं,बाढ़,तूफान आदि हो सकते हैं विशेष तौर से कर्क राशि और तुला राशि वालों को कष्ट अथवा मृत्यु का सामना करना पड़ सकता है मंगल राहु का प्रभाव विश्व में कहीं भी विशेषकर भारतवर्ष में सांप्रदायिक दंगे करा सकता है कारण भारत की राशि कर्क है जिस पर थोड़ा ज्यादा प्रभाव बढ़ जाएगा वही तुला राशि कर्क से चतुर्थ भाव में पड़ेगी जो दोनों केंद्र को प्रभाव में ले लेगी जो कोई बड़ी अनहोनी करा सकती हैं |

दुर्घटना को जन्म दे शनि मंगल का अग्नि मारुति योग देश-विदेश में अस्थिरता का माहौल बनाएगा जिससे घटनाएं व प्राकृतिक आपदाएं बढ़ेगी | भारतीय सरकार की मुश्किलें भी बढ़ती जाएंगी क्योंकि लग्न अनुसार भारत की कर्म राशि भी कुंभ पड़ती है जो शनि की राशि है इसके स्वामी शनि पर मंगल द्वादशेश व अष्टमेश का प्रभाव पड़ेगा कोई बड़ी घुस पैठ सीमा पर हो सकती है या आतंकी हमला भी हो सकता है |

इस प्रकार कहा जा सकता है कि अगले कुछ महीने अथवा 50 दिन धरती व भारत हेतु विनाशकारी साबित हो सकते हैं |