शुक्रवार, 28 अक्तूबर 2016

इस दिवाली कुछ ऐसा करे ...

इस दिवाली कुछ ऐसा करे ...

दिवाली आ रही हैं ऐसे मे प्रत्येक व्यक्ति चाहता हैं की उसके घर मे माँ लक्ष्मी की कृपा बनी रहे उसे व उसके परिवार को धन-धान्य की कमी ना हो | हमारे शास्त्रो मे लक्ष्मी प्राप्ति के वैसे तो बहुत से प्रयोग बताए गए हैं परंतु वो कितने सही व सटीक साबित होते हैं इस पर हमेशा से संशय बना रहता हैं | अपने इस प्रस्तुत लेख मे हम जनसाधारण के लिए कुछ ऐसे प्रयोग बता रहे हैं जिनसे उनके जीवन मे माँ लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहेगी |

1)दिवाली के दिन प्रात: स्नान आदि करके एक जोड़ा वस्त्र माँ लक्ष्मी व भगवान विष्णु के मंदिर मे उनके लिए दान करे व एक अन्य जोड़ा वस्त्र किसी गरीब पति पत्नी को भगवान विष्णु व लक्ष्मी समझकर दान करे यहाँ यह अवश्य ध्यान रखे की वस्त्र पीले व लाल रंग के हो |

2)शाम के समय पुजा करते समय यदि संभव होतो नए वस्त्रो का प्रयोग करे विशेषकर अपनी पत्नी को लक्ष्मी स्वरूपा मानकर अच्छी तरह से श्रंगार इत्यादि  करने को कहें व घर पर उपलब्ध सभी पूजन व मिष्ठान आदि सामग्रियों से पुजा करे | यह अवश्य ध्यान रखे की जो समान आप अपनी सामर्थ व श्रद्धा से माँ लक्ष्मी हेतु रख सकते हैं वही रखे ज़्यादा प्रपंच ना करे |

3)जब आप पुजा कर रहे हो तब बच्चो को घर के आँगन मे,छत मे पटाखे आदि जलाने को कहें ऐसा करना माँ लक्ष्मी के स्वागत मे अपनी खुशी दर्शाना  होता हैं बच्चो से पुजा करने को कहना ज़रूरी नहीं यदि वह करना चाहे तो कोई बात नहीं अन्यथा उन्हे खुशी मना लेने दे |

4)पुजा करने के बाद घर के मुख्य दरवाजे पर दीपक आदि जलाए,प्राकृतिक रोशनी करे,एक दूसरे से प्रसाद वितरण करे,बच्चो के साथ पटाखे आदि जलाए |

5)घर के बाहर लाल रंग का प्रकाश करे जिससे माँ लक्ष्मी आकर्षित होती हैं |

6)ध्यान रखे की दिवाली के पुजा आपको भगवान विष्णु व माँ लक्ष्मी की करनी हैं साधारणत: यह माना जाता हैं की इस दिन गणेश व लक्ष्मी की पुजा होती हैं भगवान गणेश का आहवाहन सभी प्रकार की पुजा मे सबसे पहले होता ही हैं उसके बाद भगवान विष्णु व फिर माँ लक्ष्मी की पुजा करे सीधे माँ लक्ष्मी की नहीं |

7)पूजन करने के बाद आरती ना करे आरती करना विसर्जन करना होता हैं इससे माँ लक्ष्मी आती तो हैं पर टिकती नहीं हैं |

8)कोशिश करे की आप उहार इत्यादि ऐसे लोगो को भी दे जिन्हे सच मे आपके उपहार की ज़रूरत हैं जिससे आपके साथ साथ उनकी भी दिवाली मने |


डॉ॰किशोर घिल्डियाल (ज्योतिषाचार्य)     

कोई टिप्पणी नहीं: