गुरु का सिंह राशि मे प्रवेश
आगामी 14 जुलाई प्रात: 6.26 पर गुरु ग्रह सिंह राशि मे प्रवेश
करेंगे जहां वह 7 अप्रैल 2016 तक रहेंगे गुरु का सिंह राशि मे प्रवेश धार्मिक
स्थानो,विद्वानो,ब्राह्मणो
हेतु अति शुभ माना गया हैं गुरु के इस भ्रमण से इन सबकी मान प्रतिष्ठा मे वृद्दि
होगी वही सभी प्रकार की धातुओ मे तेजी आएगी | सिंह
राशि मे गुरु का संचार होने से जहां कुछ भारतीय शास्त्र सभी शुभ कार्यो को निषेध
बताते हैं वही कुछ शास्त्र कुछ विशेष स्थानो मे अथवा गुरु के नवांश भ्रमण तक शुभ
कार्य करना वर्जित मानते हैं |
गुरु ग्रह को देवताओ का गुरु माना जाता हैं यह भी मान्यता हैं
की गुरु जहां जाते हैं उस स्थान की हानी करते हैं पिछले एक वर्ष से गुरु कर्क राशि
जो की कालपुरुष की चौथी राशि होती हैं तथा ज़मीन अथवा भूमि का प्रतिनिधित्व करती
हैं मे भ्रमण कर रहे थे जिससे पूरे विश्व मे ज़मीन अथवा भूमि की दरो मे ज़बरदस्त
गिरावट देखी गयी | भारतीय परिपेक्ष मे देखे तो कर्क भारत वर्ष की
राशि हैं जिसपर इस गुरु के भ्रमण ने भारत को एक नई सरकार प्रदान करी अथवा पुरानी
सरकार की हानी हुई |
गुरु जहां बैठते हैं वहाँ से पंचम,सप्तम व नवम भाव पर दृस्टी डालते हैं जो उन भाव के कारकत्वों को
बढ़ा देती हैं अथवा उन भावो से संबन्धित फल प्राप्त होने लगते हैं सिंह राशि मे आने
से गुरु धनु,कुम्भ व मेष राशि को दृस्टी देंगे जिनसे इन राशि के
जातको को शुभफल की प्राप्ति होगी |
आइए जानते हैं की राशि अनुसार गुरु के इस भ्रमण के क्या फल
प्राप्त होंगे |
मेष राशि-इस राशि से पंचम गोचर होने से शिक्षा संबंधी कार्यो मे
सफलता व बदलाव,संतान प्राप्ति अथवा संतान संबंधी सुखो मे वृद्दि,पूर्वानुमानों द्वारा लाभ,भाग्य
व पिता द्वारा धन लाभ,रुके हुये धन की प्राप्ति तथा मान सम्मान की
प्राप्ति हो सकती हैं |
उपाय-1)“ॐ नमो नारायणया” का जप करे |
2) गले मे सोने की चैन अथवा पीला धागा धारण करे |
वृष-इस राशि से चौथा गोचर होने से सुखो मे कमी,ग्रह क्लेश व परेशानी,गृह
स्थान मे बदलाव,वाहन से कष्ट,पैतृक
संपत्ति संबंधी विवाद,चौपायो व अधिकारियों से भय,सम्मान की हानी,नौकरो से मदद व मात्रपक्ष से लाभ जैसे हालात बनेंगे
|
उपाय-1)माँ दुर्गा की पुजा करे |
2) जब भी संभव हो पवित्र नदियो मे स्नान करे |
मिथुन-आय कम खर्च ज़्यादा,यात्राओ
मे हानी,भाई बहनो को कष्ट,घर व स्थान मे परिवर्तन,सभी
कार्यो मे देरी व पद की हानी,पड़ोसियो व सहोदरो से सहायता प्राप्त होगी,कोई विभागीय करवाही भी इनके विरुध हो सकती हैं |
उपाय-1)“ॐ ब्रह्म ब्रहस्पताए नम” का जाप करे |
2) माँ दुर्गा की पुजा करे |
कर्क-राशि से दूसरा गोचर होने से धन लाभ व उन्नति के अवसर
प्राप्त होगे,कर्ज़ मुक्ति,नयी
नौकरी व कार्यक्षेत्र मे बदलाव,धन खुशी व स्त्रीयों का साथ प्राप्त होगा,ज़मीन,मकान अथवा वाहन की प्राप्ति हो सकती हैं पूरी
प्रकृति आपका साथ देती नज़र आएगी |
उपाय-1)बिना मांगे किसी को सलाह ना दे |
2) सोने की खरीददारी न करे |
सिंह-लग्नस्थ गोचर होने से स्वास्थ्य,धन व पद की हानी हो सकती हैं,धर्म कर्म मे रुचि बदेगी,संतान
विवाह व भाग्य वृद्दि होगी,स्थान परिवर्तन,सरकार द्वारा दंड प्राप्ति व लाभ मे कमी जैसे हालात बनेंगे |
उपाय-1)नित्य “ॐ नमः शिवाय” का जाप 108 बार करे |
2)विनम्र बने व ज्ञान अर्जन करे |
कन्या-राशि से 12व गोचर होने से दौड़ धूप व खर्च ज़्यादा,परिवार से अलगाव,कर्ज़ की प्राप्ति अथवा छुटकारा,काम मे रुकावट व गुप्त चिंताए,शारीरिक व मानसिक थकान अथवा हानी झूठे इलज़ामो का सामना करना पद
सकता हैं |
उपाय-1)रात्रि भोजन के बाद सौफ़ का सेवन करे |
2)हर मंगलवार पीपल वृक्ष पर जल चढ़ाये |
तुला-लाभ स्थान से गोचर होने से लाभ की हानी अथवा उपयोग,सम्मान व धन मे बदोत्तरी,विवाह
व शिक्षा लाभ,संतान प्राप्ति,सभी कार्यो मे सफलता,व्यापार
का प्रसार व नौकरी मे तरक्की जैसे अवसर प्राप्त होने बेहतरीन समय रहेगा |
उपाय-1)रोजाना “ॐ गणपतये नमः का 108 बार जाप करे |
2)बड़े बुजुर्गो व गुरुओ का सम्मान करे |
वृश्चिक- कर्म भाव से गोचर होने से कार्यक्षेत्र मे बदलाव व
हानी,तरक्की,घर
मकान व वाहन प्राप्ति,धन लाभ व कर्ज़ से छुटकारा संभव होगा,अधिकारियों द्वारा परेशानी दी जा सकती हैं |
उपाय-1)अंधे व्यक्तिओ को मीठा दान करे |
2) )“ॐ नमो नारायणया” का जप करे |
धनु-धार्मिक कार्यों मे रुचि व खर्च,कार्यक्षेत्र मे रुतबा व प्रभाव बढ्ने जैसे हालत होंगे,भाई बहनो के घर पर किसी प्रकार का मांगलिक आयोजन,छोटी यात्राए,शिक्षा से लाभ व संतान प्राप्ति,पिता से अनबन हो सकती हैं |
उपाय-1)पुखराज रत्न धारण करे |
2)नित्य स्नान बाद विष्णु पुराण का पाठ करे |
मकर-राशि से अष्टम गुरु अज्ञात वास,दुख,शोक,तकलीफ व यात्राओ से हानी,कामों मे रुकावटे,खर्चे ज़्यादा व विदेश संबंधी योग,धन प्राप्ति व घर वाहन की खरीदव चोरो से भय जैसे हालात प्रदान
कर सकता हैं |
उपाय-1) नित्य “ॐ नमः शिवाय” का जाप 108 बार करे |
2)मंदिर मे 8 आलू दान करे |
कुम्भ–राशि से सप्तम गोचर पत्नी व भोग सुख मे कमी,पद प्राप्ति की संभावना,विवाह
योग,भाई बहनो को लाभ,धन व अच्छे भोजन की प्राप्ति,अच्छा पद व मान सम्मान,सांझेदारों
से अनबन दे सकता हैं |
उपाय-1)जीवन साथी का सम्मान करे |
2)शयनकक्ष मे धार्मिक चित्र व पुस्तके ना रखे |
मीन –कर्ज़ से मुक्ति,विवाद
आदि मे विजय,मानसिक व उदर संबंधी विकार,शत्रुओ द्वारा हानी,विदेश
से लाभ,नौकरी मे बदलाव,धन लाभ,संतान द्वारा तकलीफ़े प्रदान कर सकता हैं |
उपाय-1)ब्राह्मण को पीला वस्त्र दान करे |
2) )“ॐ ब्रह्म ब्रहस्पताए नम” का जाप करे |