गुरुवार, 20 नवंबर 2014

किस माह मे करे गृह प्रवेश

किस माह मे करे गृह प्रवेश

हमारे भारतीय परिवेश मे गृह प्रवेश तीन प्रकार से किया जाता हैं | सपूर्व गृह प्रवेश 2) द्वंद गृह प्रवेश तथा अपूर्व गृह प्रवेश |

सपूर्व गृह प्रवेश –ऐसा मकान जिसमे पहली बार प्रवेश ना किया जा रहा हो अर्थात खाली होने के बाद जिस मकान मे गृह स्वामी स्वयं निवास करने हेतु प्रवेश करे |

द्वंद गृह प्रवेश-ऐसा मकान जिसमे मकान मालिक जीर्णोद्वार के बाद प्रवेश करे |

अपूर्व गृह प्रवेश-ऐसा मकान जिसमे गृह स्वामी ही पहली बार प्रवेश कर रहा हो |

शास्त्रो के अनुसार चैत्र मास,उत्तरायन,बसंत या ग्रीष्म ऋतु मे जब सौर्य उत्तरी गोलार्ध मे हो,चन्द्र शुक्ल पक्ष और आधे से अधिक आकार का नज़र आए तभी नए मकान मे प्रवेश करना चाहिए |

गृह प्रवेश व विभिन्न भारतीय महीने

1)माघ मास-इस माह गृह प्रवेश करने से ग्रहस्वामी को धन का लाभ होता हैं |

2)फाल्गुन मास-इस मास मे प्रवेश करने से विद्या,बुद्दि,सुख शांति तथा पुत्र संतान की प्राप्ति होती हैं

3)चैत्र मास –इस मास मे गृह प्रवेश शुक्ल पक्ष मे करने से धन लाभ,सम्पदा तहा पद लाभ मिलता हैं

4)वैशाख मास-इस मास मे गृह प्रवेश करने से धन धान्य,पशु सम्पदा,वाहन सुख तथा आरोग्यता प्राप्त होती हैं |

5)ज्येष्ठ मास- इस मास मे गृह प्रवेश करने से आय मे बढोतरी तथा व्यापार मे लाभ होता हैं |

6)आषाढ़ मास- इस मास मे गृह प्रवेश करने से धनहानी व शत्रु का कोप झेलना पड़ता हैं अवमानना व पद की हानी होती हैं |

7)श्रावण मास- इस मास मे गृह प्रवेश करने से रोग व शत्रु बढते हैं चोर इत्यादि कारण भय उत्पन्न होता हैं |

8)भाद्रपद मास-इस मास मे गृह प्रवेश करने से पित्रदोष मे वृद्दि तथा धन धान्य मे हानी होती हैं

9)आश्विन मास-इस मास मे गृह प्रवेश करने से धन हानी,शत्रु भय,परीक्षा मे विफलता मिलती हैं

10)कार्तिक मास-इस मास मे गृह प्रवेश करने से गृह स्वामी को पारिवारिक क्लेश,पत्नी व संतान की पीड़ा और शुभ कार्यो मे विघ्न का अंदेशा होता हैं |

11)मार्गशीर्ष मास –इस मास मे गृह प्रवेश करने से धन,स्वस्थ्य,व सुख शांति मे हानी होती हैं कारोबार मंदा होने लगता हैं |


12)पौष मास-इस मास मे गृह प्रवेश करने से सभी कामो मे रुकावट होने लगती हैं,बच्चो की शिक्षा मे रुकावट तथा विवाह बाधाए होती हैं |       

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