गुरुवार, 29 अक्टूबर 2015

लाल किताब व वैवाहिक सुख

लाल किताब व वैवाहिक सुख

लाल किताब मे वैवाहिक सुख के लिए शुक्र,मंगल और गुरु की स्थिति देखकर निष्कर्ष निकाला जाता हैं की विवाह पश्चात वैवाहिक जीवन कैसा रहेगा | शुक्र से पत्नी की सुंदरता,वीर्य,निरोगी काया व काम संबंधो की प्रवर्ति तथा गुप्तरोग को देखा जाता हैं | मंगल से भोग सुख,अप्राकृतिक मैथुन,अपमान,कुंठा तथा आपसी विरोध का पता लगाया जाता हैं तथा गुरु से पति की आयु,सुख-सौभाग्य,संतान जन्म व संतान सुख तथा भावी जीवन की धन-संपति व समृद्धि की स्थिति देखी जाती हैं | यदि इनमे से किसी भी ग्रह की स्थिति पति-पत्नी दोनों मे से किसी की भी कुंडली मे शुभावस्था मे ना हो तो वैवाहिक जीवन मे कटुता,कठिनाईया व परेशानीयां लगी रहती हैं | यदि पति पत्नी मे से किसी के भी जीवन मे वैवाहिक सुख मे कमी किसी भी कारण हो रही हो तो वह यहाँ दिये जा रहे उपायो को कर के अपने वैवाहिक जीवन को बिगड़ने से बचा सकता हैं |

मंगल के कारण यदि ग्रह क्लेश,रोग(किसी एक को),तलाक संबंधी मुक़द्दमा,दुर्घटनाए व अन्य स्त्री/पुरुष से सबंध जैसी परेशानिया हो रही हो तो निम्न उपाए करे |

1)तीन धातुओ से बना छल्ला धारण करे (सोना चांदी तांबा )

2)सात मंगलवार 400 ग्राम चावल दूध से धोकर जल प्रवाह करे |

3)गुड की बनी रेवड़िया 43 दिन जल प्रवाह करे |

4)पत्नी को चाँदी की चूड़ी मे लाल रंग लगाकर पहनाए |

5)शहद व सिंदूर जल प्रवाह करे |

6)तांबे के लोटे मे चावल भरकर बाहर से लाल चन्दन लेपकर दंपति हनुमान मंदिर मे रखकर आए |

7)कुत्तो को तंदूर मे लगी मीठी रोटी खिलाये |

8)मंगलवार को लाल वस्तुए प्रयोग ना करे`|

9)मंगलवार को बताशे,बतिशा व मीठा दान करे |


शुक्र के कारण काम-संबंधी दोष,वीर्य मे कमी,मधुमेह या गुप्तांग मे रोग जैसी परेशानीयां हो रही हो तो निम्न उपाए करे |

1)किसी सफ़ेद पत्थर पर सफ़ेद चन्दन लगाकर शुक्रवार को जल प्रवाह करे |

2)कांसे के बर्तन मे गाय का घी मंदिर मे दान करे |

3)दिन मे संभोग ना करे |

4)पत्नी के वजन के बराबर हारा चारा हर माह गौशाला मे दान करे |

5)मकान की नीव मे चाँदी के पात्र मे शहद भरकर दबाये |

6)कांसे की कटोरी मे दही दान करे |

7)सुगंधित वस्तुओ का प्रयोग करे,कपड़े प्रैस किए हुये ही पहने |

8)पाँच शुक्रवार पाँच कन्याओ को दूध व मिश्री दान मे दे |


गुरु ग्रह के कारण दाम्पत्य जीवन मे तनाव हो,संतान सुख का अभाव हो तथा आर्थिक परेशानिया लगी रहती हो तो निम्न उपाए करे |

1)गुरुवार को कोई भी वस्तु जो गुरु ग्रह से संबन्धित हो ना ले |

2)धार्मिक साहित्य व पीली वस्तुए दान करे |

3)सात गुरुवार घोड़े को चने की दाल खिलाये |

4)चने की दाल गुरुद्वारे मे भंडारे हेतु दान करे |

5)आठ हल्दी की गांठ आठ गुरुवार धर्मस्थान मे रखकर आए |

6)सोना धारण करे |

इन उपायो द्वारा आप अपने वैवाहिक जीवन को ना सिर्फ टूटने से बचा पाएंगे बल्कि अपने भावी जीवन मे एक प्यार व सम्मान भरा दाम्पत्य जीवन भी जी पाएंगे ऐसा हमारा विश्वास हैं |



सोमवार, 5 अक्टूबर 2015

लाल किताब सावधानिया .............

लाल किताब सावधानिया .............


सूर्य 7/8 भाव मे -सुबह शाम का दान ना करे विष के समान होगा |

सूर्य,चन्द्र 11 भाव मे –शराब व कबाब का सेवन ना करे अन्यथा आर्थिक स्थिति खराब होगी |

सूर्य बुध 11 भाव मे- घर पर कोई किरायेदार ना रखे |

चन्द्र 1(प्रथम) भाव मे -मुफ्त मे कुछ ना ले दान व रिश्वत भी नहीं |

चन्द्र 2 भाव -मंदिर मे घंटा ना बजाए |

चन्द्र 4 भाव गुरु भाव 10 मे -धर्मशाला,मंदिर आदि ना बनाए ना इनके निर्माण हेतु 
दान करे अन्यथा जेल होगी |

चन्द्र 6 भाव मे -कुआँ या प्याऊ ना लगवाए/बनाए |

चन्द्र12 भाव मे -साधू फकीरो को भोजन ना कराये ना ही मुफ्त मे किसी को पढ़ाये |

मंगल 4 भाव मे -वस्त्र दान ना करे |

मंगल 6 भाव मे - पुत्र का जन्मदिन ना मनाए | नमकीन बांटे मीठा नहीं |

बुध 4 भाव मे -तोता ना पाले अन्यथा माँ को कष्ट मिले |

बुध 6-मानसिक श्रम से कमाए,शारीरिक श्रम से नहीं |

गुरु 7 भाव मे -रेडीमेड वस्त्र दान ना करे/घर पर मूर्तिया,शंख व घंटी रखकर पुजा ना करे |

गुरु 5 भाव मे -धन का दान ना करे |

गुरु 9 भाव मे -मंदिर निर्माण अथवा धार्मिक कार्य के लिए दान नहीं करना चाहिए |

गुरु 12 भाव मे -साधू संगत ना करे /माला ना पहना करे |

शुक्र 4 भाव मे –द्वि-विवाह योग/पत्नी से दोबारा विधि विधान से विवाह करे |

शुक्र 6 भाव मे –माँ-बाप की इकलौती संतान से विवाह ना करे |

शुक्र 7 भाव तथा राहू 8 भाव मे -पत्नी को काले व नीले कपड़े ना पहनने दे |

शुक्र 9 भाव मे -गरीबो,अनाथों को पुस्तके,व पढ़ाई के लिए पैसा ना दे,बच्चा गोद ना 
ले |

शुक्र 10 भाव मे -पत्नी ज़्यादा कामी/संतान उत्पत्ति मे बाधा/गौ दान करे |

शुक्र 12 भाव मे -पत्नी बीमार रहे/वीरान ज़मीन मे नीले फूल दबाये |

शनि 1/गुरु 5 भाव मे -ज़रूरत मंदो के ज़्यादा मदद ना करे,तांबे का दान ना करे |

शनि 8 भाव मे- धर्मशाला का निर्माण ना कराये/ज़्यादा परोपकारी व धार्मिक ना बने,भोजन वस्त्र या जूते आदि दान ना करे,मकान ना बनाए |

शनि 6 भाव मे-सेहत खराब रहे,सरसों का तेल चेहरा देखकर खड़े पानी मे दबाये/6 नारियल,अखरोट जल प्रवाह करे |

राहू 2 भाव मे -तेल व चिकनाई वाली वस्तुओ का दान ना करे,अकेले मंदिर ना जाये |

केतू 7 भाव मे -लोहे का दान ना करे |

केतू 3 भाव मे -दक्षिणामुखी घर पर ना रहे |

कालपुरुष की कुंडली के अनुसार ऊंच ग्रह का दान ना करे तथा नीच ग्रह का दान ना ले |

गुरु और शनि 5 भाव मे-शराब ना पिये |

सूर्य 11 भाव मे शाकाहारी बने व ईमानदार रहे |

मंगल 5 भाव मे -बुरे स्वप्न/पानी का पात्र सिरहाने रखकर सोये सवेरे किसी गमले मे डाल दे |

दूसरा भाव खाली व अष्टम मे शनि हो अन्यथा 6,8,12 मे शत्रु ग्रह और 2 खाली –मंदिर ना जाए

कहीं भी बुध-शुक्र एक साथ हो -गद्दे मे ना सोये |

चन्द्र-केतू एक साथ-पेशाब के ऊपर पेशाब ना करे |

भवन निर्माण कराते वक़्त बीच मे ना रोके अन्यथा राहू का वास हो जाएगा |

4,9 व 14 तिथि को कोई नया काम ना करे ये तिथियाँ रिक्ता तिथि होती हैं जिनमे कोई कार्य सिद्द नहीं होता हैं |


गुरुवार, 1 अक्टूबर 2015

लाल किताब व पीड़ित भाव

लाल किताब व  पीड़ित भाव

आपकी जन्मपत्रिका मे स्थित 12 भाव आपके भावी जीवन मे संबंधो,रिश्तेदारों का आपसे कैसा संबंध रहेगा यह बताते हैं किस प्रकार से किस भाव का संबन्धित प्राणी आप से कैसा संबंध रखेगा या आप उस संबंधी के प्रति कैसे रहेंगे यह सब पत्रिका के 12 भावो मे छुपा हुआ होता हैं | यदि आपका अपनी माँ से बहुत अच्छा संबंध हैं आप अपनी हर बात अपनी माँ से कह लेते हैं तो यह इस बात का प्रमाण हैं की आपका चौथा भाव बहुत अच्छा हैं | इसके विपरीत यदि आपके अपने ससुराल वालो से संबंध अच्छे नहीं हैं तो आपका आठवाँ घर पीड़ित अवस्था मे होगा |

इस प्रकार यदि किसी भाव से संबन्धित परेशानिया लगी रहती हो तो लाल किताब के अनुसार जातक विशेष को उस पीड़ित भाव से संबन्धित रिश्ते को ठीक कर लेना चाहिए जिससे उसे उस पीड़ित भाव के शुभ फलो की  प्राप्ति होने लगती हैं | आइये जानते हैं की किस प्रकार से रिश्तो के द्वारा आप अपने पीड़ित भाव को शुभ कर सकते हैं |

प्रथम भाव-यदि यह भाव पीड़ित हैं (स्वास्थ्य खराब रहता हैं )तो इसका सीधा सा अर्थ हैं की जातक स्वयम  का मित्र नहीं हैं | जानबूझकर गलतिया करता रहता हैं स्वयम की देखभाल ठीक से नहीं करता हैं |
उपाय-जातक खुद का दोस्त बन यह आत्म निरीक्षण करे की उसकी कौन सी आदते उसे आगे बढने से रोकती हैं | उसके शरीर को नुकसान पहुचाहती हैं उन्हे जान कर सुधार करे |

दूसरा भाव-इस भाव के पीड़ित होने से परिवार व कुटुंब मे विवाद बने रहते हैं बात बात पर क्लेश तथा झगड़ा
होता रहता है |
उपाय- नित्य अपनी आँख को शीतल जल से धोये तथा अपना अहंकार त्याग कर पूरे परिवार से विनम्रता पूर्वक व्यवहार करे छोटों से प्यार,साथ वालो से मित्रता तथा बड़ो का सम्मान करे |

तीसरा भाव-इस भाव के पीड़ित होने से भाई बहनों का सूख नहीं मिलता या भाई बहनों की स्थिति ठीक नहीं होती हैं उनका स्वस्थ भी खराब रहता हैं |
उपाय-अपने से कम उम्र के लोगो को भाई /बहन मान उनसे राखी बँधवाए या बांधे |

चतुर्थ भाव-इस भाव के खराब होने से माता का सुख नहीं मिलता हैं माँ की तबीयत हमेशा खराब रहती हैं ससुर से संबंध ठीक नहीं होते तथा मन मे हमेशा अशांति बनी रहती हैं |
उपाय-अपनी माता का सम्मान करे उनकी सुख सुविधाओ का ध्यान रख सेवा करे |यदि माँ बीमार रहती हो तो 7 वृद्ध स्त्रियो के लगातार 41 दिन चरण स्पर्श करे और विधवा आश्रम मे दान करे |

पांचवा भाव-इस भाव के पीड़ित होने प्रेम संबंधो मे असफलता,शिक्षा बाधा व संतान सुख मे कमी जैसी समस्याए होती हैं |
उपाय-इन सबके के लिए 7 गुरुवार गरीब बच्चो को गुब्बारे खेलने को दे तथा प्रत्येक वर्ष 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चो को कपड़ा दान करे |

छठा भाव –इस भाव के पीड़ित होने से मामा का सुख नहीं मिलता,रोग,ऋण व शत्रु आपका पीछा नहीं छोड़ते |
उपाय-मामा से संबंध मधुर बनाए तथा पूर्व दिशा की और सिरहाना करके सोये,गुस्सा ना करे |

सातवा भाव –इस भाव के पीड़ित होने से विवाह विलंब व वैवाहिक जीवन कष्टमय होता हैं साझेदारी मे कोई ना कोई परेशनीया लगी रहती हैं |
उपाय-अपनी स्त्री/पुरुष का सम्मान करे एक दूसरे की भावनाओ का ख्याल/सम्मान करे |

आठवा भाव –इस भाव के पीड़ित होने ससुराल पक्ष से तनाव बना रहता हैं | हर काम मे अडचन होती हैं आयु पर खतरा बना रहता हैं |
उपाय-ससुराल से मधुर संबंध बनाए सास ससुर का ख्याल रखे |

नवम भाव-इस भाव के अशुभ प्रभाव मे होने से पौत्र व साले का सुख नहीं मिलता या इनसे संबंध अच्छे नहीं होते,धार्मिक कार्यो मे रुचि नहीं रहती तथा भाग्य रूठा रहता हैं |

दसवा भाव –यदि पिता का जीवन कष्टमय हो,रोजगार की समस्या लगी रहती हो,किसी भी कार्य मे सफलता नहीं मिलती हो,काम बदलते रहते हो तो समझ लेना चाहिए की दसवा भाव पीड़ित हैं |
उपाय-नित्य पिता की पूर्ण श्रद्धा से सेवा कर आशीर्वाद लिया करे तथा वृद्ध आश्रम मे दान किया करे |

एकादश भाव –इस भाव के पीड़ित होने से  बड़े भाई का सुख नहीं मिलता,लाभ की प्राप्ति नहीं होती तथा पुत्र का वैवाहिक जीवन अच्छा नहीं रहता |
उपाय-अपने से उम्र मे बड़े लोगो का सम्मान करे तथा उनसे सलाह मशवरा किया करे |

द्वादश भाव-इस भाव के खराब होने से खर्च मे अधिकता,चाचा से संबंधो मे खराबी,नेत्र दोष व शयन सुख मे कमी रहती हैं |
उपाय-सप्ताह मे एक दिन जानवरो को हरा चारा खिलाये तथा जीवनसाथी के नाम से धन जमा करे,चाचा का मान सम्मान करे |