१) रोग निवारण हेतु-1) कृष्ण पक्ष में चमकीला काला कपडा,उड़द तथा एक रुपये का सिक्का दान करे|
२)पारिवारिक कलह हो तो - सभी दरवाजों पर गंगाजल छिडके ध्यान रखे की छीटे स्वयं पर ना पड़े |
३) स्मरण शक्ति बढाने हेतु -गुरूवार के दिन इमली के पत्ते पुस्तकों में रखे |.
४) शीघ्र विवाह हेतु -शुक्ल पक्ष के प्रथम मंगलवार से पाँच रुपये की जलेबी २१ मंगलवार को हनुमान मंदिर में हनुमान जी के सम्मुख रख कर जाए. (पुरुष) |
५) बच्चो के स्वस्थ हेतु -१) गोमती चक्र का पेंडल बच्चे के गले में पहनाये .|
२) प्रत्येक मंगलवार कच्चा दूध ७ बार उतारा कर कुत्ते को पिला दे |.
६) बिस्तर पर पेशाब -१) ऊट के बाल बच्चे की दाहिनी जांघ पर धागा बनाकर बांधे |
२) शमशान की मिट्टी चान्दी के ताबीज में बच्चे के हाथ से पीपल के नीचे दबवा दे |
७) धन लाभ हेतु -१) एक शीशी में शहद भरकर ११ दाने सफ़ेद गूंजा डाल कर श्री सूक्त के ११ पाठ पढ़े,खीली हुई खील तथा कमलगट्टे से 16 आहुति हवन करे शीशी को व्यापर स्थल रख दे तथा श्रीसूक्त का पाठ नित्य करे.|
२) शुक्रवार के दिन इत्र चौराहे के मध्य में छोड़ कर आये |
३) इमली की टहनी गल्ले में रखे |.
४) जलकुम्भी गुरूवार को लाकर पीले कपडे में बांधकर घर के ईशान कोण में लटका दे सप्ताह बाद बदलते रहे ऐसा ७ गुरूवार करे |.
८) संतान प्राप्ति हेतु -पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में बरगद के पेड़ की जड़ धागे से भुजा पर पहने |.
९) सुख समृधि हेतु -पुष्य नक्षत्र में सफ़ेद आक की जड़ दाई भुजा में बांधे |
१०) अचल सम्पति हेतु --पुरे वर्ष हर शुक्रवार को भूखे व्यक्ति को भोजन व हर रविवार को गाय को गुड खिलाये |.
११) योग्यतानुसार काम ना मिलने पर सोमवार फिटकरी तवे पर फुलाकर 7 बार सिर से उतारा कर गंदे पानी में बहाए |.
२) एक बेदाग़ नींबू चार बराबर टुकडो में कर चौराहे की चारो दिशा में फ़ेंक आये तथा पीछे मुड कर ना देखे |
१२) अनिच्छा हेतु -1) भैरव बाबा को रविवार के दिन शराब, दही बड़े, इमरती चढ़ाये खाली बोतल वापस लेकर ७ बार उतारा कर पीपल के पेड़ के नीचे रख आये |
२)गुरूवार के दिन केले की जड़ पीले कपडे में बांधकर १ माला ॐ ग्राम ग्रीम ग्रो सा गुरुवे नमः की जपे | ३) दो लोंग एक कपूर का टुकड़ा ३ बार गायेत्री मंत्र पढ़ अभी मंत्रित करे फिर जला दे (पुरबमुखी होकर) गायेत्री मंत्र करते रहे फिर भस्म दिन में दो बार जीभ पर लगाये | .
१३) धनप्राप्ति हेतु -श्यामा तुलसी के आसपास की घास किसी गुरूवार के दिन लेकर पीले कपडे में बांध कर लक्ष्मी का ध्यान कर धूप दीप कर तिजोरी अथवा व्यापार स्थल में रखे |
१४) विरोधी की शांति के लिये-रविवार,मंगलवार सोकर उठते ही 3 बार विरोधी की कोसे फिर सफ़ेद काग़ज़ पर काली श्याही से विरोधी का नाम लिखकर उस काग़ज़ को काले धागे में लपेटकर रखले फिर शाम को उस काग़ज़ को पीपल की जड़ के नीचे दबा दे |.
१५)नज़र दोष -१) फिटकरी को २१ बार उतारा कर चूल्हे में जलादे (तीन बार सुबह दोपहर शाम)
१६) व्यवसाय वृद्धि हेतु -१) रविवार दोपहर को ५ कागज़ी नींबू काटकर एक मुठ्ठी काली मिर्च,१ मुठ्ठी पीली सरसों व्यवसाय स्थल पर रख दे अगले दिन दूकान खोलते समय सभी वस्तुए वीराने में दबा दे |
२) गल्ले के नीचे काली गूंजा रखे |
३) शुक्ल पक्ष से ११ गुरूवार व्यापार स्थल के मुख्य द्वार के एक कोने को गंगाजल से धो ले उसमे स्वस्तिक बनाकर उसमे गुड चने की दाल रखे इसे बार बार देखे (खराब होने पर जलप्रवाह करे )११ गुरूवार के बाद गणेश जी को सिंदूर लगाकर पाँच लड्डू अर्पित कर कहे "जय गणेश काटो कलेश ."|
१७) सुख शांति हेतु -१) अशोक के पत्ते मंदिर में रख पूजा करे सूखने पर नए पत्ते रखे पुराने पत्ते पीपल के नीचे रख आये.|
२) रात को दूध सिरहाने रख सुबह घर पर छिडकाव करे |
१८) व्यापार में घाटा होने पर बर बुधवार को ११ कौड़ीया,एक जोड़ा लौंग,छोटी इलायची,व्यापार स्थल की मिट्टी लेकर कौड़िया जलाकर राख पान के पत्ते पर रखकर ताम्बे का छेद किया हुआ सिक्का रखकर जल प्रवाह करे उस दिन उपवास रखे तथा 9 वर्ष से छोटी कन्याओ को भोजन कराये |.