स्त्री जातक व तिल
तिलो का शरीर पर
अपना अलग ही महत्व होता हैं प्रस्तुत लेख मे हम स्त्री जातक के शरीर मे विभिन्न
हिस्सो पर पाये जाने वाले तिलो के विषय मे जानकारी दे रहे हैं जिनसे स्त्री के
आचरण,व्यवहार,विचार व भाग्य इत्यादि का
पता लगाया जा सकता हैं |
1)स्त्री के सिर के
मध्य भाग मे तिल उसे पति का पूर्ण सुख पाने वाली,शुद्ध
हृदय व सम्पूर्ण ऐश्वर्या प्राप्त करने वाली बनाता हैं | सिर
की दायीं ओर का तिल समाज मे प्रतिष्ठित परंतु उदास स्वभाव वाली स्त्री का होना
बताता हैं जिसे विवाह के बाद विदेश मे रहना पड़ता हैं तथा सिर के बाईं ओर का तिल
उसे दुर्भाग्यशाली बनाता हैं |
2)जिस स्त्री के
ललाट पर काले रंग का तिल होता हैं वह पुत्रवान,सौभाग्यवान,धार्मिक स्वभाव व दयालु प्रवृति की होती हैं | ललाट
की दायीं और तिल स्त्री के जन्म स्थान से दूर रहने वाली,अच्छे
स्वभाव की स्त्री होना बताता हैं जिसे संतान कष्ट रहता हैं |
ललाट के बीचोबीच तिल स्त्री को कला कुशल परन्तु कठोर वचन कहने वाली बनाता हैं | जबकि ललाट के बाईं और का तिल स्त्री को पति सुख मे कमी दर्शाता हैं |
3)स्त्री के भोहों
के मध्य भाग मे तिल उसे सरकार से ऊंच पद का लाभ प्राप्त करवाता हैं अर्थात वह या
उसका पति सरकारी नौकरी वाले होते हैं |किसी एक भोह मे बना तिल
स्त्री के स्वभाव मे ओछेपन का प्रतीक होता हैं ऐसी स्त्री का विवाह बेमेल होता हैं
|
4)स्त्री की आँखों
के ऊपर या नीचे तिल होतो वह स्त्री अनुचित तरीके से धन संचय करने वाली तथा संतान
विहीन होती हैं जो अपने स्वास्थ्य की सही से देखभाल नहीं करती हैं उसकी आयु भी कम
होती हैं |जबकि स्त्री की आँख मे तिल पति की प्रियतमा
होने की सूचना देता हैं |
5)स्त्री की दायीं
ओर आँख के नीचे गाल पर तिल होतो स्त्री धार्मिक व सदाचारिणी होती हैं जिसे हर जगह
मान समान व यश प्राप्त होता हैं जबकि बाईं ओर आँख के नीचे गाल पर तिल होतो ऐसी
स्त्री अत्यधिक काम वासना से पीड़ित रहती हैं जिसके उसकी उम्र से छोटे कई प्रेमी
होते हैं |
6)स्त्री के कान मे
तिल उसके आभूषण प्रिया होने की सूचना देते हैं जबकि कान के नीचे तिल उसकी अन्य
स्त्रीओ से शत्रुता के बारे मे बताते हैं |
7)स्त्री के नाक के
अग्रभाग मे लाल रंग का तिल उसके सौभाग्यशाली व
ऊंचाधिकारी की पत्नी होने का सूचक होता हैं |
8)स्त्री के मुख मे
तिल उसके सुखी,सम्पन्न व सज्जन होने की सूचना देता हैं उपरी
होंठ पर तिल स्त्री के शिक्षावान होने का संकेत देता हैं ऐसी स्त्री अच्छी वक्ता
या शिक्षिका होती हैं |
9)स्त्री के बाएँ
गाल मे काला तिल उसके ऐश्वर्या पूर्ण जीवन के बारे मे बताता हैं जो भोग विलास मे
अधिक रुचि रखती हैं जबकि लाल तिल उसके मिष्ठान प्रिय होने के बारे मे बताता हैं
तथा दायें गाल पर तिल स्त्री को किसी असाध्य बीमारी होने के बारे मे बताता हैं |
10)स्त्री की ठोड़ी
मे तिल उसके मिलनसार ना होने का पता बताता हैं जो किसी से भी घुलना मिलना पसंद
नहीं करती हैं जिन्हे आम भाषा मे लजीली स्त्री कहते हैं |
11)स्त्री के कंठ
मे तिल हो तो वह अपने घर मे हुकूमत चलाना पसंद करती हैं सब पर नियंत्रण रखना चाहती
हैं |
12)स्त्री के हृदय
स्थान मे तिल सौभाग्य का प्रतीक होता हैं बाएँ स्तन पर लाल तिल होतो स्त्री के
पुत्र जन्म बाद विधवा हो जाने का सूचक होता हैं काला तिल होतो उस स्त्री की मृत्यु
किसी दुर्घटना से होती हैं जबकि दायें स्तन मे तिल स्त्री की कन्या संतान की
अधिकता बताता हैं |
13)स्त्री की बाईं
भुजा मे तिल उसके कला,काव्य,अभिनय,संगीत इत्यादि के क्षेत्र से जुड़ा होने का प्रतीक होता हैं जिससे उसे धन व
यश प्राप्त होता हैं |
14)स्त्री के गुप्त
स्थान के दायीं ओर तिल होतो वह राजा अथवा ऊंचाधिकारी की पत्नी होती हैं जिसका
पुत्र भी आगे चलकर अच्छा पद प्राप्त करता हैं |
15)स्त्री की जंघा
पर तिल उसके यात्रा व भ्रमण प्रिया होने की सूचना देते हैं
16)स्त्री के पाँव
के टखने मे तिल उसकी दरिद्रता भरे जीवन की सूचना देता हैं |