मुहूर्त ज्ञात करने की विधि
वार,नक्षत्र,तिथि एवं लग्न का योग कर 9 से भाग दे जो शेष आए उसका निम्न फल हो |
1)व्यवधान,भय,पीड़ा से ग्रसित
2)प्राकृतिक घटनाओ से विघ्न पड़े
3)सफलता मिलेगी
4)असफलता व अशुभता
5)शुभफल मिलेंगे
6)अशुभ फल मिलेंगे
7)सफलता व सिद्दी
8)रोग शोक संभावित
9)शुभ फल की सूचना
1)वार रविवार से गिने (1-7)
2)नक्षत्र अश्विनी से रेवती (1-27)
3)तिथि प्रथमा से पुर्णिमा (1-14)अमावस्या 30 मानी जाएगी |
4)लग्न मेष से मीन (1-12)
उदाहरण सोमवार,कृतिका नक्षत्र,प्रथमा तिथि और मेष लग्न होने पर मुहूर्त हुआ =2+3+1+1=7 अर्थात सफलता व
सिद्दी मिलेगी |
1 टिप्पणी:
गुरु जी 9 से भाग भी दे दिया क्या
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