शुक्रवार, 16 अप्रैल 2010

भयंकर आपदाओ का महीना

सूर्य देवता मेष राशी में गए | यह राशी जैसा की आ़प सब जानते ही हैं की मंगल ग्रह की राशी हैं तथा सूर्य की ऊँच राशी भी हैं | जैसे ही यह परिवर्तन हुआ धरती पर इसका प्रभाव दिखने लगा,ज्वालामुखी का फटना,भूकंप का आना,चक्रवात का आना,आगजनी की घटनाओ का एकाएक बढ जाना यह सब नज़र आने लगा, वैसे यह परिवर्तन कोई नया नहीं हैं हर वर्ष होता हैं परन्तु इस वर्ष इसकी कुछ ख़ास विशेषता हैं एक तो मंगल ग्रह अपनी नीच राशी कर्क से सिंह राशी की और रहा हैं जो की सूर्य की ही राशी हैं,दूसरा मंगल का आश्लेषा नक्षत्र में प्रवेश जिसमे माना जाता हैं की वर्षा कम होती हैं तथा अकाल पड़ता हैं |

जैसे
ही यह मंगल ग्रह मार्गी हुआ था हमने अपने इसी ब्लॉग में पहले ही लिख दिया था की
बलात्कार की
घटनाएं,आगजनी ,विस्फोट आदि बढेंगे, चूँकि यह दोनों ग्रह अग्नि तत्त्व के हैं अत:इनका प्रभाव धरती हम मानव जन पर तुरंत पड़ता हैं जिसका अनुमान लगाना कोई मुश्किल नहीं होता आ़प सब देख ही सकते हैं |

आगामी
एक माह (१५ मई तक ) कई अन्य परेशानियो का रहने वाला हैं जिनमे प्रमुख
महंगाई का बढना,खूब गर्मी का पड़ना, दूध पानी की भयंकर कमी होना,प्राकतिक आपदाओ का एकाएक बढ जाना,किसी नेता की हत्या हो जाना,बड़े घोटालो का खुलना,किसी बड़ी रेल दुर्घटना का होना,सीमाओ पर युद्ध जैसे हालात बनना,होने की प्रबल संभावनाए हैं जिनसे सावधान रहने की आवशयकता हैं| यहाँ यह भी ध्यान रखे की ऐसा मात्र सूर्य,मंगल के कारण नहीं बल्कि अन्य ग्रह जैसे राहू केतु (अपनी अपनी नीच राशियो में ) के दुस्प्रभाव के कारण भी होगा ..................शेष फिर