2020 में भारत वर्ष
10/2/2019 से 10/7/2021 तक भारत में चंद्र
में शनि दशा चल रही है,चंद्रमा तृतीयेश होकर तीसरे भाव में ही है शनि भी नवमेश दशमेश होकर तीसरे भाव में ही है जो वृषभ लग्न होने के कारण योगकारक बना है जिससे भारत खनन,समुद्री,टेक्सटाइल,अन्तरिक्ष,रोबोटिक्स,खनिज पदार्थों से संबन्धित क्षेत्रो में कामयाबी पाएगा,परंतु बुध और केतु की प्रत्यंतर दशा हानि भी देगी जो कि अप्रैल से जुलाई 2020 तक का समय होगा,इस दौरान सरकार की विदेशी
प्रणाली व बैंकों के कारण बुराई भी होगी |
इस दौरान भारत मे निम्न प्रभाव भी मिलेंगे |
पाकिस्तान भारत को भड़काने का प्रयास करेगा |
औरतों से संबंधित ज्यादा कानून बनेंगे |
सेटेलाइट के क्षेत्र में भारत का डंका बजेगा |
वेद पुराण ज्योतिष लोकप्रिय होगा |
14 मई 2020 को मकर राशि में गुरु वक्री होगा तथा 30
जून 2020 को धनु राशि में वापस जाएगा | 13/9/2020 को मार्गी होकर 20/11/2020 को मकर में वापस आ जाएगा,यह अतिचारी भ्रमण कहलाता है जिसमें गुरु 33 अंश 193 दिन में चलेगा
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मंगल शनि की युति - 23/3/2020 को मकर राशि
में 30 वर्ष बाद मंगल और शनि मिलेंगे ऐसा 1992 में हुआ था | यह दोनों मकर राशि से कर्क राशि को देखेंगे
जो भारत वर्ष की राशि हैं |
इनके इस मिलन से भारत वर्ष पर निम्न प्रभाव
भारत पर पड़ेंगे |
स्थिर व जल राशि में प्रभाव कारण भूकंप आएगा |
कुछ बड़े नेता त्यागपत्र देंगे |
ब्रिटिश राजनीति बदलेगी |
प्रदर्शन बम और विस्फोट होंगे |
मजदूर संगठनों से संबन्धित कुछ होगा |
स्टेडियम सिक्योरिटी में कुछ गड़बड़ी होगी |
गुरु और शनि का मिलन 30 मार्च 2020 को मकर राशि में
होगा जो कि काफी समय तक रहेगा तथा 21/12/ 2020 को इनका अंशीय मिलन होगा जो कि 6 डिग्री 9 अंश
का कुंभ नवांश में होगा जिससे इस्लामिक दुनिया मे प्रभाव प्राप्त होंगे गुरु शनि को धार्मिकता साम्राज्यता राजपाट हेतु देखा जाता है |
3/11/2020 को अमरीकी राष्ट्रपति के चुनाव भी हैं जो दुनिया
हेतु काफी गड़बड़ी बता रहे हैं |
डोनाल्ड ट्रंप ज्येष्ठा नक्षत्र में 14/6/1946 10:45 को जमैका में सिंह लग्न में जन्मे गुरु में गुरु दशा
में राष्ट्रपति बने हैं ग्रहण के दिन पैदा हुए हैं इनकी पत्रिका में 6 भाव में ही ग्रह
स्थित होने के कारण इन्हें अचानक ऊंचाइयां मिली है,2016 में
साढ़ेसाती के दौरान यह राष्ट्रपति बने नवंबर 2020 में इनके दोबारा लड़ने के योग बन रहे
हैं इनका मुकाबला मार्क पेन्स से होगा |
वक्री ग्रहों का प्रभाव
गुरु 15/5/2020 से 13/9/2020 तक तथा शनि 12/5/2020 से 29/9/2020 तक वक्री हो जाएंगे जिससे 29 जून 2020 तक दोनों ग्रह मकर राशि में वक्री रहेंगे परंतु गुरु का नीचभंग भी रहेगा |
इसके निम्न प्रभाव होंगे |
शेयर बाजार में हलचल रहेगी |
सोना पेट्रोल खनिज घटेंगे |
रुपए में सुधार होगा तथा बड़े उद्योगों में तेजी आएगी
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11/9/2020 से 13/9/2020 के बीच तीन ग्रह वक्री होंगे
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गुरु धनु,शनि मकर
तथा मंगल कुंभ में वक्री होंगे,1-5 अग्नि राशि प्रभाव में रहेगी जिससे थोड़ी बहुत दिक्कत होगी
2020 में 6 ग्रह वक्री रहेंगे |
जून महीने में दो ग्रहण पड़ेंगे जिसमें से पहला ग्रहण
6 जून 2020 को चंद्र ग्रहण के रूप में होगा तथा ज्येष्ठा नक्षत्र के दूसरे चरण में
वृश्चिक राशि के तीसरे द्रेष्कोण में पड़ेगा,इसी समय 3 ग्रह वक्री होंगे,जलीय राशि मे
ग्रहण होने से इसके प्रभाव से समुद्री तूफान,तूफान से
नुकसान,लोगों का डूबना तथा सुनामी आ सकती है |
21 जून 2020 को सौरग्रहण मृगशिरा नक्षत्र के चौथे चरण में मिथुन
राशि के पहले द्रेष्कोण मे पड़ेगा यह ग्रहण वायु राशि मे होने तथा तीन ग्रह के वक्री होने से भूकंप,चोरी,धोखा,स्कैंडल,रेल दुर्घटना,हवाई दुर्घटना,विस्फोट,गैस लीक,ज्वालामुखी फटना,भू स्खलन तथा गोलीबारी जैसे हालात धरती
पर दिखेंगे |
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