बुधवार, 10 फ़रवरी 2010

अच्छे अंक प्राप्त कैसे करे

आजकल की इस तेज रफ्तार युग में हर व्यक्ति जल्द से जल्द सफल व संपन्न हो जाना चाहता है जिसके लिए वह अच्छी शिक्षा प्राप्त कर बड़ी से बड़ी नौकरी व आजीविका करना चाहता है। परंतु इस प्रतिस्पर्धात्मक युग में केवल अच्छी शिक्षा का होना ही आवश्यक नहीं होता बल्कि परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करना भी जरूरी होता है। यहां कुछ सुलभ और सहज उपायों व टोटकों का विवरण प्रस्तुत है जिन्हें अपना कर कोई छात्र अच्छे अंक प्राप्त कर सकता है।

परीक्षा देने जाते समय यदि छात्र को रास्ते में किसी पेड़ का पत्ता गिरता दिखाई दे, तो उसे जमीन पर गिरने से पहले ही पकड़ कर अपनी जेब या बैग में रख ले, उस दिन की परीक्षा अच्छी होगी।

जो विषय कठिन लगता हो उसकी पुस्तक में गणेश जी का चित्र तथा दूर्वा के ११ पत्र रखें। मंगलवार को उस पुस्तक को लकड़ी की चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर स्थापित करें तथा थोड़ा सा गंगाजल छिड़क कर कुंकुम, पुष्प, धूप, दीपादि से यथासंभव उसकी पूजा करें तथा किसी भी खाद्य पदार्थ से भोग लगाएं। फिर इस पुस्तक को अपने तकिए के नीचे रख दें। जब इस पुस्तक का अध्ययन करना हो, तो उसे पूर्ण श्रद्धा के साथ माथे से लगाएं और अध्ययन के बाद पुनः तकिए के नीचे रख दें। ऐसा परीक्षा आने तक नित्य करें, आशातीत लाभ मिलेगा।

सरस्वती यंत्र का जल से अभिषेक कर गंध, पुष्प, फूल, धूप, दीप आदि से उसकी पूजा करके शुक्ल पक्ष में गुरुवार या पूर्णिमा को अपने घर पर स्थापित करें तथा ४१ दिन तक ÷ ओम्‌ ऐं महासरस्वत्यै नमः।' मंत्र का २१ बार जप करें तथा सरस्वती चालीसा का पाठ करें।

परीक्षाओं के समय मीठा दही नियमित रूप से लें, परंतु ध्यान रखें कि प्रतिदिन इसे लेने के समय में परिवर्तन करते रहना है अर्थात यदि पहले दिन सुबह आठ बजे लिया हो, तो अगले दिन ९ बजे लें। इस क्रिया को रोज एक घंटा आगे बढ़ाते रहें, ईश्वर की कृपा प्राप्त होगी।

गुरु पुष्य योग के बुधवार को गणेश जी मंदिर में सिंदूर दान करें तथा उन्हें लड्डू का भोग लगा कर प्रसाद बांटें।

अध्ययन यथासंभव ब्राह्म मुहूर्त में पूर्वाभिमुख या उत्तराभिमुख होकर ही करें।

स्वर शास्त्र के अनुसार जब दायां स्वर (सूर्य) चल रहा हो, तब कठिन विषय पढ़ें। परीक्षा में जाते समय जो स्वर चल रहा हो, उसी के अनुरूप पैर पहले बाहर निकालें। परीक्षा कक्ष में भी स्वर के अनुरूप ही पैर बढ़ा कर प्रवेश करें।

स्मरण शक्ति को प्रबल करने हेतु ब्राह्मी और शंखपुष्पी का सेवन करें तथा कपूर व फिटकरी हमेशा साथ रखें।

मन की एकाग्रता हेतु पंचमेश (पांचवें भाव का स्वामी ग्रह) का इत्र परीक्षाओं के दिनों में सूंघें और लगाएं। ग्रहों के इत्र का विवरण नीचे की तालिका में प्रस्तुत है।

परीक्षा के समय वार के अनुरूप किए जाने वाले उपाय

सोमवार : शिवलिंग पर पान का पत्ता चढ़ाकर जाएं।

मंगलवार : हनुमान जी को गुड़ और चने का भोग लगाकर और प्रसाद खाकर जाएं।

बुधवार : धनिया चबाकर जाएं।

बुरुवार : केसर का तिलक करें और पीली सरसों लेकर जाएं।

शुक्रवार : देवी को खीर का भोग लगाकर और प्रसाद खाकर जाएं।

शनिवार : राई के दाने रखकर जाएं।

राशि के अनुरूप टोटके

मेष व वृश्चिक : दोनों राशियों का स्वामी मंगल है अतः मंगलवार को दूध व जल से शिवलिंग का अभिषेक कर मसूर की दाल, गुड़ व गुलाब के फूल (१ या ८) चढ़ाकर प्रार्थना करें और गाय को गुड़ खिलाएं। फिर स्वयं एक टुकड़ा गुड़ खाकर परीक्षा देने जाएं।

वृष व तुला : शुक्रवार को सफेद गाय को जौ खिलाएं, शुक्र व सरस्वती स्तोत्र का जपकर मिश्री खाकर परीक्षा देने जाएं।

मिथुन व कन्या : बुधवार को बुध व गणेश स्तोत्र का जप करें, साबुत मूंग दान करें और हरा रुमाल साथ लेकर परीक्षा देने जाएं।

कर्क : सोमवार को रुद्राभिषेक कर शिवाष्टक या चंद्र स्तोत्र का पाठ कर और दर्पण में चेहरा देखकर परीक्षा देने जाएं।

सिंह : रविवार को सूर्य को रोली मिश्रित जल का अर्य दें और सूर्य स्तोत्र का पाठकर गुड़ खाकर जाएं।

धनु व मीन : गुरुवार को मंदिर में पीली वस्तुएं (चने की दाल, पीले फल व फूल, हल्दी, केसर आदि) दान करें, गाय व घोड़े को चने की दाल खिलाएं और ÷क्क नमो भगवते वासुदेवाय नमः' मंत्र का जप कर तथा पीला रुमाल लेकर परीक्षा देने जाएं।

मकर व कुंभ : शनिवार को शनि मंदिर में शनि की वस्तुएं (उड़द, लोहा, तिल, काले वस्त्र, नीले फूल आदि) दान कर शनि स्तोत्र का पाठ करें और अदरक का टुकड़ा लेकर परीक्षा देने जाएं। इन उपायों के अतिरिक्त गुरु यंत्र धारण करने से भी परीक्षा में गुरुओं का आशीर्वाद मिलता है तथा अच्छे अंक प्राप्त होते हैं। यह यंत्र गले में ताबीज की तरह धारण करना चाहिए।

विशेष : सभी समग्री शुद्ध, असली व प्रामाणिक होनी चाहिए।

1 टिप्पणी:

दिनेश शर्मा ने कहा…

पंडित जी
इस लाभकारी जानकारी के लिए आभार।