सोमवार, 20 अगस्त 2012

बादल ओर तरंग




बादल ओर तरंग-माँ जो बादलो मे रहता हैं उसने मुझे बुलाया हम भोर सवेरे से रात अंधेरे तक खेले हम सवेरे के उजाले से रात के अंधरे चाँद तक खेले मैंने उससे पूछा मैं तुम्हारे पास कैसे आ सकता हूँ उसने कहा धरती के कोने तक आओ आकाश की ओर हाथ उठाओ बादल तुम्हें उठा लेंगे |

मैंने कहा मेरी माँ घर पर इंतज़ार कर रही होगी मैं उसे कैसे छोड़ सकता हूँ वो मुस्कुराए ओर चले गए ओर मैं घर आ गया लेकिन मैं उनसे अच्छा खेल जानता हूँ माँ मैं बादल बन जाता हूँ ओर तुम चाँद मैं अपने दोनों हाथो से तुम्हें ढक लूँगा ओर हमारा घर नीला आकाश होगा |

जो लहरों मे रहता हैं उसने मुझे बुलाया हम सवेरे से रात तक गाते रहे ओर पता नहीं कहा से कहा तक   चलते रहे मैंने उससे पूछा मैं तुम्हारे संग कैसे चलु वो बोला तट के किनारे तक आओ ओर आँखें बंद करो तुम्हें लहरे उठा लेंगी मैंने कहा मेरी माँ हमेशा मुझे घर पर चाहती हैं मैं उसे छोड़ कर कैसे आऊ वो मुस्कुराए,नाचे ओर चले गए लेकिन मैं इससे भी अच्छा खेल जानता हूँ माँ मैं एक लहर ओर तुम अंजान तट बन जाती हो मैं तुम पर टकरा टकरा कर हँसते हुये गोद पर आता हूँ ओर दुनिया मे कोई नहीं जान पाएगा की हम कहाँ हैं |    


प्रस्तुत कविता गुरुदेव रबिन्द्रनाथ टगोर द्वारा लिखी गई है जिसे हमने हिंदी में रूपांतरित किया है।

रविवार, 5 अगस्त 2012

गुरु कराएगा जन हानी



गुरु कराएगा जन हानी रहिए जनहानी के लिए तैयार -आकाश मे भ्रमण करते हुये जब भी कोई ग्रह किसी विशेष राशि पर प्रवेश करता हैं तब उसका प्रभाव धरती पर किसी न किसी रूप मे अवस्य पड़ता हैं |इतिहास मे देखे तो जब भी गुरु ग्रह का भ्रमण वृषभ राशि पर हुआ हैं धरती पर भयंकर रूप से जनहानि हुई हैं यह जनहानि चाहे प्राकतिक रूप से हुई हो चाहे स्वयं मानवीय कारणो से परंतु हुई ज़रूर हैं यहाँ हम ऐसी ही कुछ दुर्घटनाओ के उल्लेख कर रहे हैं जो पिछले 100 सालो मे हुई हैं ओर जिनमे कम से कम 500 व्यक्तिओ की जन हानी हुई हैं |

1) 10-3-1906 को फ़्रांस मे खान दुर्घटना मे 1100 लोगो की मौत हुई |

2) 12-12-1917 को फ़्रांस मे रेल दुर्घटना 1000 व्यक्तिओ(सैनिको) की मौत हुई|यह दुर्घटना इतिहास की सबसे बड़ी रेल दुर्घटना मानी जाती हैं|

3) 6-12-1917 को कनाडा मे परमाणु बम हादसे मे 2000 लोगो की मृत्यु  हुई|

4) 2-7-1941 को नाजीओ द्वारा लैंबर्ग मे 7000 तथा लिथवानिया मे 5000 लोगो की हत्या कर दी गयी |

5) 26-9-1941 नाजीओ ने कीव मे 34000 यहूदियो की हत्या कर दी|

6) 25-10-1941 के दिन यूक्रेन मे 16000 यहूदियो की हत्या की गयी |

7) 6-11-1941 को यूक्रेन मे फिर 15000 यहूदियो की हत्या की गयी |

8) 26-4-1942 को चीन मे खान दुर्घटना मे 1560 लगा की मौत हुई |

  इसी दौरान दूसरा विश्वयुद्ध भी हुआ था जिसमे समस्त विश्व मे       विशेषकर जर्मनी,अमरीका,इटली व रूस मे जनसंहार हुआ |

9) 3-2-1954 मे इलाहाबाद कुम्भ मे 800 लोगो की मृत्यु हुई |

10)मई -जून 1965 मे भारत व बांग्लादेश मे आए चक्रवात से दोनो देशो मे लगभग 88000 लोगो के मौत हुई |

11) 11-1-1966 को रियो दे जेनरिओ ब्राज़ील मे भू स्खलन से 550 लोगो की मौत हुई |

12) 28-7-1976 को चीन मे आए भयंकर भूकंप से 7 लाख 50 हज़ार लोगो की मृत्यु हुई |

13) 12-8-1976 को फिलिस्तीन मे 2000 लोगो की हत्या कर दी गयी |

14) 17-8-1976 को फिलिस्तीन मे भूकंप से 8000 लोगो की मौत हुई |

15) 4-3-1977 को रोमानिया मे भूकंप से 1541 लोगो की मौत हुई |

16) 27-3-1977 को टेनिराइफ विमान  दुर्घटना मे 585 लोगो की मौत हुई |

17) जून- जुलाई 1988 को अमरीका मे भयंकर गर्मी से 10000 लोगो की मौत  हुई |

18) 8-8-1988 को रंगून मे गोलीबारी 10000 विद्यार्थियो की मौत हुई |

19) 8-11-1988 को चीन मे भूकंप से 900 लोगो की मौत हुई |

20) 7-12-1988 को आर्मेनिया मे भूकंप से 60000 लोगो की मृत्यु हुई |

21) 27-4-1989 को बांग्लादेश मे आए चक्रवात से 500 लोगो की मौत हुई |

22) 3-6-1989 को चीन मे 5000 विद्यार्थियो के सेना द्वारा हत्या कर दी गयी |

23) 13-1-2001 को अल सल्वाडोर मे भूकंप से 850 लोगो की मौत हुई |

24) 26-1-2001 को भारत गुजरात मे आए भूकंप से लगभग 20000 लोगो की मौत हुई |

उक्त सभी दुर्घटनाए गुरु ग्रह के वृष राशि मे होने से ही नहीं मानी जा सकती हैं परंतु इन सभी दुर्घटनाओ मे यह एक समानता तो मिलती ही हैं |मैंने इसके कई ओर साक्ष भी एकत्रित किए हैं जिनसे कई अन्य जानकारिया भी मिलती हैं जिनमे प्रमुख बाते निम्न हैं|
इनमे से अधिकतर दुर्घटनाओ के समय गुरु का गोचर कृतिका व रोहिणी नक्षत्र पर था|

गुरु ग्रह 8 बार वक्री तथा 1 बार अस्त था,मंगल ग्रह 3 बार वक्री तथा शनिग्रह 9 बार वक्री था |

मंगल ग्रह मीन राशि मे 8 बार तथा सिंह राशि मे 6 बार था |
शनि ग्रह वृष व कर्क राशि मे 7-7 बार तथा धनु राशि मे 5 बार था |

राहू 5 बार कुम्भ व तुला राशि मे तथा सिंह राशि मे 4 बार था |
गुरु मंगल मे 3-11 का संबंध 8 बार तथा 4-10 का संबंध 7 बार था |

गुरु शनि का 3-11 का संबंध 7 बार तथा 6-8 का संबंध 6 बार था गुरु राहू का 4-10 का संबंध 9 बार तथा 6-8 का संबंध 7 बार बना था |      

वर्तमान मे 17-5-2012 से गुरु ग्रह वृष राशि पर हैं जो की मई 2013 तक इसी राशि पर रहेगा इसी दौरान शनि ग्रह भी अपनी ऊंच राशि तुला मे 4 अगस्त 2012 मे प्रवेश करेंगे जिससे शुक्र ग्रह की दोनों राशि दो बड़े ग्रहो के प्रभाव मे आ जाएगी ओर शनि व गुरु मे 6-8 का अक्ष बन जाएगा |15 अगस्त से 27 सितंबर तक मंगल ग्रह भी तुला राशि मे प्रवेश कर जाएँगे जिससे इनका संबंध भी गुरु ग्रह से 6-8 का बन जाएगा | राहू 23 दिसंबर से तुला मे प्रवेश करेंगे तब शनि राहू की युति तुला राशि मे बनेगी तथा गुरु शनि राहू का संबंध 6-8 का हो जाएगा |

इस प्रकार कहाँ जा सकता हैं की आने वाले कुछ महीने किसी भयंकर आपदा व जनहानी की ओर संकेत दे रहे हैं वैसे भी 21-12-2012 को माया सभ्यता के अनुसार कहे तो दुनिया समाप्त होने को हैं |