बृहस्पति 5 नवंबर
2019 को वृश्चिक राशि से धनु राशि में प्रातः 2:31 पर प्रवेश करेंगे जहां वह मूल नक्षत्र
में 4 जनवरी 2020 तक उसके बाद पूर्वषाढ़ा नक्षत्र में 8 मार्च 2020 तक रहेंगे | धनु से बृहस्पति
30 मार्च 2020 को अतिचार अवस्था में मकर राशि में प्रवेश करेंगे तथा 15 मई 2020 से
उनका वक्री होना आरंभ होगा,30 जून 2020 को मकर राशि से वक्री अवस्था में धनु राशि में
प्रवेश करेंगे तथा 14 सितंबर 2020 को मार्गी हो जाएंगे,जहां वह 30 नवंबर 2020 तक रहेंगे
| 28 दिसंबर
2019 को सूर्य और बृहस्पति के अंश समान होंगे |
बृहस्पति के धनु राशि में प्रवेश करने
से चंद्रमा का उस दिन का गोचर श्रवण नक्षत्र के चौथे चरण में मकर राशि में होगा जिससे
मकर,सिंह और मीन राशि वालों को स्वर्ण पाये के कारण बहुत
लाभ, धनु कन्या वृषभ राशि वालों को रजत पाया होने के कारण
अच्छे परिणाम,वृश्चिक और मेष
वालों को साधारण तथा मिथुन तुला और कुंभ राशि वालों को ज्यादा शुभ
परिणाम नहीं मिलेंगे |
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हम मानते हैं
कि गुरु का गोचर जातक विशेष को आराम व सुख प्रदान करता है उनका अपनी
ही राशि में गोचर करना कुछ नए राजनीतिक परिणाम,आर्थिक जगत में हलचल व धार्मिक गतिविधियो के परिणाम धरती पर
दे सकते हैं | जब गुरु धनु राशि में पहुंचेंगे वह शनि और केतु से मिलेंगे तथा उन्हें
राहु देख रहा होगा,गुरु एकमात्र ऐसे हैं जो राहु को नियंत्रण में रखते हैं,मीन और धनु
राशि तथा पुनर्वसु,विशाखा और पूर्वभद्रपद नक्षत्र का स्वामित्व गुरु को प्राप्त
है |
ज्योतिष के अनुसार गुरु की शुभता पाने पर जातक
विशेष प्रसिद्धि भाग्यवान तथा नामचीन होता है गुरु को ज्योतिष शास्त्र में वरदान तथा
मौका देने वाला माना गया है इसे शिक्षक के दर्जे में रखा गया है | गुरु के आशीर्वाद के
कारण व्यक्ति विशेष के जीवन में कुछ नए कार्य होते हैं गुरु का संबंध जातक विशेष के सभी
बुराइयों को समाप्त कर उसके जीवन में खुशहाली देता है,यदि गुरु शुभता के साथ कुंडली में होतो जातक
विशेष को जीवन में कोई ज्यादा परेशानियों का सामना करना नहीं पड़ता अब क्योंकि गुरु
अपने उच्च स्थान से 145 डिग्री के अंश में गोचर करेगा
तथा नीचता की और बढ़ेगा उसका नीच स्वामी शनि भी उसके साथ मे है | इस प्रकार
दशा भुक्ति के अनुसार देखें तो अच्छे और बुरे दोनों परिणाम मिलने के योग बन जाएंगे
|
यह गुरु भारत की पत्रिका
के आठवें भाव में गुजरेगा तथा काल पुरुष की पत्रिका में नवे भाव से गुजरेगा
जिससे धरती पर धार्मिक कार्य बढ़ने लगेंगे क्योंकि ज्ञान कारक केतु पहले से ही धनु
राशि में है | 23 नवंबर से 17 दिसंबर 2019 के बीच शुक्र धनु राशि में आ जाएगा जिससे खेल,सौंदर्य प्रसाधन तथा वाहन क्षेत्र को लाभ मिलेगा | 22 दिसंबर से 7 जनवरी 2020 तक गुरु केतु सूर्य बुध धनु राशि में होंगे इस समय
मशीनरी,गैस,केमिकल तथा बैंकिंग के क्षेत्रों में कुछ ना कुछ उधेड़बुन की स्थिति बनी
रहेगी | हमे इस दौरान प्रदूषण,मोटापा,डायबिटीज,लीवर की खराबी जैसे परिणाम देखेंगे, पड़ोसी
देश से भी परेशानी मिलने के योग बनेंगे क्योंकि गुरु जब भी धनु राशि में होता है भारत
और पाकिस्तान के बीच कोई ना कोई विवाद होता है ऐसा 1971 में भी हुआ था |
शराब का व्यापार
चलेगा,धार्मिक यात्रियों से संबंधित,दवाइयों में नई खोज,जुआ,शिक्षण,प्रकाशन,कर्ज
इत्यादि के बिजनेस फले फूलेंगे | जो लोग धनु राशि के द्वारा प्रभावित हैं उनके
जीवन में बहुत ज्यादा तरक्की के योग बनेंगे,कुछ नई खोजें भी इस दौरान देखने को मिलेगी हम सब
जानते हैं कि बृहस्पति के 2007 में धनु राशि गोचर होने पर हमें आईफोन की प्राप्ति
हुई थी |
धनु और गुरु दोनों प्रकाशन के क्षेत्र
को बताते हैं जिससे प्रकाश क्षेत्र में कुछ नया होगा,1936 में गुरु के गोचर पर बीबीसी
ने अपना पहला टेलीविजन प्रोग्राम दिया था,क्योंकि धनु राशि न्याय अथवा नैतिकता की राशि
है इनसे संबंधित चीजों में बड़ा प्रभाव पड़ेगा |