बच्चे का पाया कैसे जाने
बच्चे के जन्म के बाद उसके
अभिभावक प्राय:यह जानना चाहते हैं की बच्चे का पाया कौन सा हैं यहाँ पाया शब्द पैर
शब्द से बना हैं इस पाये को ज्ञात करने के बहुत से तरीके उपयोग मे लाये जाते हैं
जिनमे मुख्यत: जन्म लग्न से चन्द्र जिस भाव मे हो उस के अनुसार पाया बताया जाता
हैं | यदि चन्द्र जन्म लग्न से पहले,छठे व ग्यारहवे भाव
मे हो तो सोने का पाया,दो,पाँच या नवे
भाव मे हो तो चांदी का पाया,तीन,सात या
दस भाव मे हो तो तांबे का पाया तथा चन्द्र यदि चार,आठ या
बारहवे भाव मे हो तो लोहे का पाया समझना चाहिए, इसमे चाँदी
का पाया सर्वोत्तम,तांबे का शुभ,साने
का सामान्य,तथा लोहे का अशुभ माना जाता हैं |
एक अन्य विधि के अनुसार
आद्रा नक्षत्र से अगले 10 नक्षत्र तक चाँदी का पाया,विशाखा से
अगले 4 नक्षत्र तक लोहे का पाया,पूर्वाषाढ़ा से अगले 7
नक्षत्र तक तांबे का पाया तथा रेवती से अगले 6 नक्षत्र तक सोने का पाया माना जाता
हैं
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें