मंगलवार, 25 मार्च 2025

शनि के मीन राशि गोचर का कन्या राशि वालों पर प्रभाव

कन्या राशि

टी, पा, पी, पू, , , , पे, पो

कन्या राशि के जातकों के लिए शनि का मीन राशि में गोचर उनकी जन्मराशि से सप्तम भाव में रहेगा, जो कि शुभाशुभ फलप्रद माना जाता है । इस अवधि में पारिवारिक, स्वास्थ्य और कार्यक्षेत्र से संबंधित कुछ समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं, जिससे आपको विशेष सावधानी बरतनी होगी ।

जन्मराशि से समम भाव में गोचर कर रहे शनि की तीसरी दृष्टि भाग्य भाव पर रहेगी, जिसके फलस्वरूप एक ओर जहाँ भाग्य के अपेक्षित सहयोग मिलने में कठिनाई होगी, तो वहीं दूसरी ओर पिता को भी कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है । उनका स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता है ।

सप्तमस्थ शनि के गोचर से स्वयं का स्वास्थ्य भी प्रभावित होगा । पहले से चली आ रही बीमारियों सम्बन्ध में सतर्क रहने की जरूरत है । स्वभाव में झुंझलाहट एवं क्रोध की अधिकता के कारण धैर्य एवं मानसिक शान्ति में कमी का अनुभव हो सकता है । वाणी एवं व्यवहार पर संयम रखने की आवश्यकता रहेगी अन्यथा रिश्तों में कड़वाहट सम्भव है ।

कन्या राशि वाले जातकों के लिए शनि का चतुर्थ भाव पर दृष्टि प्रभाव रहेगा, जो पारिवारिक शान्ति के लिए प्रतिकूल फलप्रद है,इस अवधि में सम्पत्ति सम्बन्धी विवाद देखने को मिल सकते हैं, तो वहीं माता-पिता से सम्बन्धित कोई चिन्ता भी परेशान कर सकती है । हृदय एवं छाती से सम्बन्धित रोगियों के लिए भी सतर्कता की अपेक्षा है |

स्वास्थ्य पर प्रभाव : स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से शनि का मीन राशि में गोचर आपके लिए मध्यमफलप्रद रहेगा । शनि की स्थिति से आपकी शारीरिक स्थिति में कुछ नरमी आ सकती है, जिसके कारण स्वभाव में झुंझलाहट बढ़ सकती है,साथ ही, पेट, लिवर और निचले अंगों से जुड़ी समस्याएँ हो सकती हैं । अगर आप पहले से उच्च रक्तचाप, डायबिटीज या किसी अन्य बीमारी से जूझ रहे हैं, तो शनि के इस गोचर में आपके रोगों में वृद्धि हो सकती है । इसलिए आपको अपनी दिनचर्या में नियमितता बनाए रखनी चाहिए ।

पारिवारिक सुख और संबंध पारिवारिक सुख की दृष्टि से यह गोचर बहुत अधिक अनुकूल नहीं रहेगा । शनि के मीन राशि में गोचर के दौरान आपको अपनी मान-प्रतिष्ठा को लेकर कुछ सावधानियाँ बरतनी होंगी । इस समय अवांछित लांछन या आरोपों का सामना करना पड़ सकता है, जिससे आपके पारिवारिक जीवन में तनाव उत्पन्न हो सकता है । यदि आपने क्रोध पर काबू नहीं पाया, तो यह आपके लिए समस्या का कारण बन सकता है । जीवनसाथी के साथ संबंधों में कटुता हो सकती है ।

आर्थिक स्थिति : धन और संपत्ति के दृष्टिकोण से शनि का मीन राशि में गोचर आपको कुछ कठिनाइयाँ दे सकता है इस समयावधि में आपके खचों में वृद्धि हो सकती है, जिससे आपकी बचत प्रभावित हो सकती है । आय के स्रोतों में भी अनियमितता आ सकती है, जिससे आपको आर्थिक समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं । अत्यधिक अनुत्पादक खर्चों से आपकी आर्थिक स्थिति पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता है । इस गोचर अवधि में स्थायी संपत्ति में वृद्धि के योग कम हैं । इस दौरान जोखिमपूर्ण निवेश से आपको बचना चाहिए |

नौकरी और कैरियर कन्या राशि के नौकरीपेशा जातकों के लिए यह गोचर शुभाशुभ फल प्रदान कर सकता है । यदि आप प्रमोशन का इंतजार कर रहे हैं, तो उसमें कुछ विलंब हो सकता है । वेतन वृद्धि और अन्य लाभ भी इस समयावधि में सामान्य रहेंगे । शनि के इस गोचर में नौकरी में स्थानांतरण भी संभव हो सकता है । कार्यक्षेत्र में अन्दरूनी राजनीति और कुछ संघर्ष उत्पन्न हो सकते हैं, जिससे आपका मन उदास रह सकता है । उच्चाधिकारियों से किसी विशेष लाभ की उम्मीद करना बेमानी हो सकता है |

कैसा रहेगा कन्या राशि वाले जातकों का व्यवसाय ?

कन्या राशि के व्यवसायियों के लिए शनि का मीन राशि में गोचरावधि मिश्रित फलप्रद प्रतीत हो रहा है । इस दौरान 'कुछ अच्छे परिणाम मिल सकते हैं, लेकिन कुछ कठिनाइयाँ भी सामने आ सकती हैं । इस अवधि में विशेष रूप से कोई बड़ा बदलाव या मील का पत्थर स्थापित होने की संभावना कम है, लेकिन लाभ में वृद्धि की दर और व्यावसायिक उन्नति की गति धोड़ी मंद हो सकती है । यद्यपि व्यवसाय विस्तार की योजनाएँ बन सकती हैं, लेकिन उनके सही तरीके से क्रियान्वयन में कठिनाइयाँ आ सकती हैं ।

इस गोचर के दौरान व्यवसायियों को कुछ विशिष्ट परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है विशेष रूप से साझेदारी में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं । शनि के प्रभाव से साझेदारों के साथ रिश्ते तनावपूर्ण हो सकते हैं । इसके अलावा, इस अवधि में आपके प्रमुख सप्लायरों और ग्राहकों के साथ भी कुछ मतभेद हो सकते हैं, जिससे व्यावसायिक कार्यों में रुकावट आ सकती है । शनि का प्रभाव सरकारी निर्णयों पर भी हो सकता है, जो आपके व्यापार या लाभ को प्रभावित कर सकते हैं । सरकारी नीतियों या आदेशों के कारण नुकसान या देरी हो सकती है, जिससे व्यावसायिक गतिविधियाँ बाधित हो सकती हैं ।

शनि के नवम भाव पर दृष्टि डालने से आपके भाग्य में कुछ कमी हो सकती है । इस कारण, जो अवसर आएँगे, उनमें से अधिकांश को आप सही तरीके से इस्तेमाल नहीं कर पाएँगे । यह अवधि व्यापारिक सफलता में रुकावट का कारण बन सकती है। योजनाको अमल में लाने में बाधाएँ उत्पन्न हो सकती हैं खासकर अगर आप किसी पारिवारिक व्यवसाय से जुड़े हुए हैं, तो यह समय आपके और आपके पिता के बीच मतभेद या अलगाव का कारण बन सकता है |

सप्तम भाव में शनि के गोचर के कारण आलस्य और कामों को टालने की प्रवृत्ति बढ़ सकती है । आप कार्यों को करने में सुस्ती महसूस कर सकते हैं, और नए प्रयासों के लिए उत्साह में कमी आ सकती है । जो कार्य पहले से चल रहे हैं, उन्हें बनाए रखने की प्रवृत्ति ही बनी रह सकती है, लेकिन नये प्रयासों के लिए प्रेरणा की कमी रहेगी ।

चतुर्थ भाव पर शनि की दृष्टि के कारण आप कृषि और संबंधित क्षेत्रों में निवेश करने या उनके प्रति रुझान दिखा सकते हैं । इसके अलावा, यह समय आपके मूल निवास स्थान से जुड़े व्यवसायों में भी संलग्न होने का हो सकता है । घर से संबंधित कारोबार में आपको नए अवसर मिल सकते हैं । '

राहतकारी उपाय : सातमुखी रुद्राक्ष सोमवार या किसी शुभ मुहूर्त में गले में धारण करें ।

प्रतिदिन ॐ शं शनैश्चराय नमः' मन्त्र का जप करना चाहिए।

भगवान् शिव की पूजा और उपासना करें।

वृद्धों और रोगियों की सेवा करें।

सदाचरण का पालन करें |

शनिवार, 22 मार्च 2025

शनि का मीन राशि गोचर सिंह राशि के लिए

 सिंह राशि

मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे

सिंह राशि वालों के लिए शनि का मीन राशि में गोचर उनकी जन्मराशि से अष्टम भाव में रहेगा, जो कि 'अष्टम ढैया के नाम से जाना जाता है । यह समयावधि सिंह राशि वालों के लिए अच्छी नहीं कही जा सकती । इस अवधि में उन्हें मिल रही चुनौतियों का धैर्य एवं शान्तिपूर्वक सामना करना चाहिए तथा स्वास्थ्य, पारिवारिक रिश्तों एवं व्यवहार में सतर्कता रखने की आवश्यकता रहेगी |

अष्टम भाव में गोचर कर रहे शनि की तृतीय दृष्टि दशम भाव पर रहेगी, जिसके परिणामस्वरूप जातक को कर्मक्षेत्र से सम्बन्धित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है । नौकरी में स्थानान्तरण एवं उच्चाधिकारियों से सम्बन्धों में तनाव देखने को मिल सकता है, इस गोचरावधि में अपने कर्त्तव्यों एवं दायित्वों का निर्वाह समय पर तय प्रक्रिया के अनुरूप करना चाहिए किसी प्रकार की लापरवाही परेशानी उत्पन्न कर सकती है । नियमों एवं कानूनों का उल्लंघन करने से बचना चाहिए,दूसरों पर अधिक विश्वास ना करे |

अष्टम भाव में गोचररत शनि की सप्तम दृष्टि का प्रभाव द्वितीय भाव पर रहेगा, जिसके परिणामस्वरूप जातक को संचित धन खर्च करने की परिस्थितियाँ उत्पन्न हो सकती हैं । कुटुम्बीजनों एवं परिजनों के साथ रिश्तों में तनाव का सामना करना पड़ सकता है । वाणी एवं व्यवहार पर ध्यान रखने की जरूरत है । माता-पिता एवं जीवनसाथी के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए |

अष्टम भाव में गोचर कर रहे शनि की दशम दृष्टि का प्रभाव पंचम भाव पर भी रहेगा, जिसके परिणामस्वरूप सन्तति सम्बन्धी कोई समस्या रह सकती है । विद्यार्थियों को अध्ययन आदि में व्यवधान देखने को मिल सकते हैं। इसके अतिरिक्त अपयश एव अपमान की परिस्थितियाँ भी उत्पन्न हो सकती हैं ।

स्वास्थ्य : शनि का अष्टम भाव में गोचर विशेष रूप से स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डाल सकता हैं | इस समयावधि में आपको अपनी सेहत पर अतिरिक्त ध्यान देने की आवश्यकता होगी, क्योंकि शनि का यह गोचर पुराने रोगों की तीव्रता को बढ़ा सकता है । यदि आप पहले से ही किसी दीर्घकालिक बीमारी से ग्रस्त हैं, तो इस दौरान उनके सम्बन्ध में अतिरिक्त सतर्कता बरतने की आवश्यकता रहेगी,इसके अतिरिक्त, स्वस्थ व्यक्तियों के लिए भी शनि का यह गोचर किसी न किसी बीमारी का कारण बन सकता है । स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से यह समय सतर्क रहने का है । खानपान में संतुलन बनाए रखें और अनहेल्दी आदतों से बचें । यदि आप किसी रोग से पीड़ित हैं, तो अपने चिकित्सक से नियमित परामर्श लें । वाहन चलाते वक्त भी सतर्क रहें, क्योंकि इस दौरान दुर्घटना या चोट लगने का खतरा बढ़ सकता है ।

पारिवारिक सुख: पारिवारिक जीवन में इस गोचर के कारण कुछ परेशानी उत्पन्न हो सकती है । घर में क्लेश और विवाद हो सकते हैं तथा परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्य को लेकर चिन्ता बढ़ सकती है । आपको जीवनसाथी से बेहतर तालमेल बनाने की आवश्यकता होगी,विचारों में भिन्नता और संवादहीनता के कारण मतभेद हो सकते हैं । इस समय अपनी वाणी और व्यवहार पर विशेष ध्यान दें, क्योंकि उत्तेजना में आकर कहा गया शब्द आपको परेशानी में डाल सकता है । गृहक्लेश, परिवार में असहमति और रिश्तों में तनाव बढ़ सकते हैं |

आर्थिक स्थिति : आर्थिक दृष्टि से शनि का मीन राशि में गोचर सिंह राशि वालों के लिए कई मुश्किलें ला सकता है । अष्टम भाव में शनि का स्थान होने से इस दौरान आर्थिक संकट और धन की हानि की सम्भावनाएँ बढ़ सकती हैं । इस समयावधि में आपको जोखिमपूर्ण निवेश से बचना चाहिए, क्योंकि शनि के इस गोचर के दौरान कोई भी अप्रत्याशित स्थिति आपके लिए आर्थिक संकट पैदा कर सकती है । चोरियाँ, दुर्घटनाएँ या अन्य आपदाएँ आपके धन को प्रभावित कर सकती हैं । किसी को उधार देने से पहले एक बार सोच लें, क्योंकि धन की वापसी में मुश्किल हो सकती है । आकस्मिक खर्चों में वृद्धि हो सकती है और आपकी आर्थिक स्थिति मे असंतुलन पैदा हो सकता है । आय के स्रोतों में भी रुकावट आ सकती है । इस समय आय में कमी और खचों में वृद्धि से घर की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ सकता है । आपको अपने खर्चों पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता है और व्यर्थ के खर्चों से बचने के लिए विशेष ध्यान देना होगा ।

नौकरी और कॅरिअर: कॅरिअर के दृष्टिकोण से यह समय बहुत अनुकूल नहीं है । नौकरीपेशा व्यक्तियों को स्थानान्तरण या पद परिवर्तन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है । जिन जातकों का कॅरियर अस्थायी है या जो निजी क्षेत्र में काम कर रहे हैं, उन्हें अपने रोजगार को सुरक्षित रखने में कठिनाइयाँ आ सकती हैं । शनि का यह गोचर उच्चाधिकारियों के साथ तनावपूर्ण स्थितियाँ उत्पन्न कर सकता है । शनि का गोचर आपको अपनी जिम्मेदारियों का सही तरीके से पालन करने का संदेश देता है । इस समय आपको नियमों और कानूनों का उल्लंघन करने से बचना चाहिए |कार्यों को समय पर और जिम्मेदारी से पूरा करने का प्रयास करें, क्योंकि यह आपको किसी अनुशासनात्मक कार्यवाही से बचा सकता है । इस अवधि में अपने कार्यक्षेत्र में सतर्क रहें और सभी कार्यों में ईमानदारी और निष्ठा बनाए रखें । चार्जशीट जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है, इसलिए कार्यों में लापरवाही न बरतें |

कैसा रहेगा सिंह राशि वाले जातकों का व्यवसाय?

सिंह राशि के व्यवसायियों के लिए शनि का मीन राशि में गोचर एक महत्त्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना है, जो उनके व्यापारिक जीवन पर गहरा असर डाल सकता है । यह गोचर उनकी जन्मराशि से अष्टम भाव में स्थित होगा और अष्टम भाव में शनि का गोचर आमतौर पर शुभ फलदायक नहीं माना जाता । इस स्थिति के परिणामस्वरूप व्यवसाय में मंदी की सम्भावना बन सकती है और व्यापार लाभ की कमी या घाटा होने की सम्भावना भी रहती है । इस प्रकार के गोचर को अष्टम ढय्यासंज्ञक माना जाता है, जो व्यवसाय, परिवार और जीवन के अन्य क्षेत्रों में सतर्कता और सावधानी की आवश्यकता को दर्शाता है ।

इस गोचर के दौरान व्यापारी को आर्थिक नुकसान, आय में कमी, ऋण का बोझ बढ़ने या करभार में वृद्धि जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है । इसके अलावा अगर अन्य ग्रहों की दशाएं भी अशुभ हो, तो यह स्थिति व्यापार को बदलने या छोड़ने की स्थिति में भी पहुंचा सकती है । व्यापार में नुकसान होने के साथ-साथ यह समय कुछ नई संभावनाएँ भी लेकर आता है । शनि के इस गोचर के कारण विदेशों से व्यापार में जुड़ने या विदेशी कंपनियों के साथ व्यापारिक संबंध स्थापित करने का अवसर भी बन सकता है ।

अष्टम भाव में गोचर करने वाला शनि दशम भाव पर तृतीय दृष्टि डालता है, जिसके कारण कर्मठता में कमी आ सकती है । इस दौरान आलस्य की अधिकता महसूस हो सकती है और कार्यों को टालने की प्रवृत्ति विकसित हो सकती है । जो लोग अपने पिता के साथ व्यवसाय में जुड़े हुए हैं या किसी पारंपरिक व्यवसाय से जुड़े हैं, वे इस दौरान उस व्यवसाय से अलग होने का विचार बना सकते हैं ।

इसके अतिरिक्त, आत्म भाव में शनि का गोचर सिंह राशि की चन्द्रकुण्डली में पंचम भाव पर पूर्ण दृष्टि डालता है, जिससे मुकदमेबाजी और सरकारी मामलों में उलझने की सम्भावना बढ़ जाती है । कुटुम्बियों और प्रतिस्पर्धियों से शत्रुता बन सकती है तथा साझेदारी या स्थायी सप्लायरों और ग्राहकों से भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है । इस स्थिति में व्यापारिक सम्बन्धों में खटास आ सकती है और धन की स्थिति कमजोर हो सकती है ।

राहतकारी उपाय : शनि के अष्टम भाव में गोचर से उत्पन्न होने वाली अशुभ स्थितियों को दूर करने के लिए कुछ विशेष उपाय किए जा सकते हैं |

प्रतिदिन ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः' मंत्र का जप करें ।  

ॐ नमस्ते कोणसंस्थाय पिंगलाय नमोऽस्तु ते आदि शनि स्तोत्र का पाठ करें ।

सातमुखी रुद्राक्ष की माला गले में धारण करें ।

मध्यमा अंगुली में काले घोड़े की नाल का छल्ला पहनें ।

प्रतिदिन पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएँ और तेल का दीपक जलाएँ ।

 

शुक्रवार, 21 मार्च 2025

मीन का शनि कर्क राशि वालों के लिए

कर्क राशि (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डी)

कर्क राशि के जातकों के लिए मीन राशि में शनि का गोचर एक सुखद बदलाव लेकर आया है । अब आपको अष्टम ढैया के प्रभाव से मुक्ति मिलेगी । स्वास्थ्य सुधार देखने को मिलेगा तथा कार्यों में भी प्रगति सम्भव होगी हालाँकि भाग्य का अभी भी अपेक्षित सहयोग नहीं मिलेगा, परन्तु मेहनत के बल पर आप कई अच्छी उपलब्धियाँ अर्जित कर सकते हैं

कर्क राशि वालों के लिए मीन राशि में शनि का गोचर उनकी जन्मराशि से नवम भाव में रहेगा । नवम भाव से शनि अपनी तीसरी दृष्टि से एकादश भाव को देखेगा, जिसके चलते आपको परिश्रम और योग्यता के 'अनुरूप प्रतिफलों की प्राप्ति न होने का मलाल रह सकता है हालांकि विगत समयावधि की 'तुलना कुछ सुधार देखने को मिलेगा। मित्रों एवं कुटुम्बीजनों से बेहतर सम्बन्ध बनाए रखने के लिए प्रयास करने की आवश्यकता होगी

नवमस्थ शनि की सप्तम दृष्टि तृतीय भाव पर रहेगी जिसके चलते एक ओर जहाँ उत्साह एवं कर्मठता में वृद्धि होगी, तो वहीं दूसरी ओर परिजनों के साथ रिश्तों में तनाव भी देखने को मिल सकता है । भाई-बहिनों से सम्बन्धित कोई समस्या परेशान कर सकती है । सर्वाइकल पेन, भुजा एवं कंधो से सम्बन्धित समस्याएँ तथा ईएनटी से सम्बन्धित समस्याओं के प्रति सतर्कता रखने की आवश्यकता रहेगी

नवम भाव में गोचर के चलते दशम दृष्टि से शनि छठे भाव को भी देखेगा । शनि की छठे भाव पर दृष्टि के चलते जातक को शत्रु एवं मुकदमों से सम्बन्धित मामलों में राहत मिलेगी तथा ऋणादि के चुकाने की भी व्यवस्था बन सकती है कॅरिअर में बेहतर अवसरों की प्राप्ति होगी |

स्वास्थ्य : मीन राशि में शनि का गोचर आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा रहेगा । स्वास्थ्य समस्याओं में सुधार होगा और आपको राहत महसूस होगी । आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा और नकारात्मक विचार कम होंगे, दुर्घटना जैसी आशंकाएं भी कम रहेंगी । यदि कोई पुरानी बीमारी चल रही है, तो उसके नियन्त्रण में होने के योग बन सकते हैं |

पारिवारिक जीवन: पारिवारिक सुख के मामले में भी यह समय अच्छा रहेगा,घर में कलह कम होगी और जीवनसाथी के साथ सम्बन्ध मधुर होंगे । घर में शुभ कार्यों के अवसर आएँगे,विवाह योग्य युवाओं के लिए शादी के योग बन रहे हैं । सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी और आपको समाज में सम्मान मिल सकता है । धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों में आपकी भागीदारी बढ़ेगी ।

आर्थिक स्थिति आर्थिक मोर्चे पर वह समय पिछले दिनों से बेहतर रहेगा । आय के स्रोतों से नियमित आमदनी होगी और अनावश्यक खर्चों पर नियंत्रण रहेगा इससे आर्थिक तंगी और संकट की स्थिति कम होगी कर्ज से मुक्ति के अवसर मिलेंगे । जमीन और प्रॉपर्टी में निवेश के योग बन रहे हैं, लेकिन निवेश करते समय सावधानी बरतें । इस दौरान आप नई निवेश योजनाएं बना सकते हैं और उन्हें लागू भी कर सकते हैं । यह अवश्य है कि परिश्रम और योग्यता के अनुरूप प्रतिफल न मिलने का मलाल रह सकता है ।

नौकरी और कॅरिअर : कॅरिअर के क्षेत्र में कर्क राशि वालों के लिए यह समय राहत देने वाला रहेगा हालाँकि पूरी तरह से अनुकूल नहीं है,नौकरी में स्थिरता आएगी और अनचाहे स्थानान्तरण की आशंकाएँ कम होंगी । उच्चाधिकारियों से तनाव और काम में आने वाली बाधाएँ कम होंगी । फिर भी, अपने काम और जिम्मेदारियों को गंभीरता से लें और उन्हें समय पर पूरा करने का प्रयास करें । नियमों का उल्लंघन करने से बचें । प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोग नौकरी बदल सकते हैं ।

कैसा रहेगा कर्क राशि वाले जातकों का व्यवसाय?

कर्क राशि के व्यवसायियों के लिए मीन राशि में शनि का गोचर महत्त्वपूर्ण परिवर्तन लेकर आएगा। शनि मीन राशि में उनके जन्मकुण्डली के नवम भाव में गोचर करेंगे, जो सामान्यतः शुभ नहीं माना जाता है हालांकि इस गोचर का प्रभाव कर्क राशि वालों के लिए राहतकारी रहेगा, क्योंकि अब वे शनि की अष्टम ढैया से मुक्त हो जाएँगे । इससे उन्हें व्यवसाय में मिल रहे अशुभ प्रभाव में भारी कमी देखने को मिलेगी ।

यह गोचर व्यापार से सम्बन्धित समस्याओं में भी राहत प्रदान करेगा खासकर उन व्यवसायियों के लिए जो मंदी के कारण परेशान हैं,उनकी आर्थिक स्थिति सुधार होगा । ऋण की समस्याओं से भी निजात मिलेगी और वे स्वयं को पहले से बेहतर स्थिति में महसूस करेंगे ।

नवम भाव में शनि का गोचर नवम,एकादश, तृतीय और षष्ठ भाव को प्रभावित करेगा । नवम भाव में शनि का प्रभाव भाग्य को थोड़ा मंद करता है लेकिन इसके बावजूद व्यक्ति को संतोष का अनुभव होगा ।

एकादश भाव पर शनि का प्रभाव परिश्रम एवं योग्यता के अनुरूप आय और सफलता दिलाने में सहायक नहीं बनता । इससे आय में रुकावटें भी आ सकती हैं शनि का तृतीय और एकादश भाव पर दृष्टिपात परिवार और सहोदर संबंधों में तनाव उत्पन्न कर सकता है, जिसके कारण आपसी मतभेद हो सकते हैं । व्यापार में सहयोग की कमी हो सकती है, और सहोदर वा सहयोगियों से अपेक्षित मदद नहीं मिल पाएगी ।

नवम भाव में शनि के गोचर का दृष्टि प्रभाव षष्ठ भाव पर भी पड़ेगा, जिससे ऋण चुकता करने के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल बन सकती हैं साथ ही, जिनके खिलाफ मुकदमे चल रहे हैं या सरकारी विभागों से जुड़े मामलों में विवाद हैं, उनके लिए राहत मिल सकती है ।

राहत के उपाय : जन्मराशि से नवम भाव में शनि का गोचर पिछले दिनों की तुलना में बेहतर है, लेकिन इसके नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं :

1. सातमुखी रुद्राक्ष की माला गले में धारण करनी चाहिए ।

2.ॐ शं शनैश्चराय नमः' मन्त्र का अधिकाधिक संख्या में जप करना चाहिए।

3. सामाजिक और धार्मिक कार्यों में अधिक से अधिक भाग लें ।

गुरुवार, 20 मार्च 2025

कैसा रहेगा मीन का शनि मिथुन राशि के लिए

मिथुन राशि (का, की, कू, , , , के, को, हा)

मिथुन राशि वालों के लिए शनि का मीन राशि में गोचर बेहतर रहने की संभावना है । पिछली अवधि में जो बाधाएँ और समस्याएँ दिखाई दे रही थीं, वे अब कुछ हद तक कम हो सकती हैं हालांकि, कॅरिअर और घरेलू मामलों में कुछ चुनौतियाँ बनी रह सकती हैं |

मीन राशि में दशम भाव में गोचर करता हुआ शनि अपनी तीसरी पूर्ण दृष्टि से द्वादश भाव को देखता है, जिसके फलस्वरूप मिथुन राशि वाले व्यक्तियों के लिए कार्यों में अवरोध, खर्चों में वृद्धि एवं शत्रुजनित समस्याओं में वृद्धि के कारण परेशानी हो सकती है साथ ही, स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता है यदि आप दीर्घकालिक रोगों से ग्रस्त हैं, तो इन दिनों सावधानी रखने की आवश्यकता है विशेषकर राशि परिवर्तन के आरम्भिक तीन-चार महीनों में।

मिथुन राशि से दशम भाव में गोचर करता हुआ शनि अपनी सप्तम पूर्ण दृष्टि से चतुर्थ भाव को देखता है, जिसके फलस्वरूप पारिवारिक क्लेश एवं समस्याओं में वृद्धि होती है । माता एवं अन्य परिजनों के स्वास्थ्य को लेकर चिन्ता हो सकती है साथ ही, जातक स्वयं हृदय, छाती आदि रोगों से प्रभावित हो सकता है ।

मिथुन राशि के जातकों के लिए मीन राशि में गोचर करता हुआ शनि अपनी दशम दृष्टि से सप्तम भाव को देखता है, जिसके फलस्वरूप एक ओर जहाँ जीवनसाथी और बिजनेस पार्टनर से सम्बन्धित रिश्तों के सम्बन्ध में कुछ परेशानी हो सकती हैं वहीं दूसरी ओर उदर एवं यूरोलॉजी से सम्बन्धित कुछ समस्याएँ भी परेशान कर सकती हैं।

स्वास्थ्य : इस गोचरावधि में स्वास्थ्य मिश्रित प्रभाव देने वाला रहेगा । हालाँकि कोई गम्भीर स्वास्थ्य समस्या नहीं दिखाई दे रही है, फिर भी हृदय और छाती से सम्बन्धित समस्याओं वाले लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। शारीरिक और मानसिक तनाव में कमी आएगी और स्वास्थ्य सामान्यतः अच्छा बना रहेगा |

पारिवारिक सुख पारिवारिक जीवन में यह अवधि बहुत अनुकूल नहीं है। घरेलू कलह और तनाव हो सकते हैं। माता-पिता के स्वास्थ्य को लेकर चिंता बनी रह सकती है। पैतृक सम्पत्ति से जुड़े विवाद उभर सकते हैं। परिवार के सदस्यों से दूरी बन सकती है और जीवनसाथी से जुड़ी कोई समस्या परेशान कर सकती है।

आर्थिक स्थिति : आर्थिक दृष्टि से यह गोचरावधि मिश्रित परिणाम देने वाली है। खर्चों में वृद्धि हो सकती है, लेकिन आय के स्रोतों से नियमित आमदनी होगी कर्ज बोझ कुछ हद तक कम होगा। भूमि और सम्पत्ति में किए गए निवेश से पिछली अवधि की तुलना में बेहतर परिणाम मिलने की संभावना है। हालाँकि, पैतृक सम्पत्ति को लेकर विवाद हो सकते हैं।

कॅरिअर और नौकरी : कॅरिअर के लिहाज से यह अवधि मिश्रित प्रभाव वाली है। कार्यस्थल पर अनुकूल माहौल न होने के कारण तनाव हो सकता है। उच्चाधिकारियों के साथ मतभेद या तनाव की स्थिति सकती है। इस अवधि में दूसरों पर अधिक भरोसा न करें और नियमों का पालन करते हुए समय पर काम पूरा करने का प्रयास करें। लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए मेहनत करना जरूरी है, क्योंकि लापरवाही नुकसानदायक हो सकती है।

कैसा रहेगा मिथुन राशि वाले जातकों का व्यवसाय?

मिथुन राशि के लिए शनि का दशम भाव में गोचर विशेष रूप से कार्य, जीवन और व्यवसाय पर प्रभाव डालने वाला होता है । इसके परिणामस्वरूप कार्यस्थल पर शारीरिक परिश्रम में वृद्धि होगी । ऐसे कार्य करने पड़ सकते हैं, जिनमें मजदूरों या अन्य व्यक्तियों से सीधा सम्पर्क रहेगा । ऐसे कामों में सफलता मिलने की सम्भावना अधिक है, जिनमें मेहनत की अधिक आवश्यकता हो । जितना आप मेहनत से दूर रहेंगे, उतनी ही कठिनाइयाँ और अवरोध उत्पन्न होंगे |

शनि की तीसरी दृष्टि द्वादश भाव पर पड़ रही है, जिससे इस अवधि में खर्चों में वृद्धि हो सकती है शनि के प्रभाव से शत्रुओं और प्रतिस्पर्धियों से भी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं खासतौर पर व्यवसाय में आन्तरिक समस्याएँ उभर सकती हैं और सरकारी निर्णयों के कारण खर्चों में वृद्धि हो सकती है । इस समय टैक्स सम्बन्धी मामलों में लापरवाही न बरतें, क्योंकि इससे आर्थिक नुकसान हो सकता है और कानूनी दण्ड भी भुगतना पड़ सकता है ।

दशमस्थ शनि की चतुर्थ भाव पर दृष्टि के परिणामस्वरूप पारिवारिक कारणों से व्यवसाय में रुकावट उत्पन्न हो सकती है । दूसरी ओर, व्यावसायिक व्यस्तताओं के कारण घर में भी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं, जो आपकी मानसिक शान्ति को प्रभावित कर सकती है । इस अवधि में स्थायी सम्पत्ति के मामलों में विवाद की सम्भावना या  फिर सम्पत्ति सम्बन्धी कोई चिन्ता आपको परेशान कर सकती है ।

सप्तम भाव पर शनि की दृष्टि का प्रभाव जीवनसाथी और साझेदारों के साथ आपके सम्बन्धों को प्रभावित करेगा। जीवनसाथी की सक्रियता आपके व्यवसाय में बढ़ सकती है, लेकिन इसके साथ ही साझेदारों और स्थायी सप्लायर्स- ग्राहकों के साथ सामंजस्य स्थापित करने में कुछ कठिनाई हो सकती है । इस समयावधि में आपको अपने रिश्तों पर ध्यान देने की आवश्यकता है और विशेष रूप से किसी भी प्रकार की गलतफहमी से बचने का प्रयास करना चाहिए।

राहतकारी उपाय : जन्मराशि से दशम भाव में शनि गोचर पूरी तरह से शुभ नहीं है इसलिए निम्नलिखित उपाय करने चाहिए:

सातमुखी रुद्राक्ष धारण करें ।

पीपल के वृक्ष पर प्रतिदिन जल चढ़ाएँ और शनिवार को तेल का दीपक जलाएँ।

प्रतिदिन अपने घर के बुजुर्ग सदस्यों के चरण स्पर्श कर उनका आशीर्वाद लें ।  

रोगियों और वृद्धों की सेवा करें ।