प्रेम व
अंतरजातीय विवाह(शोध)
भारतीय
समाज मे विवाह एक संस्कार के रूप मे माना जाता हैं जिसमे शामिल होकर स्त्री पुरुष
मर्यादापूर्ण तरीके से अपनी काम इच्छाओ की पूर्ति कर वंशवृद्दि या अपनी संतति को
जन्म देते हैं समान्यत: विवाह का यह संस्कार परिवारजनों की सहमति या इच्छा से अपनी
जाति,समाज या समूह मे ही किया जाता हैं पर फिर भी हमे
ऐसे कई उदाहरण मिलते हैं जहां विवाह परिवार की सहमति से ना होकर स्वय की इच्छा से
किया जाता हैं | पूर्व समय मे प्रेम संबंध या यौन आकर्षण
विवाह संबंध के बाद ही होता था परंतु आज के इस भागते दौड़ते कलयुग मे विवाह के
पूर्व स्त्री पुरुष के बीच प्रगाढ़ परिचय व आकर्षण हो जाने पर उनमे प्रेम संबंध हो
जाते हैं जिनके विषय मे मनु महाराज की उक्ति बिलकुल सटीक बैठती हैं |
इच्छायान्योन्य
संयोग: कान्याश्च वरस्य |
गंधर्वस्य
तू विषेय: मैथुन्य: कामसंभव ||
अर्थात
स्त्री पुरुष रागाधिक्य के फलस्वरूप स्वेच्छा से परस्पर संभोग करते हैं जिसे
(शास्त्रो मे) गंधर्व विवाह कहा जाता हैं | इस संबंध
मे स्त्री पुरुष के अतिरिक्त किसी की भी स्वीकृति ज़रूरी नहीं समझी जाती हैं अब
चूंकि भारतीय समाज इस तरह के जीवन को अनुमति नहीं देता हैं तो ऐसा जीवन जी रहे
स्त्री पुरुष को समाज की स्वीकार्यता हेतु मजबूरी वश वैवाहिक संस्कारो के तहत इसे
अपनाना पड़ता हैं जिसे वर्तमान मे प्रेम विवाह कहा जाता हैं |
प्रेम
विवाह या गंधर्व विवाह के कई कारण हो सकते हैं परंतु यहाँ हम केवल ज्योतिषीय
दृस्टी से यह जानने का प्रयास करेंगे की ऐसे कौन से ग्रह या भाव होते हैं जो किसी
को भी प्रेम या गंधर्व विवाह करने पर मजबूर कर देते हैं | हमारे इस प्रयास मे हमने 501 जातको की कुंडलियों का
अध्ययन किया जिन्होने प्रेम विवाह किया था हमने यह पाया की लगभग 85% प्रेमविवाह
अपनी जाति या समाज से बाहर अर्थात अंतरजातीय होते हैं |
भाव
– लग्न,द्वितीय,पंचम,सप्तम,नवम व द्वादश
ग्रह – मंगल,गुरु व शुक्र
लग्न
भाव- यह भाव स्वयं या निज का प्रतिनिधित्व
करता हैं जो व्यक्ति विशेष के शरीर व व्यक्तित्व के विषय मे सम्पूर्ण जानकारी देता
हैं |
द्वितीय
भाव- यह भाव कुटुंब,खानदान व अपने परिवार के विषय मे
बताता हैं जिससे हम बाहरी सदस्य का अपने परिवार से जुड़ना भी देखते हैं |
पंचम
भाव- यह भाव हमारी बुद्धि,सोच व पसंद को बताता हैं जिससे
हम अपने लिए किसी वस्तु या व्यक्ति का चयन करते हैं |
सप्तम
भाव – यह भाव हमारे विपरीत लिंगी साथी का होता हैं जिसे भारत मे हम पत्नी भाव भी कहते
हैं इस भाव से स्त्री सुख देखा जाता हैं |
नवम भाव-
यह भाव परंपरा व धार्मिकता से जुड़ा होने से धर्म के विरुद्ध किए जाने वाले कार्य
को दर्शाता हैं |
द्वादश
भाव- यह भाव शयन सुख का भाव हैं |
ग्रह – मंगल
यह ग्रह पराक्रम,साहस,धैर्य व
बल का होता हैं जिसके बिना प्रेम संबंध बनाना या प्रेम विवाह करना असंभव हैं
क्यूंकी प्रेम की अभिव्यक्ति साहस बल व धैर्य से ही संभव हैं |
शुक्र – यह
ग्रह आकर्षण,यौन आचरण,सुंदरता,प्रेम वासना,भोग,विलास,ऐश्वर्या का प्रतीक हैं जिनके बिना प्रेम संबंध हो ही नहीं सकते |
गुरु – यह
ग्रह स्त्रीयों मे पति कारक होने के साथ साथ पंचम व नवम भाव का कारक भी होता हैं साथ
ही इसे धर्म व परंपरा के लिए भी देखा जाता हैं |
प्रेम
विवाह के सूत्र वैसे तो बहुत से बताए गए हैं परंतु हमने अपने इस शोध मे जो सूत्र
उपयोगी पाये या प्राप्त किए वह इस प्रकार से हैं |
१) पंचम
भाव /पंचमेश का मंगल/शुक्र से संबंध |
२) पंचम
भाव /पंचमेश,सप्तम भाव/सप्तमेश का लग्न/लग्नेश
या द्वादश भाव/द्वादशेश से संबंध |
३) लग्न,सूर्य,चन्द्र से दूसरे भाव या द्वितीयेश का मंगल से
संबंध |
४) पंचम
भाव/पंचमेश का नवम भाव/नवमेश से संबंध |
५) पंचम
भाव /पंचमेश,सप्तम भाव/सप्तमेश,नवम भाव/नवमेश का संबंध |
६) एकादशेश
का/एकादश भाव मे स्थित ग्रह का पंचम भाव/सप्तम भाव से संबंध और शुक्र ग्रह का लग्न
या एकादश भाव मे होना |
७) पंचम-सप्तम
का संबंध |
८) मंगल-शुक्र
की युति या दृस्टी संबंध किसी भी भाव मे होना |
९) पंचमेश-नवमेश
की युति किसी भी भाव मे होना |
अंतरजातीय
विवाह मे इन सूत्रो के अलावा यह चार सूत्र भी सटीकता से उपयुक्त पाये गए |
1) लग्न, सप्तम व नवम भाव पर शनि का प्रभाव |
2) विवाह
कारक शुक्र व गुरु पर शनि का प्रभाव |
3) लग्नेश/सप्तमेश
का छठे भाव /षष्ठेश से संबंध-अंतरजातीय विवाह मे शत्रुता या विवाद का होना आवशयक
होता हैं जिस कारण छठे भाव का संबंध लग्नेश या सप्तमेश से होना ज़रूरी हो
जाता हैं |
4) द्वितीय
भाव मे पाप ग्रह |
आइए इन
सूत्रो को कुंडलियों मे देखते हैं | यहाँ पहले हम अपनी
ही जाति (सजातीय) प्रेम विवाह की कुण्डलिया प्रेषित कर रहे हैं |
१)१५/११/१९८६
को १२:०० बजे हैदराबाद मे जन्मी इस मकर लग्न की जातिका ने अपनी ही जाति के एक जातक
से प्रेम विवाह किया इसकी पत्रिका मे सूत्र संख्या १,२,३,४,५,व ७ लगते हैं यह पत्रिका मशहूर खिलाड़ी सानिया मिर्ज़ा की हैं जिन्होने
पाकिस्तानी खिलाड़ी सोएब मालिक से प्रेम विवाह किया हैं |
२)कुम्भ
लग्न मे जन्मे इस जातक (३/५/१९६२ ३:०० रायपुर ) ने अपनी ही जाति की स्त्री से
प्रेम विवाह किया इसकी पत्रिका मे सूत्र संख्या १,३,४,५ लगते हैं |
३)३०/८/१९७५
६:३० फ़ैज़ाबाद मे जन्मे सिंह लग्न के इस जातक ने अपनी ही बिरादरी की स्त्री से
प्रेम विवाह किया हैं इस की पत्रिका मे सूत्र संख्या १,२,४,५,६,८ लगते हैं |
४)२६/८/१९७८
५:३२ को दिल्ली मे जन्मे इस सिंह लग्न के जातक ने ४/८/१९८३ १३:२१ को बंगलौर मे
जन्मी वृश्चिक लग्न की इस जातिका से सजातीय प्रेम विवाह किया इन दोनों की पत्रिका
मे सूत्र संख्या १,२,३,४,८ और २,४,५ लगते हैं |
५)६/३/१९८१
१०:४५ को यमुनानगर मे जन्मी इस वृषभ लग्न की जातिका ने अपनी ही जाति के ५/१/१९७८
१५:०८ को दिल्ली मे वृषभ लग्न मे ही जन्मे इस जातक से प्रेम विवाह किया इन दोनों
की पत्रिका मे सूत्र संख्या १,२,४,५,८ व २,३,७ लगते हैं |
६)५/६/१९७०
११:०२ को मथुरा मे जन्मे सिंह लग्न के इस पुरुष जातक ने सजातीय स्त्री से प्रेम
विवाह किया इसकी पत्रिका मे १,२,३,४,५,७,व ८ सूत्र लगते हैं |
७)१८/१०/१९५७
को २:१२ पर अजमेर मे जन्मे इस सिंह लग्न के जातक ने सजातीय स्त्री से प्रेम विवाह
किया था इनकी पत्रिका मे सूत्र संख्या १,२,३,व ४ लगते हैं |
८)११/१/१९४८
को ३:५५ पर विदिशा मे वृश्चिक लग्न मे
जन्मे इस जातक ने २५/२/१९४९ को ४:२५ पर गोंडा मे जन्मी मकर लग्न की इस स्त्री
प्रेम विवाह किया इन दोनों की पत्रिका मे सूत्र संख्या १,२,४,५ व १,२,३,८ लगते हैं |
९)८/७/१९७२
को ८:२६ पर कलकत्ता मे सिंह लग्न मे जन्मे प्रसिद्द क्रिकेट खिलाड़ी सौरव गांगुली
ने अपनी ही जाति की स्त्री से प्रेम विवाह किया हैं इनकी पत्रिका मे सूत्र संख्या
२,३,४,७,८,लगते हैं |
१०)२२/६/१९६६
को ९:०० पर दिल्ली मे जन्मी इस जातिका ने सजातीय प्रेमविवाह किया हैं इसकी पत्रिका
मे सूत्र संख्या १,२,३,७,८ लगते हैं |
इनके
अतिरिक्त निम्न कुंडलियों मे भी सजातीय प्रेमविवाह के योग पाये गए हैं |
१)१/१२/१९७०
१२:३२ दिल्ली कुम्भ लग्न मे जन्मी जातिका |
२)२६/१२/१९८१
१:३० एटा कन्या लग्न मे जन्मा जातक |
अब कुछ
अंतरजातीय प्रेम विवाह की कुण्डलिया देखते हैं | ऐसे विवाहो का ज़िक्र हो ओर भारत के प्रमुख दो परिवारों का ज़िक्र इसमे ना
हो ऐसा हो नहीं सकता हैं यह परिवार हैं गांधी परिवार व बच्चन परिवार इन दोनो
परिवारों के लगभग सभी सदस्यो ने प्रेम व अंतरजातीय विवाह किए हैं |
१) इन्दिरा
गांधी-१९/११/१९१७ को २३:११ पर इलाहाबाद मे कर्क लग्न मे जन्मी इन्दिरा गांधी ने पारसी
समुदाय के फ़ीरोज गांधी से अंतरजातीय प्रेम विवाह किया था | इनकी पत्रिका मे सूत्र संख्या १,२,३,४,५ व अंतरजातीय विवाह के
सूत्र संख्या १,३,४,लगते हैं |
२) राजीव
गांधी-२०/८/१९४४ को ८:०० बजे मुंबई मे सिंह लग्न मे जन्मे राजीव गांधी ने भी
अंतरजातीय प्रेम विवाह किया था इनकी पत्रिका मे सूत्र संख्या १,२,३,४,६,७,व १,२,३,४ लगते हैं |
३) प्रियंका
गांधी -१२/१/१९७२को दिल्ली मे मिथुन लग्न मे जन्मी प्रियंका ने अपने सहपाठी रोबर्ट
बढेरा से अंतरजातीय प्रेम विवाह किया हैं इनकी पत्रिका मे सूत्र संख्या १,२,४,५ व १,२,४ लगते हैं |
४) अमिताभ
बच्चन-११/१०/१९४२ को १६:०० इलाहाबाद मे कुम्भ लग्न मे जन्मे श्री बच्चन ने जया
भादुडी से अंतरजातीय प्रेम विवाह किया था इनकी पत्रिका मे सूत्र संख्या १,३,४,५,७,८ व १,२,३,४ लगते हैं |
५) अभिषेक
बच्चन-५/२/१९७६ को १२:२६ पर मुंबई मे मेष लग्न मे जन्मे अभिषेक ने अपनी पसंद से
ऐश्वर्या राय से अंतरजातीय प्रेमविवाह किया हैं इनकी पत्रिका मे सूत्र संख्या १,२,३,८,व
१,२,४ लगते हैं |
६) ऐश्वर्या
राय -१/११/१९७३ को १२:१० पर मंगलोर मे धनु लग्न मे जन्मी ऐश्वर्या ने अभिषेक बच्चन
से अंतरजातीय प्रेम विवाह किया इनकी पत्रिका मे सूत्र संख्या १,३,४,५,६,७ व १,२,४,लगते हैं |
७) १८/१२/१९६४
को २३:१० पर दुर्ग मे सिंह लग्न मे जन्मी इस बंगाली जातिका ने पुंजाबी युवक से
अंतरजातीय प्रेम विवाह किया इसकी पत्रिका मे सूत्र संख्या १,२,४,५,७,८ व १,२,४, लगते हैं |
८) ८/११/१९७७
को ९:३० चेन्नई मे जन्मी इस तमिल जातिका ने मुस्लिम युवक से अंतरजातीय प्रेम विवाह
किया इसकी पत्रिका मे सूत्र संख्या १,२,३,४,५,६,८, व १,२,३,४ लगते हैं |
इनके
अतिरिक्त और भी ऐसे कई प्रसिद्द उदाहरण हैं जिनमे प्रेम विवाह व अंतरजातीय विवाह
के सूत्र पूर्णतया लागू हो रहे हैं इन मे कुछ निम्न हैं |
१)महेंद्र
सिंह धोनी ७/७/१९८१ कन्या लग्न,२)स्मिता पाटिल
१७/१०/१९५५ मेष लग्न,३)डिंपल कपाड़िया ८/६/१९५७ कन्या लग्न,४)वैजयंती माला १३/८/१९३६ तुला लग्न,५)राजेश खन्ना
२९/१२/१९४२ मिथुन लग्न,६)शाहरुख खान २/११/१९६५ सिंह लग्न,७)विधा बालन १/१/१९७८ धनु लग्न,९)अखिलेश यादव
२४/१०/१९७२ तुला लग्न,१०)चन्द्र मोहन १३/९/१९६५ मकर लग्न,११)चाँद फिजा २५/७/१९७१ धनु लग्न,१२)आमिर खान
१४/३/१९६५ मेष लग्न,१३)सचिन तेंदुलकर २१/४/१९७३ कन्या लग्न,१४)इमरान खान(क्रिकेटर)५/१०/१९५२ वृश्चिक लग्न,१५)श्री
मोहनलाल सुखाडिया ३१/७/१९१६ धनु लग्न,१६)२५/५/१९७७ मिथुन
लग्न,१७)२९/३/१९७९ सिंह लग्न की महिला जातिका,१८)२९/८/१९५९ तुला लग्न,१९)२३/९/१९८४ कुम्भ लग्न
महिला जातिका,२०)२४/८/१९६५ कन्या लग्न,२१)५/३/१९७२
वृश्चिक लग्न,२२)१२/११/१९८० वृश्चिक लग्न,२३)९/३/१९७८ सिंह लग्न महिला जातिका,२४)३०/७/१९७१वृषभ
लग्न,२५)३०/८/१९५६ कर्क लग्न,२६)७/५/१९६८
कन्या लग्न,२७)२६/७/१९७३ वृषभ लग्न,२८)१३/१२/१९५०
धनु लग्न,२९)२४/६/१९५२ मिथुन लग्न,३०)९/३/१९७८
सिंह लग्न महिला जातिका |
निष्कर्ष
–अपने शोध मे हमने पाया की जब भी पत्रिका मे उपरोक्त सूत्र लगते हैं व्यक्ति विशेष
प्रेम विवाह करते हैं और यदि इन्ही सूत्रो के अतिरिक्त उपरोक्त अन्य चार सूत्रो मे
से कम से कम दो सूत्र लगते हैं तो व्यक्ति विशेष अंतरजातीय प्रेमविवाह करता हैं |
डॉ॰
किशोर घिल्डियाल
९२ डी
पॉकेट डी १
मयूर
विहार ३
दिल्ली
९६
फोन-९८१८५६४६८५,९५४०७१५९६९