लाल
किताब सावधानिया .............
सूर्य
7/8 भाव मे -सुबह शाम का दान ना करे विष के समान होगा |
सूर्य,चन्द्र 11 भाव मे –शराब व कबाब का सेवन ना करे अन्यथा आर्थिक स्थिति खराब
होगी |
सूर्य
बुध 11 भाव मे- घर पर कोई किरायेदार ना रखे |
चन्द्र 1(प्रथम)
भाव मे -मुफ्त मे कुछ ना ले दान व रिश्वत भी नहीं |
चन्द्र 2
भाव -मंदिर मे घंटा ना बजाए |
चन्द्र 4
भाव गुरु भाव 10 मे -धर्मशाला,मंदिर आदि ना बनाए
ना इनके निर्माण हेतु
दान करे अन्यथा जेल होगी |
चन्द्र 6
भाव मे -कुआँ या प्याऊ ना लगवाए/बनाए |
चन्द्र12
भाव मे -साधू फकीरो को भोजन ना कराये ना ही मुफ्त मे किसी को पढ़ाये |
मंगल 4 भाव
मे -वस्त्र दान ना करे |
मंगल 6 भाव
मे - पुत्र का जन्मदिन ना मनाए | नमकीन बांटे मीठा
नहीं |
बुध 4 भाव
मे -तोता ना पाले अन्यथा माँ को कष्ट मिले |
बुध
6-मानसिक श्रम से कमाए,शारीरिक श्रम से नहीं |
गुरु 7 भाव
मे -रेडीमेड वस्त्र दान ना करे/घर पर मूर्तिया,शंख व घंटी रखकर पुजा ना करे |
गुरु 5 भाव
मे -धन का दान ना करे |
गुरु 9 भाव मे -मंदिर निर्माण अथवा धार्मिक कार्य के लिए
दान नहीं करना चाहिए |
गुरु 12 भाव
मे -साधू संगत ना करे /माला ना पहना करे |
शुक्र 4 भाव
मे –द्वि-विवाह योग/पत्नी से दोबारा विधि विधान से विवाह करे |
शुक्र 6 भाव
मे –माँ-बाप की इकलौती संतान से विवाह ना करे |
शुक्र 7 भाव
तथा राहू 8 भाव मे -पत्नी को काले व नीले कपड़े ना पहनने दे |
शुक्र 9 भाव
मे -गरीबो,अनाथों को पुस्तके,व पढ़ाई के लिए पैसा ना दे,बच्चा गोद ना
ले |
शुक्र 10
भाव मे -पत्नी ज़्यादा कामी/संतान उत्पत्ति मे बाधा/गौ दान करे |
शुक्र 12
भाव मे -पत्नी बीमार रहे/वीरान ज़मीन मे नीले फूल दबाये |
शनि
1/गुरु 5 भाव मे -ज़रूरत मंदो के ज़्यादा मदद ना करे,तांबे का दान ना करे |
शनि 8 भाव
मे- धर्मशाला का निर्माण ना कराये/ज़्यादा परोपकारी व धार्मिक ना बने,भोजन वस्त्र या जूते आदि दान ना करे,मकान ना बनाए |
शनि 6 भाव
मे-सेहत खराब रहे,सरसों का तेल चेहरा देखकर खड़े पानी मे
दबाये/6 नारियल,अखरोट जल प्रवाह करे |
राहू 2 भाव
मे -तेल व चिकनाई वाली वस्तुओ का दान ना करे,अकेले मंदिर
ना जाये |
केतू 7 भाव
मे -लोहे का दान ना करे |
केतू 3 भाव
मे -दक्षिणामुखी घर पर ना रहे |
कालपुरुष
की कुंडली के अनुसार ऊंच ग्रह का दान ना करे तथा नीच ग्रह का दान ना ले |
गुरु और
शनि 5 भाव मे-शराब ना पिये |
सूर्य 11
भाव मे शाकाहारी बने व ईमानदार रहे |
मंगल 5 भाव
मे -बुरे स्वप्न/पानी का पात्र सिरहाने रखकर सोये सवेरे किसी गमले मे डाल दे |
दूसरा
भाव खाली व अष्टम मे शनि हो अन्यथा 6,8,12 मे शत्रु ग्रह
और 2 खाली –मंदिर ना जाए
कहीं भी
बुध-शुक्र एक साथ हो -गद्दे मे ना सोये |
चन्द्र-केतू
एक साथ-पेशाब के ऊपर पेशाब ना करे |
4,9 व 14 तिथि को कोई नया काम ना करे ये तिथियाँ रिक्ता तिथि होती हैं जिनमे
कोई कार्य सिद्द नहीं होता हैं |
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