मंगलवार, 19 सितंबर 2017

पथरी


पथरी 

हमारे शरीर मे होने वाले रोगो मे पथरी अथवा स्टोन होना बहुत साधारण सी बात हैं मूत्र रोगो मे होने वाले रोगो मे से एक यह पथरी रोग बहुत  ही कष्टकारी होता हैं जिसमे पेशाब अथवा मूत्र मे घुले हुये महीन कण धीरे धीरे जमा होकर पथरी का रूप ले लेते हैं |

शरीर मे पथरी बनने के कई कारण हो सकते हैं जिनमे से प्रमुख 2 कारण अवश्य होते हैं |

1)मेटाबोलिक कारण- इसमे शारीरिक चयापचय की गड़बड़ी अथवा भोजन मे असंतुलन होने के कारण पथरी का निर्माण होता हैं |

2)ऐसे भोजन का सेवन जिसमे मांस,प्रोटीन,अमलोत्पादक,तीक्ष्ण व शर्करा मसालो का प्रयोग ज़्यादा हो जो गुर्दो मे पहुँचने पर अधिक होने के कारण धीरे धीरे जमा होकर पत्थर का रूप ले लेते हैं जो पथरी कहलाता हैं |

पत्थर अथवा कंकड़ के रूप मे जमे यह भोज्य पदार्थ वैसे तो गुर्दो मे शांत पड़े रहते हैं परंतु जब यह मूत्र प्रवाह के साथ मूत्र नली मे फंस जाते हैं तो अंदरूनी त्वचा को छील देते जिससे दर्द,जलन व मूत्र मे रक्त आने लगता हैं |

मुख्यरूप से पथरी तीन प्रकार की होती हैं |

1)ओक्सिलेट पथरी-भोजन मे टमाटर,पालक इत्यादि के अधिक सेवन से ओक्सिलेट पदार्थ मूत्र मे एकत्र होने से यह पथरी बनती हैं |

2)कैल्सियम या फॉस्फेट पथरी-अधिक कैल्सियम पदार्थो को लेने से और पेराथाइराइड ग्रंथि की गड़बड़ी के कारण तथा लंबे समय तक आराम करने से एवं बुढ़ापे मे हड्डियों के घुलने से रक्त मे कैल्सियम बढ़ जाता हैं जिससे यह पथरी हो जाती हैं |

3)यूरिक अम्ल तथा यूरेटर पथरी-अत्यधिक प्रोटीन युक्त भोजन करने से इस प्रकार की पथरी होती हैं |

आइए ज्योतिषीय दृस्टिकोण से यह जानने का प्रयास करते हैं की यह पथरी रोग क्यू व कैसे होता हैं | जिसके लिए हमें निम्न भाव व ग्रहो को देखना चाहिए |

भाव–लग्न,छठा भाव

साधारणत: पथरी पेट मे पायी जाती हैं जिसका प्रतिनिधित्व कालपुरुष की पत्रिका मे छठा भाव करता हैं इसके अतिरिक्त लग्न भाव को भी देखा जाना चाहिए जो सम्पूर्ण शरीर के बारे मे बताता हैं |

ग्रह-सूर्य,बुध व शनि

कुंडली मे सम्पूर्ण शरीर का कारक सूर्य माना गया हैं तथा पत्थर का कारक शनि ग्रह हैं शनि का लग्न,षष्ठम,षष्ठेश व सूर्य से संबंध के अतिरिक्त काल पुरुष की पत्रिका मे छठे भाव का स्वामी बुध होने के कारण इस बुध ग्रह को भी देखना चाहिए |

राशि-कालपुरुष की पत्रिका मे पेट हेतु छठे भाव की राशि कन्या को देखा जाना चाहिए   

आइए अब कुछ कुंडलियाँ देखते हैं |

1)18/8/1944 21:55 कानपुर मेष लग्न मे जन्मे इस जातक के पेट मे पथरी हैं | सूर्य,बुध (षष्ठेश) पर शनि का दृस्टी प्रभाव हैं वही कन्या राशि मे मंगल पापग्रह स्थित हैं जो पत्रिका मे छठे भाव की ही राशि हैं |

2)3/4/1930 10:30 कोटा मिथुन लग्न की इस पत्रिका मे लग्न व षष्ठेश मंगल तथा कन्या राशि (चतुर्थ भाव) पर शनि की दृस्टी हैं छठा भाव पापकर्तरी मे हैं तथा बुध अस्त अवस्था मे हैं |

3)5/1/1978 15:08 दिल्ली वृष लग्न की इस पत्रिका मे शनि की लग्न व षष्ठ भाव पर दृस्टी हैं छठे भाव मे मंगल की भी दृस्टी हैं कन्या राशि मे राहू हैं व बुध शत्रु राशि मे हैं | षष्ठेश शुक्र अष्टम भाव मे हैं |

4)20/4/1958 13:00 अलवर कर्क लग्न की इस पत्रिका मे शनि छठे भाव मे ही हैं जिसकी तीसरे भाव कन्या राशि पर दृस्टी हैं इसी भाव पर मंगल का प्रभाव भी हैं तथा षष्ठेश गुरु राहू संग चतुर्थ भाव मे वक्र अवस्था मे हैं |

5)20/10/1948 2:45 नारनौल सिंह लग्न की इस पत्रिका मे षष्ठेश शनि लग्न मे स्थित होकर सूर्य को प्रभावित कर रहा हैं वही कन्या राशि पापकर्तरी मे हैं तथा बुध राहू केतू अक्ष मे हैं |

6)11/4/1966 18:15 श्रीमाधोपुर कन्या लग्न इस पत्रिका मे शनि षष्ठेश होकर सूर्य व बुध (नीच) संग सप्तम भाव से लग्न कन्या राशि को देख रहा हैं |

7)22/5/1979 17:45 गाजियाबाद तुला लग्न इस पत्रिका मे शनि की लग्न व शुक्र दोनों पर दृस्टी हैं षष्ठेश ऊंच राशि का हैं बुध मंगल से पीड़ित हैं तथा कन्या द्वादश भाव की राशि हैं |

8)11/6/1938 20:00 इटावा धनु लग्न की इस पत्रिका मे शनि की लग्न व छठे भाव मे स्थित बुध पर दृस्टी हैं कन्या राशि पर मंगल शनि दोनों का प्रभाव हैं |

9)22/2/1965 5:00 बरेली मकर लग्न मे जन्मे इस जातक को गुर्दे मे पथरी थी | इस पत्रिका मे शनि छठे भाव के स्वामी बुध व सूर्य के संग हैं तथा कन्या राशि मे मंगल वक्री होकर स्थित हैं | इस जातक की 11/6/1992 को शल्य चिकित्सा भी हुई |

10)30/3/1973 5:15 दिल्ली कुम्भ लग्न इस पत्रिका मे शनि की छठे भाव व लग्न दोनों पर दृस्टी हैं लग्न मे बुध हैं तथा कन्या राशि मे नीच के गुरु की भी दृस्टी हैं |

11)9/2/1975 22:36 दिल्ली कन्या लग्न मे जन्मी इस जातिका के गाल ब्लेडर मे पथरी थी |

12)1/11/1985 3:50 रुड़की कन्या लग्न मे जन्मे इस जातक के गुर्दे मे पथरी थी |

13)9/7/1981 21:45 गया कुम्भ लग्न मे जन्मे इस जातक की 12/8/2008 को चिकित्सा के द्वारा पथरी निकाली गयी |

14)22/2/1965 16:00 आगरा मे मिथुन लग्न मे जन्मे इस जातक को पथरी थी |

15)21/3/1960 8:35 मेरठ मेष लग्न मे जन्मे इस जातक की 15/3/2015 को शल्य चिकित्सा द्वारा पथरी निकाली गयी |

पथरी की अन्य कुंडलीयां

16)13/10/1970 21:55 कानपुर मिथुन लग्न
17)1/11/1984 3:50 दिल्ली कन्या लग्न
18)19/8/1959 11:00 आगरा तुला लग्न
19)20/9/1938 13:10 लखनऊ धनु लग्न
20)3/12/1978 16:00 दिल्ली मेष लग्न
21)6/9/1990 2:00 दिल्ली मिथुन लग्न
22)8/2/1971 3:20 देहरादून वृश्चिक लग्न
23)1/11/1984 3:45 गढ़वाल कन्या लग्न
24)22/5/1979 17:45 मथुरा तुला लग्न
25)5/1/1978 15:08 दिल्ली वृष लग्न
26)18/10/1988 9:15 दिल्ली वृश्चिक लग्न   
27)17/12/1965 2:00 फोरबेसगंज बिहार तुला लग्न      
28)23/8/1982 6:00 दिल्ली सिंह लग्न
29)17/10/1981 00:25 दिल्ली कर्क लग्न
30)6/4/1991 11:30 दिल्ली मिथुन लग्न
31)1/4/1977 00:30 दिल्ली धनु लग्न स्त्री
32)5/1/1978 15:08 दिल्ली वृष लग्न
33)10/11/1989 8:15 शहडोल वृश्चिक
34)3/1/1990 5:00 रुड़की वृश्चिक लग्न
35)27/7/1967 11:30 रोहतक कन्या लग्न
36)12/7/1991 13:30 गुड़गाँव तुला लग्न
37)16/2/1978 22:06 दिल्ली कन्या लग्न


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