२०१० भारत के लिए बेहद कामयाबी भरा साल रहा भारत ने हर क्षेत्र में समस्त विश्व में अपने परचम लहराया ऐसे में सन २०११ भारत के लिए कैसा रहेगा ? यह जानना प्रत्येक भारतवासी चाहता हैं | आइये ज्योतिषीय दृष्टी से जानने का प्रयास करते हैं की सन २०११ भारत के लिए कैसा रहेगा |
भारत की कुंडली वृष लग्न व कर्क राशी की हैं | वर्तमान दशा सूर्य में राहू की अक्तूबर २०११ तक रहेगी | सूर्य तीसरे भाव में तथा राहू लग्न में हैं जिससे भारत के पडोसी देशो व भारत के उपरी हिस्सों में ज़्यादातर प्रभाव पड़ेंगे चूँकि राहू लग्न में ही हैं अत: यह वर्ष भारत हेतु अत्यधिक विनाशकारी हो सकता हैं | वर्षारंभ में ही सूर्य ग्रहण होना,चार ग्रहों का एक राशी में होना,मंगल का ऊँच होना,२६ जनवरी को शनि का वक्री होना तथा सबसे अहम् वर्ष का आरम्भ शनिवार से होना, यह सभी संकेत भारत हेतु शुभता नहीं दिखा रहे हैं | इन सबसे निम्नलिखित प्रभाव सामने आ सकते हैं |
१) सीमाओ पर आक्रमण हो सकता हैं | कोई छोटा युद्ध भी करना पड़ सकता हैं | विशेषकर पाकिस्तान व बंगलादेश से सावधान रहने की ज़रूरत हैं |
२) आतंकी घटनाएं व दुर्घटनाये (वायु व रेल) बढेगी |
३) पूर्वी भारत में आगजनी,हिंसा व सुखा जैसी स्थिति बनेगी |
४) उत्तर व मध्य भारत में भूकंप व बाढ़ जैसे हालत होंगे |
५) किसी महत्वपूर्ण व्यक्ति की हानि हो सकती हैं |
६) अति विशिष्ठ नेता,मंत्री पर हमला हो सकता हैं (२६ जनवरी से २० जून तक )
७) महंगाई बहुत बढेगी,दूध व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित होगा |
८) खेलो में भारत का प्रदर्शन घटेगा |
९) विदेशो से संबंधो में कटुता बढेगी|
इस प्रकार यह कहा जा सकता हैं की यह वर्ष भारत के लिए शुभता नहीं दर्शा रहा हैं |
अंक ज्योतिष द्वारा आंकलन करने पर हमें निम्न आंकड़े मिलते हैं | भारत की आज़ादी का वर्षांक (१९४७)=३ आता हैं जबकि इस वर्ष का वर्षांक (२०११)=४ आता हैं | ३ का अंक गुरु का हैं जबकि ४ का अंक राहू का हैं भारत हेतु ४ का अंक हमेशा ही दुखदायी रहा हैं (१९४८,१९८४)
योगकारक एवं भाग्येश शनि(८) का २६ जनवरी से वक्री होना,गुरु ग्रह का राशी परिवर्तन भी इसी वर्ष होगा जिससे शनि का प्रभाव और बढेगा इन सब कारणों से भारतीय जनता में असंतुष्टि के भाव बढेंगे तथा जनता भयाक्रांत रहेगी |
अंक ज्योतिष के आधार पर भारत में कुछ इस तरह की घटनाएं हो सकती हैं |
१) भारत पर आतंकी हमला हो सकता हैं |
२) किसी प्रतिष्ठित कलाकार को अपमान का सामना करना पड़ सकता हैं |
३) शीर्ष नेता षड्यंत्र का शिकार हो सकते हैं |
४) दुर्घटनाये व आगजनी बढेगी |
५) महंगाई बढेगी तथा अनाजो की कमी होगी |